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एनडीए ने बनाया सीपी राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार, मां ने नामकरण की सुनाई रोचक कहानी

एनडीए ने बनाया सीपी राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार, मां ने नामकरण की सुनाई रोचक कहानी

बीजेपी के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को एनडीए ने उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है। उनकी मां जानकी अम्माल ने नाम के पीछे की कहानी साझा की। चुनाव 9 सितंबर को होंगे और जीत तय मानी जा रही है।

Vice president: तमिलनाडु के तिरुपुर जिले में खुशी की लहर है क्योंकि बीजेपी नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन ने सीपी राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है। उनकी मां जानकी अम्माल ने बेटे के नाम के पीछे की अनोखी कहानी साझा की।

तिरुपुर में खुशी का माहौल

तमिलनाडु के तिरुपुर जिले में उत्साह का माहौल है। यहां से ताल्लुक रखने वाले और बीजेपी के वरिष्ठ नेता सीपी राधाकृष्णन को एनडीए ने उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया है। यह घोषणा होते ही उनके परिवार और समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई।

मां जानकी अम्माल की प्रतिक्रिया

राधाकृष्णन की मां जानकी अम्माल ने बेटे की सफलता पर खुशी जताई और नाम के पीछे की कहानी साझा की। उन्होंने बताया, "हमने बेटे का नाम सीपी राधाकृष्ण रखा था ताकि वह पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की तरह बने। भगवान सुंदरमूर्ति ने हमारी सुन ली। भगवान गणेश हमेशा उस पर अपना आशीर्वाद बनाए रखें।" जानकी अम्माल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी आभार जताया कि उन्होंने उनके बेटे को इस बड़े पद के लिए चुना।

क्यों कहा जाता है CPR

सीपी राधाकृष्णन को उनके समर्थक CPR के नाम से भी जानते हैं। यह संक्षिप्त नाम उन्हें राजनीति और सार्वजनिक जीवन में और अधिक पहचान दिलाता है।

राजनीतिक सफर और उपलब्धियां

सीपी राधाकृष्णन का राजनीतिक करियर लंबा और सफल रहा है। वे 1998 और 1999 में लगातार दो बार कोयंबटूर से लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं। इसके बाद उन्हें तमिलनाडु बीजेपी का अध्यक्ष बनाया गया।

उन्होंने झारखंड, तेलंगाना और पुदुचेरी जैसे राज्यों में भी पार्टी के संगठनात्मक कामों का नेतृत्व किया। वर्तमान में वे महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं।

तमिलनाडु का गौरव

अगर सीपी राधाकृष्णन उपराष्ट्रपति का चुनाव जीतते हैं, तो वे तमिलनाडु से आने वाले तीसरे उपराष्ट्रपति होंगे। उनसे पहले डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन और आर. वेंकेटरमन इस पद को संभाल चुके हैं। यह भी उल्लेखनीय है कि पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम भी तमिलनाडु से ही थे। इससे यह साफ होता है कि भारतीय राजनीति में तमिलनाडु की अहम भूमिका लगातार बनी हुई है।

DMK की प्रतिक्रिया

तमिलनाडु की सत्ताधारी पार्टी डीएमके ने भी इस फैसले का स्वागत किया। हालांकि, पार्टी ने साफ कर दिया कि वह सदन में सरकार का समर्थन नहीं करेगी। बावजूद इसके, बीजेपी और एनडीए के पास पर्याप्त संख्या बल है जिससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि राधाकृष्णन आसानी से चुनाव जीत सकते हैं।

उपराष्ट्रपति चुनाव की तारीख

उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव 9 सितंबर को होने वाले हैं। इस बार का चुनाव इसलिए भी दिलचस्प है क्योंकि यह भारतीय राजनीति में तमिलनाडु की छाप को और मजबूत कर सकता है।

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