अगर कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है, तो जीवनसाथी को मिलने वाली फैमिली पेंशन इनकम टैक्स के दायरे में आएगी। रिटायरमेंट के समय सब्सक्राइबर कॉर्पस का 60% तक निकासी टैक्स फ्री होगी, जबकि मासिक पेंशन पर सामान्य इनकम टैक्स लागू होगा। आंशिक विदड्रॉअल में 25% तक की राशि टैक्स फ्री होती है।
UPS Pension Scheme: फाइनेंशियल सर्विसेज डिपार्टमेंट (DFS) ने बताया कि यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) के तहत कर्मचारी की मृत्यु होने पर जीवनसाथी को मिलने वाली फैमिली पेंशन इनकम फ्रॉम अदर सोर्सेज के अंतर्गत टैक्सेबल होगी। रिटायरमेंट या सुपरऐन्यूएशन पर सब्सक्राइबर अपने कॉर्पस का 60% तक निकाल सकते हैं, जो टैक्स फ्री होगा, जबकि मासिक पेंशन पर सामान्य टैक्स लागू होगा। आंशिक विदड्रॉअल में 25% तक की राशि भी टैक्स फ्री रहेगी।
फैमिली पेंशन होगी टैक्सेबल
DFS ने स्पष्ट किया है कि अगर किसी कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है और उनके जीवनसाथी को फैमिली पेंशन मिलती है, तो इसे आयकर अधिनियम की धारा के तहत टैक्सेबल माना जाएगा। इसे “इनकम फ्रॉम अदर सोर्सेज” के अंतर्गत टैक्स योग्य माना गया है। इसका मतलब है कि जीवनसाथी को मिलने वाली यह राशि पूरी तरह टैक्स के दायरे में आएगी।
फैमिली पेंशन पर टैक्स लागू होने का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि पेंशन की राशि सरकार के कर नियमों के अनुसार टैक्सेबल रहे। इसके तहत यह राशि सालाना आय में जोड़ी जाएगी और सामान्य इनकम टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स लगेगा।
रिटायरमेंट पर निकासी के नियम
UPS सब्सक्राइबर रिटायरमेंट या सुपरऐन्यूएशन के समय अपने कॉर्पस राशि का 60 प्रतिशत तक निकाल सकते हैं। इसके अलावा, सेवा के दौरान भी आंशिक निकासी का विकल्प उपलब्ध है। DFS के अनुसार, सब्सक्राइबर अपने योगदान का 25 प्रतिशत तक आंशिक निकासी टैक्स फ्री कर सकते हैं। यह टैक्स छूट IT Act की धारा 10(128) के तहत दी गई है।
बाकी की राशि पर अलग-अलग टैक्स नियम लागू होंगे। रिटायरमेंट के समय निकासी का यह विकल्प कर्मचारियों को वित्तीय लचीलापन प्रदान करता है और उन्हें अपनी जरूरत के अनुसार पेंशन या लंपसम राशि का प्रबंधन करने में मदद करता है।
मासिक पेंशन पर टैक्स लागू
रिटायरमेंट के बाद सब्सक्राइबर को जो मासिक पेंशन मिलती है, उसे सैलरी इनकम की तरह ही टैक्स योग्य माना जाएगा। DFS ने बताया कि मासिक पेंशन पर सामान्य इनकम टैक्स के नियम लागू होंगे। पेंशन की यह राशि सब्सक्राइबर की कुल वार्षिक आय में जोड़ी जाएगी और टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स लगेगा।
रिटायरमेंट के समय सब्सक्राइबर अपने कॉर्पस का 60 प्रतिशत निकाल सकते हैं। यह रकम पूरी तरह टैक्स फ्री होगी, जो धारा 10(12AA) के तहत वैध है। इसके अतिरिक्त राशि पर टैक्स नियम लागू होंगे।
उदाहरण से समझें टैक्स का कैलकुलेशन
DFS ने उदाहरण देकर यह स्पष्ट किया है कि कैसे टैक्स लगाया जाएगा। मान लीजिए:
- मासिक वेतन: 3 लाख रुपए
- सेवा अवधि: 25 साल
- इंडिविजुअल कॉर्पस: 2 करोड़ रुपए
- बेंचमार्क कॉर्पस: 1.80 करोड़ रुपए
रिटायरमेंट के समय 60 प्रतिशत विदड्रॉअल, यानी 1.08 करोड़ रुपए टैक्स फ्री होंगे। इसके अतिरिक्त 20 लाख रुपए में से 60 प्रतिशत यानी 12 लाख रुपए टैक्स फ्री होंगे, जबकि बाकी 8 लाख रुपए टैक्सेबल होंगे। शेष 40 प्रतिशत कॉर्पस (72 लाख रुपए) पूल कॉर्पस में ट्रांसफर किया जाएगा, जिस पर टैक्स नहीं लगेगा।
DFS की ओर से स्पष्टीकरण
DFS ने यह भी बताया कि UPS सब्सक्राइबर के लिए यह नियम वित्तीय सुरक्षा और कर नियमों के संतुलन को ध्यान में रखते हुए बनाए गए हैं। पेंशन और फैमिली पेंशन पर टैक्स नियमों की स्पष्ट जानकारी देना कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए जरूरी है।