चीन पाकिस्तान की सैन्य ताकत बढ़ा रहा है। आठ हंगोर पनडुब्बियों में से तीन तैनात। ग्वादर बंदरगाह और हिंद महासागर में तैनाती से भारत के लिए समुद्री सुरक्षा चुनौती बढ़ी।
PAK-China: चीन ने पाकिस्तान को आठ हंगोर-श्रेणी की पनडुब्बियां देने का एलान किया है। इनमें से तीन पनडुब्बियां पाकिस्तान को पहले ही सौंप दी गई हैं। ये पनडुब्बियां ग्वादर बंदरगाह और हिंद महासागर में तैनात की जा रही हैं। चीन लगातार पाकिस्तान की नौसेनिक ताकत बढ़ाने का काम कर रहा है। इस सहयोग से पाकिस्तान की समुद्री क्षमता में वृद्धि हुई है और क्षेत्रीय शक्ति संतुलन पर असर पड़ सकता है।
स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) की रिपोर्ट के अनुसार, चीन पाकिस्तान को 81 प्रतिशत से ज्यादा सैन्य उपकरणों की आपूर्ति करता है। पिछले पांच वर्षों में पाकिस्तान ने चीन से कई महत्वपूर्ण ऑर्डर हासिल किए हैं। इनमें पहला जासूसी जहाज रिजवान, 600 से अधिक VT-4 टैंक और 36 J-10CE लड़ाकू विमान शामिल हैं।
हंगोर-श्रेणी की पनडुब्बियों का महत्व
पाकिस्तान के उप नौसेना प्रमुख परियोजना-2 वाइस एडमिरल अब्दुल समद ने बताया कि हंगोर श्रेणी की पनडुब्बियों में अत्याधुनिक हथियार और उन्नत सेंसर हैं। ये पनडुब्बियां क्षेत्रीय शक्ति संतुलन बनाए रखने और समुद्री स्थिरता सुनिश्चित करने में सहायक होंगी।
चीनी पनडुब्बियों का पाकिस्तान में तैनात होना भारत और अन्य क्षेत्रीय देशों के लिए चिंता का विषय है। हिंद महासागर में बढ़ती चीनी सैन्य उपस्थिति सुरक्षा और व्यापारिक मार्गों पर भी असर डाल सकती है।
चीन का रणनीतिक लाभ और भारत पर प्रभाव
चीन और भारत के बीच रणनीतिक प्रतिस्पर्धा पिछले कई सालों से चल रही है। जबकि भारत चीन को दोस्ती का हाथ बढ़ा रहा है, चीन पाकिस्तान को हथियार और सैन्य तकनीक मुहैया कराकर क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत कर रहा है।
पाकिस्तान में चीनी हथियारों की आपूर्ति भारत के लिए सुरक्षा की चुनौती है। चीन पाकिस्तान को न केवल पनडुब्बियां दे रहा है, बल्कि लड़ाकू विमान और युद्धक टैंक भी प्रदान कर रहा है। इससे भारत को अपनी समुद्री और वायु रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने की आवश्यकता है।
चीन-पाकिस्तान का लंबा सैन्य इतिहास
पाकिस्तान और चीन के सैन्य सहयोग का इतिहास लंबे समय से रहा है। SIPRI रिपोर्ट के अनुसार, चीन पाकिस्तान के 81 प्रतिशत से अधिक हथियार और सैन्य उपकरण मुहैया कराता है। 2022 में पाकिस्तान को बहुउद्देशीय J-10CE लड़ाकू विमानों की पहली खेप दी गई थी।
इन हथियारों का वितरण पाकिस्तान की सैन्य क्षमता को बढ़ा रहा है। यह सहयोग केवल तकनीकी मदद तक सीमित नहीं है, बल्कि रणनीतिक रूप से पाकिस्तान को मजबूत करके भारत और क्षेत्रीय देशों के लिए चुनौती खड़ी कर रहा है।
ग्वादर बंदरगाह और हिंद महासागर में रणनीतिक स्थितियां
पाकिस्तान ने हंगोर-श्रेणी की पनडुब्बियों को ग्वादर बंदरगाह के साथ-साथ हिंद महासागर में तैनात किया है। यह क्षेत्र भारत और अन्य क्षेत्रीय देशों के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है। ग्वादर बंदरगाह पाकिस्तान और चीन के लिए समुद्री नियंत्रण और व्यापारिक मार्गों में बढ़त का साधन बन सकता है। हिंद महासागर में चीन की बढ़ती मौजूदगी भारत के समुद्री सुरक्षा हितों के लिए चुनौतीपूर्ण है। यह क्षेत्र एशिया और अफ्रीका के बीच व्यापारिक और रणनीतिक लिंक का केंद्र है।