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चैतन्यानंद केस में बड़ा एक्शन, ‘लेडी ब्रिगेड’ की तीन महिला अधिकारी गिरफ्तार

चैतन्यानंद केस में बड़ा एक्शन, ‘लेडी ब्रिगेड’ की तीन महिला अधिकारी गिरफ्तार

दिल्ली पुलिस ने चैतन्यानंद केस में बड़ी कार्रवाई करते हुए उनके सहयोगी ‘लेडी ब्रिगेड’ की तीन महिला अधिकारियों को गिरफ्तार किया। पूछताछ में छात्राओं को धमकाने और अश्लील सामग्री को छुपाने का खुलासा हुआ।

नई दिल्ली: पुलिस ने चैतन्यानंद सरस्वती के मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए उनके ‘लेडी ब्रिगेड’ में शामिल तीन महिला अधिकारियों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार आरोपियों में एसोसिएट डीन श्वेता शर्मा, कार्यकारी निदेशक भावना कपिल और वरिष्ठ संकाय सदस्य काजल शामिल हैं। पुलिस ने बताया कि इन महिलाओं पर छात्राओं को धमकाने, सबूत नष्ट करने और अपराध में मदद करने के आरोप हैं।

यह कार्रवाई चैतन्यानंद सरस्वती के खिलाफ चल रही जांच के हिस्से के तौर पर की गई है। इससे पहले सरस्वती को 17 छात्राओं के कथित यौन उत्पीड़न के मामले में गिरफ्तार किया गया था।

चैतन्यानंद की ‘लेडी गैंग’ पर खुलासे

पुलिस के अनुसार, गिरफ्तार महिलाओं ने पूछताछ में स्वीकार किया कि वे चैतन्यानंद के निर्देशों का पालन करती थीं। छात्राओं पर दबाव बनाने और अश्लील संदेशों को मोबाइल से हटवाने का काम भी वे करती थीं। इसके अलावा, महिलाओं को धमकाने और संस्थान के अंदर अनुशासन बनाए रखने के लिए उनकी भूमिका सामने आई।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि अल्मोड़ा में एक पुलिस दल ने कथित गेस्ट हाउस का दौरा किया, जहां सरस्वती ने छात्राओं के साथ रुके थे। इस दौरान मोबाइल फोन से बरामद डिजिटल साक्ष्य चैतन्यानंद के आपराधिक व्यवहार को प्रमाणित करते हैं।

आगरा में सरस्वती की गिरफ्तारी और जांच जारी

सरस्वती को पिछले रविवार को आगरा से गिरफ्तार किया गया था। जांच में यह सामने आया कि उन्होंने छात्राओं के साथ यौन उत्पीड़न किया और उन्हें ‘बेबी डॉल’ जैसे संबोधन से बुलाया। इसके अलावा उन्हें विदेश में ग्राहकों को पेश करने और नौकरी या फ्लाइट स्टीवर्ड का झांसा देने के आरोप भी हैं।

जांच के दौरान पुलिस ने सरस्वती के कार्यालय और परिसर से अश्लील सामग्री, ‘सेक्स टॉय’ और कई सीडी जब्त किए हैं। साथ ही फर्जी तस्वीरें, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी और अन्य अंतरराष्ट्रीय नेताओं के साथ फोटोशॉप किए गए चित्र शामिल हैं, भी बरामद किए गए।

जांच में किए गए खुलासे

जांच में सामने आया कि सरस्वती का कार्यालय महिलाओं को प्रभावित करने के लिए लक्जरी सुइट जैसा बनाया गया था। वह अक्सर महंगे उपहार देता और उनसे योग करते हुए अपनी तस्वीरें और वीडियो साझा करवाता था। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि चैतन्यानंद का रवैया अपराधबोध या पछतावे को नहीं दर्शाता, जिससे उसकी कथित योजनाओं की गंभीरता और बढ़ जाती है।

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