दिवाली 2025 पर मां लक्ष्मी का आशीर्वाद पाने के लिए कुछ खास वस्तुओं की खरीदारी बेहद शुभ मानी जाती है। सोना-चांदी, झाड़ू, दीये, लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति, खील-बताशे, नारियल और नए कपड़े दिवाली के अवसर पर घर में सुख-शांति, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा लाने में मदद करते हैं। ये परंपराएं धार्मिक, सांस्कृतिक और वित्तीय दृष्टि से भी महत्वपूर्ण हैं।
Diwali 2025 Shopping Guide: दिवाली, बुराई पर अच्छाई की जीत और प्रकाश का त्योहार, भारत में 12 अक्टूबर 2025 को मनाई जाएगी। इस अवसर पर मां लक्ष्मी का आशीर्वाद पाने के लिए सोना-चांदी, झाड़ू, दीये, लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति, खील-बताशे, नारियल और नए कपड़े जैसी सात वस्तुओं की खरीदारी विशेष रूप से शुभ मानी जाती है। विशेषज्ञों और ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, ये खरीदारी न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखती है, बल्कि घर में सुख-शांति, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा लाने में भी मदद करती है।
दिवाली पर खरीदारी का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व
दिवाली, बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक, केवल रोशनी और मिठास का त्योहार नहीं है बल्कि इसमें मां लक्ष्मी का आशीर्वाद पाने का भी विशेष महत्व है। इस अवसर पर कुछ खास चीजों की खरीदारी करने से न केवल घर में समृद्धि आती है, बल्कि परिवार में सुख-शांति और सकारात्मक ऊर्जा भी बढ़ती है। विशेषज्ञ और ज्योतिषाचार्य मानते हैं कि दिवाली पर इन 7 चीजों की खरीदारी विशेष रूप से शुभ मानी जाती है।
1. सोना और चांदी
दिवाली पर सोना और चांदी खरीदना प्राचीन परंपरा है, जिसे देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। सोना-चांदी निवेश के रूप में भी सुरक्षित मानी जाती है और समय के साथ इसका मूल्य बढ़ता है। यह परंपरा भगवान धन्वंतरि और मां लक्ष्मी से जुड़ी है, जो स्वास्थ्य, धन और समृद्धि की देवी-देवता माने जाते हैं।
2. झाड़ू
झाड़ू की खरीदारी से घर में सुख-शांति बनी रहती है और दरिद्रता दूर होती है। यह वस्तु देवी लक्ष्मी को आकर्षित करने का प्रतीक है। ज्योतिष और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, स्वच्छता और सकारात्मक वातावरण मां लक्ष्मी को घर में वास करने के लिए आमंत्रित करता है।
3. दीये और दीपक
दिवाली पर दीये और दीपक जलाना अंधकार पर प्रकाश और नकारात्मकता पर सकारात्मकता की जीत का प्रतीक है। यह परंपरा भगवान राम के अयोध्या लौटने के समय से जुड़ी है। दीये और दीपक न केवल धार्मिक महत्व रखते हैं बल्कि मिट्टी के काम से जुड़े कारीगरों के लिए आजीविका का साधन भी हैं।
4. लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति
दिवाली पर लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति खरीदना घर में धन और बुद्धि लाने का प्रतीक है। गणेश जी की सूंड बाईं ओर मुड़ी हो और हाथ में लड्डू या मोदक होना चाहिए। लक्ष्मी जी कमल पर विराजित हों। यह पूजा घर में समृद्धि और ज्ञान का वातावरण बनाती है और परिवार में सौभाग्य लाती है।
5. खील-बताशे रिश्तों में मिठास और धार्मिक महत्व
खील और बताशे देवी लक्ष्मी को चढ़ाने और घर में धन-धान्य के आशीर्वाद के लिए विशेष रूप से शुभ माने जाते हैं। ये वस्तुएं शुभता, पवित्रता और स्वास्थ्य का प्रतीक हैं। इनके सेवन और वितरण से परिवार में मिठास और भाईचारा बढ़ता है।
6. नारियल
नारियल को पूजा में अर्पित करने और घर में रखने से धन-धान्य में वृद्धि होती है। यह वस्तु विशेष रूप से देवी लक्ष्मी का प्रतीक मानी जाती है। नारियल से जुड़े उपाय घर में आर्थिक संकट को दूर रखते हैं और स्थायी समृद्धि प्रदान करते हैं।
7. नए कपड़े
दिवाली पर नए कपड़े पहनना घर में सकारात्मक ऊर्जा लाने और रिश्तों में ताजगी बनाए रखने का प्रतीक है। नए वस्त्र पहनकर पूजा करने से मां लक्ष्मी और कुबेर देवता प्रसन्न होते हैं, जिससे घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है। यह परंपरा उत्सव की खुशी को दोगुना कर देती है।