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CM पुष्कर सिंह धामी ने कहा: 'युवाओं के लिए झुकना तो क्या, सिर भी कटा सकता हूं'

CM पुष्कर सिंह धामी ने कहा: 'युवाओं के लिए झुकना तो क्या, सिर भी कटा सकता हूं'

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हाल ही में उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) में कथित नकल प्रकरण के विरोध में प्रदर्शन कर रहे युवाओं के समर्थन में बड़ा बयान दिया। 

देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) के कथित नकल प्रकरण के विरोध में प्रदर्शन कर रहे युवाओं का समर्थन करते हुए बुधवार को एक मजबूत बयान दिया। उन्होंने कहा कि युवाओं के लिए वे कभी झुकने वाले नहीं हैं और जरूरत पड़ने पर अपना सिर भी कटवा सकते हैं।

एक कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री धामी ने उन आलोचकों का जवाब दिया, जो मानते थे कि उन्हें धरना स्थल पर जाकर आंदोलनकारी युवाओं से नहीं मिलना चाहिए था और न ही उनकी सीबीआई जांच की मांग के आगे झुकना चाहिए था।

युवाओं के समर्थन में सरकार

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रदेश के युवा लंबे समय तक धूप और गर्मी में धरने पर बैठे अपनी मांगें रख रहे थे। कुछ आलोचक मानते थे कि सीएम को धरना स्थल पर नहीं जाना चाहिए था और न ही सीबीआई जांच की मांग के सामने झुकना चाहिए था। लेकिन पुष्कर सिंह धामी ने स्पष्ट किया कि युवाओं के भविष्य के लिए उन्हें हर संभव सहयोग देना चाहिए। उन्होंने कहा, “झुकना तो क्या, यदि युवाओं के लिए सिर कटाना पड़े तो वह भी कटा सकते हैं, क्योंकि वे हमारा भविष्य हैं।

सीएम ने स्वीकार किया कि आंदोलनकारी युवाओं और सरकार के बीच प्रारंभ में संवाद की कमी थी। हालांकि, उन्होंने स्वयं धरना स्थल पर जाकर संवाद स्थापित किया और युवाओं की मांग को गंभीरता से स्वीकार किया। उनका यह कदम न केवल युवाओं को न्याय दिलाने की दिशा में था, बल्कि सरकारी जवाबदेही और पारदर्शिता को भी दर्शाता है।

सीबीआई जांच की सिफारिश

उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के नकल प्रकरण को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सीबीआई जांच की सिफारिश को मंजूरी दे दी है। उन्होंने दोहराया कि सरकार पूरी तरह से पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है और दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि युवाओं की मांग और उनके संघर्ष को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि सरकार को उनकी आवाज़ सुननी चाहिए और उचित कार्रवाई करनी चाहिए। इस संदर्भ में सीबीआई जांच की सिफारिश एक महत्वपूर्ण कदम है, जो युवा हितों और न्याय की प्रक्रिया को मजबूत करती है।

कुछ राजनीतिक विश्लेषकों और विपक्षी दलों के लोगों ने मुख्यमंत्री के कदम की आलोचना की थी। उनका तर्क था कि सरकार को आंदोलनकारी युवाओं की मांगों के आगे नहीं झुकना चाहिए। इसके जवाब में सीएम धामी ने कहा कि युवाओं के हितों के लिए सरकार की जिम्मेदारी सर्वोपरि है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि युवाओं के लिए किसी भी तरह की चुनौती का सामना करना पड़े, तो वह उसे झेलने के लिए तैयार हैं।

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