एडुटेक कंपनी वेदांतु ने आईपीओ से पहले मौजूदा निवेशकों से $1.1 करोड़ (करीब ₹98 करोड़) जुटाए हैं। फंड का इस्तेमाल ग्रोथ कैपिटल के बजाय आईपीओ से पहले फ्लेक्सिबिलिटी और शुरुआती चाइनीज निवेशकों को बाहर निकलने का विकल्प देने के लिए किया जाएगा। कंपनी का वित्तीय प्रदर्शन मजबूत है और मार्च 2025 से लगातार मुनाफे में है।
Vedantu Strategy: बेंगलुरू की एडुटेक कंपनी वेदांतु ने आईपीओ की तैयारियों के तहत एबीसी वर्ल्ड एशिया, एस्सेल इंडिया और ओमिडिआर नेटवर्क जैसे मौजूदा निवेशकों से $1.1 करोड़ (करीब ₹98 करोड़) जुटाए हैं। कंपनी ने यह फंड आईपीओ से पहले फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ाने और शुरुआती निवेशकों को बाहर निकलने का रास्ता देने के लिए जुटाया है। वित्त वर्ष 2025 में कंपनी का कलेक्शंस और फ्री कैश फ्लो दोनों मजबूत रहे हैं, और यह लगातार छह महीने से मुनाफे में है।
सीईओ का बयान
वेदांतु के को-फाउंडर और सीईओ वामसी कृष्ण का कहना है कि कंपनी पहले से ही कैश पॉजिटिव है। इसलिए इस फंड का इस्तेमाल ग्रोथ कैपिटल के लिए नहीं किया जाएगा। इसके बजाय इसका मकसद आईपीओ से पहले कंपनी को फ्लेक्सिबिलिटी देना है। सीईओ ने बताया कि आईपीओ से पहले कुछ शुरुआती निवेशकों को बाहर निकलने का मौका दिया जाएगा और इसके लिए नए निवेशकों को शामिल किया जा रहा है।
आईपीओ की तैयारी
वेदांतु का आईपीओ वर्ष 2027 में लाने की योजना है। इस आईपीओ के जरिए कंपनी के शुरुआती चाइनीज निवेशक जैसे टीएएल एजुकेशन और लीजेंड कैपिटल अपने निवेश पर मुनाफा निकाल पाएंगे। फंड जुटाने का यह कदम कंपनी के बड़े पैमाने पर चल रहे फंडिंग प्रोग्राम का हिस्सा है।
अब तक जुटाई गई राशि और वैल्यूएशन
ट्रैकन के आंकड़ों के अनुसार वेदांतु अब तक 17 इक्विटी राउंड में $32.6 करोड़ जुटा चुकी है। कंपनी का मौजूदा वैल्यूएशन लगभग $91.2 करोड़ है। पिछली बार सितंबर 2021 में कंपनी ने एबीसी वर्ल्ड एशिया, कोट, टाइगर ग्लोबल, जीजीवी कैपिटल और वेस्टब्रिज जैसे निवेशकों से $10 करोड़ जुटाए थे। इसके बाद कंपनी ने छोटे राउंड और कर्ज के जरिए अतिरिक्त फंड जुटाया।
वेदांतु का मार्च 2025 तिमाही का कैश फ्लो ₹90 करोड़ रहा और यह पॉजिटिव रहा। इसमें सालाना आधार पर 67 प्रतिशत की तेजी दर्ज हुई। इसी दौरान कंपनी का फ्री कैश फ्लो ₹6 करोड़ से ज्यादा रहा। वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून 2025) में कंपनी का कलेक्शंस ₹110 करोड़ रहा, जो उसके लिए एक सीजनल रिकॉर्ड है। कंपनी को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2026 में इसका कलेक्शंस 30 प्रतिशत की ग्रोथ के साथ लगभग ₹370 करोड़ तक पहुंच जाएगा।
वित्त वर्ष 2025 में कंपनी का कलेक्शंस 55 प्रतिशत बढ़कर ₹284 करोड़ पर पहुंच गया और कैश बर्न 30 प्रतिशत घटकर ₹70 करोड़ रह गया। वेदांतु लगातार छह महीने से मुनाफे में है।
ऑनलाइन और ऑफलाइन बिजनेस
कंपनी का लगभग 60 प्रतिशत रेवेन्यू ऑनलाइन चैनल से आता है। वित्त वर्ष 2025 में ऑनलाइन के-12 बिजनेस 33 प्रतिशत बढ़ा और पिछले दो तिमाहियों में इसमें 70 प्रतिशत की तेजी आई। कंपनी ने अपने ऑफलाइन कारोबार का विस्तार भी किया है। इसके तहत 100 से अधिक हाइब्रिड सेंटर और फ्रेंचाइजी पार्टनर्स को जोड़ा गया है।
इसके अलावा वेदांतु अधिग्रहण के जरिए के-12 स्पेस में विस्तार कर रही है। यह रणनीति कंपनी को नए छात्रों तक पहुंच बनाने और बाजार हिस्सेदारी बढ़ाने में मदद कर रही है।
मौजूदा निवेशकों की भागीदारी
वेदांतु ने यह फंड ऐसे समय पर जुटाया है जब बायजूज और अनएकेडमी जैसी कंपनियों की गवर्नेंस संबंधी दिक्कतों के चलते एडुटेक फंडिंग में कमी आई थी। अब स्थिति बदल रही है और निवेशक फिर से वेदांतु जैसी स्थिर कंपनियों में निवेश कर रहे हैं। Omidyar Network का भी भारत से बाहर निकलने के बाद अब वेदांतु जैसी आईपीओ की संभावना वाली कंपनियों में निवेश जारी है।
निवेशकों को मिली ताकत
इस फंडिंग से वेदांतु को आईपीओ से पहले वित्तीय और रणनीतिक फ्लेक्सिबिलिटी मिली है। कंपनी अब नए निवेशकों और शुरुआती निवेशकों के बीच संतुलन बना रही है। सीईओ ने कहा कि यह कदम कंपनी को भविष्य में बड़े पैमाने पर विस्तार और निवेशकों के लिए आसान निकासी का अवसर देगा।