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ब्रिटेन का बड़ा कदम: पुतिन की फंडिंग रोकने के लिए रूस पर लगाए 137 नए प्रतिबंध 

ब्रिटेन का बड़ा कदम: पुतिन की फंडिंग रोकने के लिए रूस पर लगाए 137 नए प्रतिबंध 

ब्रिटेन ने रूस के ऑयल सेक्टर और शैडो फ्लीट को निशाना बनाते हुए 137 नए प्रतिबंध लगाए हैं। इसका मकसद रूस की युद्ध फंडिंग रोकना और यूक्रेन में शांति की दिशा में दबाव बनाना है।

UK-Russia: ब्रिटेन ने रूस के तेल सेक्टर और शैडो फ्लीट को निशाना बनाते हुए 137 नए प्रतिबंधों का ऐलान किया है। इस कदम का उद्देश्य रूस की वॉर फंडिंग को कमजोर करना और यूक्रेन में शांति के लिए दबाव बनाना है। ब्रिटेन का यह फैसला अमेरिका द्वारा दी गई "50-दिन की डेडलाइन" के समर्थन में सामने आया है।

रूस के खिलाफ ब्रिटेन की नई सख्ती

यूक्रेन युद्ध को दो साल से अधिक हो चुके हैं और पश्चिमी देश लगातार रूस पर दबाव बढ़ा रहे हैं। अब ब्रिटेन ने रूस की युद्ध फंडिंग को कमजोर करने के लिए 137 नए प्रतिबंध लगाए हैं। इनमें से अधिकतर प्रतिबंध रूस के तेल सेक्टर और शैडो फ्लीट पर केंद्रित हैं, जिनके जरिए रूस अंतरराष्ट्रीय बाजारों में गुप्त रूप से तेल बेचता है।

अमेरिका की डेडलाइन को मिला ब्रिटेन का समर्थन

ब्रिटेन का यह कदम अमेरिका की उस रणनीति के समर्थन में आया है, जिसमें रूस को 50 दिनों के भीतर शांति वार्ता की दिशा में कदम उठाने की चेतावनी दी गई है। अमेरिका और उसके सहयोगी देश चाहते हैं कि रूस युद्ध खत्म करने की ओर बढ़े, और इसके लिए आर्थिक व सैन्य दोनों तरह का दबाव बनाया जा रहा है।

135 शैडो फ्लीट टैंकरों पर कार्रवाई

ब्रिटेन के अनुसार, इन 137 प्रतिबंधों में 135 ऑयल टैंकर शामिल हैं जो रूस की शैडो फ्लीट का हिस्सा हैं। ये जहाज गुप्त झंडों के तहत समुद्री रास्तों से तेल की अवैध आपूर्ति करते हैं। ब्रिटेन ने दावा किया है कि इन टैंकरों ने 2024 की शुरुआत से अब तक करीब 24 बिलियन डॉलर के अवैध कार्गो की सप्लाई की है, जो सीधे तौर पर पुतिन की वॉर फंडिंग से जुड़ी है।

ब्रिटिश विदेश मंत्री ने दिया कड़ा संदेश

ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड लैमी ने कहा कि ये नए प्रतिबंध रूस की शैडो फ्लीट को कमजोर करेंगे और उसके तेल से होने वाली आय को खत्म करने में मदद करेंगे। उन्होंने कहा कि जब पुतिन शांति वार्ता से इनकार करते हैं, तब ब्रिटेन चुप नहीं बैठ सकता और वह अपनी पूरी सैंक्शन प्रणाली का इस्तेमाल करेगा।

बड़ी कंपनियां और नेटवर्क भी आए निशाने पर

ब्रिटेन की सैंक्शन लिस्ट में उन कंपनियों को भी शामिल किया गया है जो शैडो फ्लीट के संचालन में भूमिका निभा रही हैं। इनमें Intershipping Services LLC शामिल है, जिसने गबोनी झंडे के तहत जहाजों को पंजीकृत किया और हर साल 10 बिलियन डॉलर से अधिक की शिपिंग की। इसके अलावा LITASCO Middle East DMCC को भी प्रतिबंधित किया गया है, जो रूसी ऑयल कंपनी Lukoil से जुड़ी है और गुप्त रूप से तेल की आपूर्ति करती है।

तेल सेक्टर को टारगेट करने की रणनीति

ब्रिटेन का कहना है कि रूस के तेल सेक्टर पर लगाया गया हर प्रतिबंध यूक्रेन में शांति के लिए एक कदम है। पिछले तीन वर्षों में पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों के कारण रूस की ऑयल और गैस से होने वाली आमदनी में लगभग एक-तिहाई की गिरावट आई है, जो उसकी अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा झटका है।

रूस की अर्थव्यवस्था पर बढ़ रहा असर

ब्रिटेन ने दावा किया है कि रूस का वेल्थ फंड लगातार कमजोर हो रहा है। देश में महंगाई तेजी से बढ़ रही है और रक्षा खर्च नियंत्रण से बाहर जा रहा है। साथ ही, ब्रिटेन और यूरोपीय संघ ने मिलकर क्रूड ऑयल प्राइस कैप को भी कम कर दिया है, जिससे रूस की तेल कमाई और प्रभावित हो रही है।

यूक्रेन को मिलेगा और ज्यादा सैन्य सहयोग

सिर्फ आर्थिक प्रतिबंध ही नहीं, बल्कि सैन्य सहयोग भी तेजी से बढ़ाया जाएगा। मई 2024 में यूक्रेन के साथ 2.26 बिलियन पाउंड के सैन्य सहयोग का समझौता किया गया है, जिसमें से दो-तिहाई राशि हथियार खरीद में खर्च की जाएगी। यह राशि रूस की जमी हुई संपत्तियों से निकाली जाएगी। साथ ही, ब्रिटेन के डिफेंस सेक्रेटरी ने कहा कि यूरोप और अमेरिका मिलकर यूक्रेन को एडवांस एयर डिफेंस सिस्टम मुहैया कराएंगे।

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