Columbus

Closing Bell: बाजार में बिकवाली तेज, सेंसेक्स-निफ्टी लाल निशान में बंद

Closing Bell: बाजार में बिकवाली तेज, सेंसेक्स-निफ्टी लाल निशान में बंद

26 सितंबर को भारतीय शेयर बाजार लाल निशान में बंद हुआ। सेंसेक्स 733 अंक टूटकर 80,425.07 और निफ्टी 236.50 अंक गिरकर 24,654.35 पर बंद हुआ। अमेरिकी ट्रम्प के 100% फार्मा टैरिफ, FII की बिकवाली, वैश्विक बाजारों की कमजोरी, रुपये में गिरावट और सोने-चांदी में बढ़ता आकर्षण मुख्य गिरावट के कारण रहे।

Stock Market Today: भारतीय शेयर बाजार 26 सितंबर को लगातार छठे दिन लाल निशान में खुला और उतार-चढ़ाव भरे कारोबार के बाद बंद हुआ। सेंसेक्स 733.22 अंक या 0.90% गिरकर 80,425.07 और निफ्टी 236.50 अंक या 0.95% गिरकर 24,654.35 पर बंद हुआ। बाजार गिरावट के पीछे अमेरिकी ट्रम्प के फार्मा टैरिफ, विदेशी निवेशकों की भारी बिकवाली, एशियाई बाजारों में कमजोरी, रुपये में गिरावट और सोने-चांदी में निवेश आकर्षण जैसी वजहें रही।

बाजार खुलने का स्तर

आज हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन सेंसेक्स 80,956.01 के स्तर पर खुला। पिछली बंदी के मुकाबले यह स्तर थोड़ी कमजोरी दिखा रहा था। शुरुआती सत्र में सेंसेक्स के आठ शेयरों में तेजी देखने को मिली, जबकि बाकी सभी शेयर लाल निशान में ट्रेड करते रहे। निफ्टी 24,818.55 पर खुला, जो पिछले दिन 24,890.85 पर बंद हुआ था।

प्रमुख शेयरों में उतार-चढ़ाव

आज इंडसइंड बैंक, सन फार्मा, महिंद्रा एंड महिंद्रा, बजाज फाइनेंस और टाटा स्टील के शेयर सबसे ज्यादा गिरावट में रहे। वहीं एलएंडटी, टाटा मोटर्स, आयशर मोटर्स, मारुति सुजुकी और आईटीसी के शेयरों में बढ़त देखने को मिली।

सभी क्षेत्रीय सूचकांक लाल निशान में कारोबार करते रहे। बैंक, पूंजीगत वस्तुएँ, टिकाऊ उपभोक्ता वस्तुएँ, धातु, आईटी, दूरसंचार, फार्मा, तेल एवं गैस और पीएसयू बैंक सूचकांक 1 से 2 प्रतिशत नीचे बंद हुए। बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांक भी लगभग 2 प्रतिशत नीचे बंद हुए।

फार्मा सेक्टर पर अमेरिकी टैरिफ का असर

भारतीय फार्मा शेयरों में गिरावट का प्रमुख कारण अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के 100 प्रतिशत टैरिफ का फैसला है। अमेरिका ने ब्रांडेड और पेटेंट दवाओं पर यह टैरिफ लगाया है। निफ्टी फार्मा इंडेक्स 590 अंक या 2.7 प्रतिशत गिरकर दिन के निचले स्तर 21,390.25 पर पहुंच गया। इस सेक्टर के 20 में से 17 शेयर नुकसान में रहे। लॉरस लैब्स, बायोकॉन, ज़ाइडस लाइफसाइंसेस और नैटको फार्मा में सबसे ज्यादा गिरावट दर्ज हुई।

शुक्रवार को एशियाई बाजारों में भी दबाव रहा। जापान का निक्केई 0.9 प्रतिशत फिसल गया। चीन, हांगकांग और कोरिया के प्रमुख शेयर सूचकांक भी लाल निशान में बंद हुए। एशियाई बाजारों में गिरावट से भारतीय बाजारों पर भी नकारात्मक असर पड़ा।

विदेशी निवेशकों की बिकवाली

विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) की लगातार बिकवाली ने बाजार में दबाव बढ़ाया है। गुरुवार को उन्होंने 4,995.42 करोड़ रुपये मूल्य के घरेलू शेयर बेचे। सितंबर में अब तक उनकी कुल निकासी 13,450 करोड़ रुपये हो गई है। वित्त वर्ष 2025 में अब तक FII ने 1,44,085 करोड़ रुपये मूल्य के घरेलू शेयर बेचे हैं। इस बिकवाली से बाजार की कमजोरी साफ दिख रही है।

रुपया कमजोर हुआ

भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले कमजोर हुआ। मौजूदा समय में रुपया 88.7975 के स्तर पर ट्रेड कर रहा है। डॉलर के मुकाबले रुपये की कमजोरी ने बाजार में दबाव बढ़ाया और निवेशकों की सतर्कता बढ़ा दी।

सोने और चांदी की बढ़ती कीमतें

बुलियन का आकर्षण भी शेयर बाजार में गिरावट का कारण बना। निवेशक सोने और चांदी जैसे सुरक्षित विकल्पों की ओर रुख कर रहे हैं। इस वजह से इक्विटी में पूंजी का दबाव बना रहा। सोने और चांदी में तेजी ने निवेशकों को सुरक्षित निवेश की ओर आकर्षित किया।

बाजार के कुल प्रभाव

आज के कारोबार में सेंसेक्स और निफ्टी दोनों सूचकांक लाल निशान में बंद हुए। भारतीय शेयर बाजार में लगातार बिकवाली, एफआईआई की निकासी, रुपये की कमजोरी और वैश्विक बाजारों की गिरावट ने मिलकर बाजार दबाव पैदा किया। फार्मा सेक्टर पर अमेरिकी टैरिफ के असर ने भी निवेशकों की चिंता बढ़ाई।

Leave a comment