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दशहरे पर IOB ने बचत खाताधारकों को दी बड़ी राहत, अब MAB शुल्क नहीं लगेगा

दशहरे पर IOB ने बचत खाताधारकों को दी बड़ी राहत, अब MAB शुल्क नहीं लगेगा

इंडियन ओवरसीज बैंक (IOB) ने अपने बचत खाताधारकों को बड़ी राहत दी है। अब खातों में न्यूनतम औसत बैलेंस (MAB) न बनाए रखने पर लगने वाला दंडात्मक शुल्क तत्काल प्रभाव से माफ कर दिया गया है। इससे उन ग्राहकों को फायदा होगा जो वित्तीय मजबूरी या अनजाने में MAB बनाए रखने में असमर्थ थे।

Saving accounts: इंडियन ओवरसीज बैंक (IOB) ने अपने करोड़ों ग्राहकों के लिए न्यूनतम औसत बैलेंस (MAB) न बनाए रखने पर लगने वाले दंडात्मक शुल्क को तत्काल प्रभाव से हटा दिया है। यह फैसला बैंक के ग्राहक-केंद्रित और वित्तीय समावेशन की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इससे उन खाताधारकों को राहत मिलेगी, जिन्हें अनजाने में या वित्तीय मजबूरी के कारण शुल्क देना पड़ता था। पहले लागू शुल्क 30 सितंबर 2025 तक वैध रहेगा।

ग्राहकों के लिए वित्तीय बोझ कम करने की पहल

बैंक के इस फैसले का उद्देश्य ग्राहकों पर अनावश्यक वित्तीय बोझ को कम करना और उन्हें सरल बैंकिंग अनुभव प्रदान करना है। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, यह फैसला ग्राहकों के लिए बैंकिंग को अधिक सुविधाजनक और तनाव मुक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। बैंक ने बताया कि यह पहल उसकी कस्टमर सेंट्रिक और वित्तीय समावेशन की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

पहले से चली आ रही विशेष योजनाएं

इंडियन ओवरसीज बैंक पहले ही कई विशेष योजनाओं जैसे IOB सिक्स्टी प्लस, IOB सेविंग्स बैंक पेंशनर, स्मॉल अकाउंट्स, और IOB सेविंग्स बैंक सैलरी पैकेज के लिए न्यूनतम बैलेंस शुल्क को हटा चुका है। अब बैंक ने इसे सभी सामान्य बचत खातों तक बढ़ा दिया है। बैंक के प्रबंध निदेशक और सीईओ अजय कुमार श्रीवास्तव ने इस अवसर पर कहा कि यह निर्णय हमारे खाताधारकों के लिए महत्वपूर्ण राहत प्रदान करेगा और बैंकिंग को सरल बनाएगा।

फैसले की प्रमुख बातें

  • क्या माफ हुआ: IOB के बचत खातों में MAB न बनाए रखने पर लगने वाला दंडात्मक शुल्क।
  • कब से लागू: यह राहत तत्काल प्रभाव से लागू कर दी गई है।
  • पिछला शुल्क: बैंक ने स्पष्ट किया है कि 30 सितंबर 2025 तक की अवधि के लिए जो शुल्क पहले से लिया गया था, वह मौजूदा नियमों के अनुसार ही लिया जाएगा।

आम खाताधारकों को मिलेगा सबसे अधिक लाभ

इस कदम से उन आम खाताधारकों को सबसे अधिक लाभ मिलेगा, जिन्हें अनजाने में या किसी वित्तीय मजबूरी के कारण अपने खाते में न्यूनतम राशि बनाए न रख पाने पर शुल्क का भुगतान करना पड़ता था। बैंक का यह फैसला विशेषकर त्योहारों के समय में ग्राहकों के लिए राहत का संदेश लेकर आया है।

बैंकिंग अनुभव को आसान बनाने का उद्देश्य

अजय कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि हमारा उद्देश्य ग्राहकों के लिए बैंकिंग को आसान और परेशानी मुक्त बनाना है। बैंक लगातार ऐसी नीतियां अपनाने की दिशा में काम कर रहा है, जिससे ग्राहकों की वित्तीय परेशानियों में कमी आए और उन्हें बैंकिंग सेवाओं का पूरा लाभ मिल सके।

वित्तीय समावेशन को बढ़ावा

बैंक का यह कदम वित्तीय समावेशन की दिशा में भी अहम माना जा रहा है। इससे देश के ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के ग्राहकों को सीधे लाभ मिलेगा। न्यूनतम बैलेंस चार्ज से राहत मिलने के बाद लोग अपने खाते का सही इस्तेमाल कर सकेंगे और बिना किसी डर के लेन-देन कर पाएंगे।

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