मोटापा डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और हृदय रोग जैसी गंभीर बीमारियों का मुख्य कारण है। पेट का मोटापा विशेष रूप से खतरनाक है क्योंकि यह मेटाबॉलिज्म और इंसुलिन कार्य को प्रभावित करता है। संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और जरूरत पड़ने पर बैरियाट्रिक सर्जरी मोटापे और उससे जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं से बचाव में मदद कर सकते हैं।
Risk of Diabetes from Obesity: भारत में मोटापा तेजी से बढ़ रहा है और यह डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, हृदय रोग और अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का प्रमुख कारण बन गया है। सीनियर सर्जन डॉ. आशीष गौतम के अनुसार, पेट का फैट शरीर में इंसुलिन की सक्रियता घटाता है और ब्लड शुगर बढ़ाता है। वजन बढ़ने के पीछे शहरों में शारीरिक गतिविधि की कमी और गलत आहार मुख्य कारण हैं। मोटापे से बचाव के लिए संतुलित डाइट, नियमित व्यायाम और गंभीर मामलों में बैरियाट्रिक सर्जरी की सलाह दी जाती है।
मोटापे का डायबिटीज और ब्लड प्रेशर से संबंध
डॉ. आशीष गौतम, सीनियर डायरेक्टर - लेप्रोस्कोपिक और रोबोटिक सर्जरी, मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, पटपड़गंज बताते हैं कि अत्यधिक फैट शरीर में ऐसे कैमिकल रिलीज करता है जो इंसुलिन के काम को प्रभावित करते हैं। यह विशेष रूप से पेट के आसपास जमा फैट के कारण होता है। जब कोशिकाओं के लिए ग्लूकोज अवशोषित करना कठिन हो जाता है, तो ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है और टाइप 2 डायबिटीज का खतरा पैदा हो जाता है।
पेट का मोटापा मेटाबॉलिज्म की समस्या से जुड़ा होता है और इससे हृदय रोग, सांस लेने में कठिनाई और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। बच्चों में मोटापे का आंकड़ा भी चिंताजनक है। भारत में 14.4 मिलियन से अधिक बच्चे मोटे हैं। मोटे बच्चों में डायबिटीज और अन्य मेटाबॉलिक समस्याओं का खतरा अधिक होता है।
मोटापा और हाई ब्लड प्रेशर
अधिक वजन होने से ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। शरीर में खून की मात्रा बढ़ने और हृदय पर दबाव बढ़ने से ब्लड प्रेशर ऊंचा हो जाता है। फैट सेल्स से उत्पन्न रसायन खून की नलियों को संकीर्ण करते हैं, जिससे ब्लड प्रेशर और बढ़ जाता है। हाई ब्लड प्रेशर हृदय, किडनी और मस्तिष्क के लिए गंभीर खतरा बन सकता है। पेट का मोटापा विशेष रूप से हानिकारक है क्योंकि यह सूजन और मेटाबॉलिज्म से जुड़ी समस्याओं को बढ़ाता है।
भारत में वजन बढ़ने के कारण
शहरों की ओर पलायन और शारीरिक गतिविधियों में कमी मोटापे का एक बड़ा कारण है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट कहती है कि भारत की आधी आबादी पर्याप्त व्यायाम नहीं करती। इसके अलावा, आहार में प्रोसेस्ड और अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड का अधिक सेवन, जिसमें कैलोरी ज्यादा और पोषण कम होता है, मोटापे की समस्या को बढ़ा रहा है। कोविड-19 के दौरान घर पर रहने और गतिविधियों में कमी के कारण वजन बढ़ने की समस्या और गंभीर हो गई।
मोटापे से बचाव के उपाय
मोटापे को नियंत्रित करने के लिए जीवनशैली में बदलाव जरूरी है। संतुलित आहार जिसमें फल, सब्जियां, साबुत अनाज और लीन प्रोटीन शामिल हों, वजन को नियंत्रित रखने में मदद करता है। प्रोसेस्ड फूड कम से कम लेना चाहिए और खाने की मात्रा पर ध्यान रखना चाहिए। नियमित व्यायाम हार्ट हेल्थ बनाए रखने, कैलोरी बर्न करने और इंसुलिन की कार्यक्षमता बढ़ाने में सहायक है। तेज चलना, साइकिल चलाना और घर पर व्यायाम करना ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने में मदद करता है।
बैरियाट्रिक सर्जरी
कुछ लोगों के लिए आहार और व्यायाम से वजन नियंत्रित करना मुश्किल होता है। ऐसे मामलों में बैरियाट्रिक सर्जरी विकल्प हो सकता है। यदि किसी व्यक्ति का BMI 32 से अधिक हो और डायबिटीज या हाई ब्लड प्रेशर भी हो, तो यह सर्जरी लाभकारी हो सकती है। गंभीर मामलों में BMI 35 से अधिक होना चाहिए। स्लीव गैस्ट्रेक्टोमी और गैस्ट्रिक बाईपास जैसी रोबोटिक सर्जरी से पेट छोटा होता है और भूख कम महसूस होती है। कई मरीज सर्जरी के कुछ ही दिनों बाद ब्लड शुगर में सुधार अनुभव करते हैं।
सर्जरी के बाद जीवनशैली
सर्जरी के बाद भी वजन पर नियंत्रण रखना जरूरी है। संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, पर्याप्त पानी पीना और फॉलो-अप विजिट्स से वजन नियंत्रित रखा जा सकता है। यह मांसपेशियों को बनाए रखने और वजन बढ़ने से रोकने में मदद करता है।