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Election Commission New E-Sign Facility: वोटर लिस्ट का अब नहीं होगा दुरुपयोग

Election Commission New E-Sign Facility: वोटर लिस्ट का अब नहीं होगा दुरुपयोग

चुनाव आयोग ने वोटर लिस्ट में सुधार, नाम जोड़ने या हटाने की प्रक्रिया को सुरक्षित बनाने के लिए ई-साइन (e-sign) फीचर लॉन्च किया है। अब हर आवेदनकर्ता को आधार से जुड़े मोबाइल नंबर पर OTP वेरिफिकेशन करना होगा, जिससे फर्जी वोटर डिलीशन और करेक्शन के मामले रोकने में मदद मिलेगी। यह बदलाव ECINet प्लेटफॉर्म पर लागू किया गया है।

E-Sign Facility: चुनाव आयोग ने वोटर लिस्ट में बदलाव की प्रक्रिया को और सुरक्षित बनाया है। भारतभर के मतदाता अब नए नाम जोड़ने, सुधार करने या हटाने के लिए ECINet पोर्टल और ऐप के माध्यम से अपने आधार से जुड़े मोबाइल नंबर पर OTP वेरिफिकेशन कर आवेदन कर सकते हैं। यह कदम कर्नाटक की आलंद विधानसभा सीट पर फर्जी वोटर डिलीशन के मामलों के बाद लिया गया, ताकि वोटर डेटा की वैधता और सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।

ई-साइन सुविधा क्या है और कैसे काम करती है

ई-साइन भारत सरकार द्वारा UIDAI के माध्यम से प्रदान की जाने वाली ऑनलाइन डिजिटल साइन सेवा है। इस सेवा के जरिए अब मतदाता वोटर ID में सुधार या बदलाव के लिए अपने आधार नंबर से डिजिटल सत्यापन कर सकते हैं। इससे वोटर डेटा की वैधता और सुरक्षा सुनिश्चित होती है और किसी भी फर्जी आवेदन की संभावना काफी हद तक खत्म हो जाती है।

नई प्रक्रिया से वोटर लिस्ट का मिसयूज होगा कम

पहले वोटर ID नंबर (EPIC) से मोबाइल लिंक कर फॉर्म सबमिट किया जाता था, जिससे कई बार गलत नंबर इस्तेमाल हो जाते थे। अब e-sign फीचर के तहत, आवेदनकर्ता को आधार नंबर दर्ज करना होगा और मोबाइल पर OTP प्राप्त करके सहमति देनी होगी। फॉर्म तभी जमा किया जा सकेगा। यह नियम Form 6 (नया रजिस्ट्रेशन), Form 7 (डिलीशन/ऑब्जेक्शन) और Form 8 (करेक्शन) पर लागू होगा।

कर्नाटक की घटना ने बदलाव को मजबूर किया

कर्नाटक की आलंद विधानसभा सीट पर हजारों फर्जी वोटर डिलीशन आवेदन सामने आने के बाद यह बदलाव किया गया। जांच में 6,018 डिलीशन रिक्वेस्ट में से केवल 24 ही सही पाई गईं, जबकि कई आवेदन में मोबाइल नंबर असली वोटरों से जुड़े नहीं थे। इस घटना ने चुनाव आयोग को सुरक्षा और वेरिफिकेशन प्रक्रिया सख्त करने के लिए प्रेरित किया।

फिजिकल वेरिफिकेशन रहेगा अनिवार्य

चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया कि कोई भी वोटर का नाम सीधे ऑनलाइन नहीं डिलीट किया जा सकता। इसके लिए संबंधित बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) और निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (ERO) द्वारा फिजिकल वेरिफिकेशन अनिवार्य है। हर मामले में मतदाता को अपनी बात रखने का पूरा अवसर मिलेगा, जिससे नाम हटाने या संशोधन की प्रक्रिया पारदर्शी और सुरक्षित बनी रहे।

ECINet प्लेटफॉर्म और नई सुविधाएँ

ECINet, जिसे इस साल लॉन्च किया गया, करीब 40 पुराने ऐप्स और पोर्टल्स को एक जगह लाता है, जिसमें ERONet भी शामिल है। इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से मतदाता आसानी से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं और अधिकारी उन पर कार्रवाई कर सकते हैं। अब इसमें जोड़ा गया e-sign फीचर पूरी प्रक्रिया में सुरक्षा और पारदर्शिता सुनिश्चित करता है।

इस नए बदलाव के साथ, वोटर लिस्ट अपडेट करना अब पहले से कहीं अधिक सुरक्षित और भरोसेमंद हो गया है। मतदाता अब अपने आधार नंबर से सत्यापन करके किसी भी फर्जी गतिविधि से बच सकते हैं। ECINet और e-sign फीचर के माध्यम से चुनाव आयोग ने डिजिटल वोटर रजिस्ट्रेशन प्रणाली को और अधिक पारदर्शी और विश्वसनीय बनाया है।

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