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AIMIM की न्याय यात्रा तेज! ओवैसी ने सीमांचल प्रेस कॉन्फ्रेंस में मोदी सरकार पर बोला जमकर हमला

AIMIM की न्याय यात्रा तेज! ओवैसी ने सीमांचल प्रेस कॉन्फ्रेंस में मोदी सरकार पर बोला जमकर हमला

असदुद्दीन ओवैसी ने सीमांचल में मोदी सरकार की नीति पर सवाल उठाए और AIMIM की बिहार चुनाव में सक्रिय भूमिका पर जोर दिया। क्रिकेट मैच, घुसपैठ और युवा वोटर मुद्दों पर उन्होंने तीखी टिप्पणी की।

Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर सियासी तैयारियां तेज हो गई हैं। इस बीच ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने सीमांचल में अपनी न्याय यात्रा और चुनावी रणनीति को और तेज कर दिया है। शुक्रवार, 26 सितंबर 2025 को पूर्णिया में प्रेस कॉन्फ्रेंस में ओवैसी ने मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने क्रिकेट मैच को लेकर केंद्र सरकार की नीति पर सवाल उठाए और विपक्षी दलों की तुलना में AIMIM की भूमिका पर भी जोर दिया।

क्रिकेट मैच और फौज की कामयाबी

ओवैसी ने कहा कि संसद में खड़े होकर ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान उन्होंने फौज की कामयाबी की सराहना की थी। लेकिन मोदी सरकार के क्रिकेट मैच आयोजन पर सवाल उठाया। ओवैसी ने कहा कि पीएम मोदी ने संसद में कहा था कि पानी और खून एक साथ नहीं बह सकता। उन्होंने सवाल किया कि जब लोगों की जान जोखिम में थी तो क्रिकेट मैच क्यों खेला गया। उनका कहना था कि यह हिप्पोक्रेसी (hypocrisy) है और देशवासियों को इसकी सच्चाई जाननी चाहिए।

26 लोगों की जान की कीमत

मोदी सरकार पर तीखा हमला करते हुए ओवैसी ने कहा कि अगर क्रिकेट ही खेलना था तो सरकार ने ट्रेड और पानी की सुविधाओं को क्यों रोका। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि 26 लोगों की जान की कीमत क्या 3000 करोड़ रुपये है। ओवैसी ने कहा कि देशवासियों को इसके जवाब की जरूरत है। उनके अनुसार यह मुद्दा सिर्फ खेल या राजनीति का नहीं, बल्कि जिम्मेदारी और संवेदनशीलता का है।

बिहार में चुनाव लड़ने को लेकर बयान

सीमांचल में अकेले चुनाव लड़ने के सवाल पर ओवैसी ने कहा कि अभी खेल बाकी है। उन्होंने बताया कि सियासत में मोहब्बत का एकतरफा असर नहीं होता। आई लव मोहम्मद के सवाल पर ओवैसी ने कहा कि इसमें कोई Anti National बात नहीं है। उनका कहना था कि जब प्यार का शब्द इस्तेमाल हो रहा है तो इसे आप किस नजरिए से नकारेंगे।

घुसपैठ का मुद्दा

असदुद्दीन ओवैसी ने सीमांचल में घुसपैठ के सवाल पर केंद्र सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र की जनता को बदनाम करने के लिए उन पर घुसपैठिए जैसी तोहमत लगाई जा रही है। ओवैसी ने सीधे अमित शाह से सवाल किया कि आप यहां क्या कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश से आए लोग जैसे शेख हसीना, उन्हें पहले बाहर किया जाना चाहिए। उनका सवाल था कि ऐसी कौन सी नीतियां लागू की गईं जो सीमांचल की जनता के लिए फायदेमंद साबित हुईं।

Gen Z और युवा वोटर

ओवैसी ने बिहार के युवा वोटरों को लेकर भी सवाल उठाए। उन्होंने बताया कि बिहार में 25 साल से कम उम्र के वोटर लगभग 58 प्रतिशत हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि युवा वर्ग तक योजनाओं का लाभ पहुंचे। उनका कहना था कि युवा वोटर बिहार की राजनीति में निर्णायक भूमिका निभाएंगे और इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

सभी नेताओं को कटघरे में किया खड़ा

सीमांचल के मुद्दे पर ओवैसी पहले भी पीएम मोदी, अमित शाह, नीतीश कुमार, लालू प्रसाद यादव और कांग्रेस को कटघरे में खड़ा कर चुके हैं। उन्होंने हमेशा सीमांचल की जनता के मुद्दों को उजागर किया है। उनका कहना है कि AIMIM इस क्षेत्र में अकेले चुनाव लड़कर जनता को सही प्रतिनिधित्व देने का काम करेगा।

AIMIM की रणनीति

AIMIM ने सीमांचल में अपनी न्याय यात्रा को और तेज कर दिया है। ओवैसी का फोकस राज्य में मुस्लिम समुदाय और सीमांचल के विकास से जुड़े मुद्दों पर है। उनका दावा है कि पार्टी अकेले चुनाव लड़कर जनता के हितों के लिए काम करेगी। उन्होंने साफ कहा कि अभी खेल बाकी है और AIMIM बिहार के राजनीति में निर्णायक भूमिका निभाएगी।

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