मारुति सुजुकी दुनिया की 8वीं सबसे मूल्यवान ऑटो कंपनी बन गई है, जिसका मार्केट कैप 57.6 बिलियन डॉलर पहुंचा। इसने फोर्ड, जीएम, फॉक्सवैगन और अपनी पैरेंट कंपनी सुजुकी को पीछे छोड़ दिया है। जीएसटी 2.0 से छोटी कारों की बिक्री बढ़ी और शेयरों में 25% से अधिक की तेजी आई, जिससे कंपनी को यह वैश्विक बढ़त मिली।
Maruti Suzuki: भारतीय ऑटो सेक्टर के लिए गर्व की खबर है कि मारुति सुजुकी अब दुनिया की आठवीं सबसे बड़ी वाहन निर्माता कंपनी बन गई है। ETIG रिपोर्ट के मुताबिक, इसका मार्केट कैप 57.6 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है, जिससे इसने फोर्ड, जनरल मोटर्स और फॉक्सवैगन को पीछे छोड़ दिया। जीएसटी 2.0 के लागू होने और छोटी कारों की बिक्री में तेजी ने कंपनी के शेयरों को नई उड़ान दी है।
मेक इन इंडिया की बड़ी कामयाबी
मारुति का यह सफर केवल एक कंपनी की सफलता नहीं है बल्कि मेक-इन-इंडिया पहल की ताकत को भी दर्शाता है। लंबे समय से मारुति छोटे और मिड-सेगमेंट कारों के जरिए भारतीय बाजार पर राज कर रही है और अब उसका नाम वैश्विक स्तर पर भी सबसे आगे गिना जा रहा है। कंपनी ने अपनी जापानी पैरेंट कंपनी सुजुकी को भी मार्केट कैप में पीछे छोड़ दिया है, जो अब केवल 29 बिलियन डॉलर पर खड़ी है।
जीएसटी 2.0 से मिली नई उड़ान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वतंत्रता दिवस पर घोषित जीएसटी 2.0 ने मारुति को नई रफ्तार दी है। यह नया टैक्स स्ट्रक्चर 22 सितंबर से लागू हुआ और इसका सबसे बड़ा फायदा छोटी और किफायती कारों को मिला। चूंकि मारुति की कुल बिक्री में 60 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सा इन्हीं गाड़ियों का है, इसलिए कंपनी को इसका सीधा फायदा मिला। बिक्री में आई तेजी ने मारुति के शेयरों को भी मजबूती दी और कंपनी की वैल्यूएशन रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई।
शेयर बाजार में मारुति की चमक
अगस्त से लेकर सितंबर के आखिरी हफ्ते तक मारुति सुजुकी के शेयरों में 25.5 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई। 14 अगस्त को इसका शेयर 12,936 रुपये था, जो 25 सितंबर तक 16,318 रुपये पर पहुंच गया। यह उछाल निफ्टी ऑटो इंडेक्स से दोगुना रहा, जिसने इसी अवधि में केवल 11 प्रतिशत की बढ़त हासिल की। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक भी भारतीय ऑटो सेक्टर की ओर आकर्षित हुए हैं और इसमें मारुति उनकी पहली पसंद बनी है।
ग्लोबल रैंकिंग में नई पहचान
मारुति सुजुकी का मौजूदा वैल्यूएशन अब फोर्ड के 46.3 बिलियन डॉलर, जनरल मोटर्स के 57.1 बिलियन डॉलर और फॉक्सवैगन के 55.7 बिलियन डॉलर से आगे निकल चुका है। इतना ही नहीं, मारुति का मूल्यांकन अपनी पैरेंट कंपनी से भी दोगुना हो गया है। हालांकि, वैश्विक स्तर पर अभी भी टेस्ला 1.47 ट्रिलियन डॉलर के मार्केट कैप के साथ सबसे ऊपर है। इसके बाद टोयोटा 314 बिलियन डॉलर, चीन की BYD 133 बिलियन डॉलर, फेरारी 92.7 बिलियन डॉलर, बीएमडब्ल्यू 61.3 बिलियन डॉलर और मर्सिडीज-बेंज 59.8 बिलियन डॉलर के साथ सूची में आगे हैं। लेकिन मारुति का इस सूची में आठवें पायदान पर आना अपने आप में बड़ी उपलब्धि है।
घरेलू बाजार में दबदबा कायम
भारतीय बाजार की बात करें तो मारुति सुजुकी की पकड़ पहले से ही मजबूत रही है। कंपनी की कॉम्पैक्ट और एंट्री-लेवल कारें ही इसकी पहचान हैं और यही इसकी कुल बिक्री का बड़ा हिस्सा बनाती हैं। कंपनी का दावा है कि जीएसटी 2.0 लागू होने के बाद से उसे हर दिन 15 हजार से ज्यादा बुकिंग मिल रही हैं। नवरात्रि की शुरुआत पर ही कंपनी ने 30 हजार गाड़ियों की डिलीवरी की, जो इसकी बढ़ती लोकप्रियता का सबूत है।
एक्सपोर्ट में भी मजबूती
मारुति सुजुकी केवल घरेलू स्तर पर ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी अपनी जगह बना रही है। कंपनी भारत से सबसे ज्यादा गाड़ियां निर्यात करने वाली ऑटो कंपनी है। अफ्रीका, लैटिन अमेरिका और एशिया के कई देशों में मारुति की गाड़ियों की मांग लगातार बढ़ रही है। इससे कंपनी का कारोबार और ज्यादा स्थिर और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनता जा रहा है।
निवेशकों का बढ़ा भरोसा
मारुति की इस जबरदस्त सफलता ने निवेशकों का भरोसा भी बढ़ाया है। विदेशी और घरेलू निवेशकों दोनों ने हाल के महीनों में कंपनी के शेयरों में बड़ी हिस्सेदारी बढ़ाई है। विश्लेषकों का मानना है कि आने वाले त्योहारों के सीजन में मारुति की बिक्री और भी मजबूत हो सकती है, जिससे इसके शेयर और ऊंचे जा सकते हैं।
भारतीय ऑटो सेक्टर के लिए बड़ा संदेश
मारुति का दुनिया की आठवीं सबसे बड़ी ऑटो कंपनी बनना केवल एक आंकड़ा नहीं है। यह भारतीय ऑटो सेक्टर के लिए एक बड़ा संदेश है कि भारत अब केवल एक उपभोक्ता बाजार नहीं रहा, बल्कि वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने वाला एक बड़ा खिलाड़ी बन चुका है।