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EU का डिजिटल फैसला: बच्चों की ऑनलाइन सुरक्षा के लिए लॉन्च होगा उम्र सत्यापन ऐप

EU का डिजिटल फैसला: बच्चों की ऑनलाइन सुरक्षा के लिए लॉन्च होगा उम्र सत्यापन ऐप

यूरोपीय संघ यानी EU ने बच्चों को इंटरनेट की दुनिया में बढ़ते खतरों से बचाने के लिए एक अहम कदम उठाया है। डिजिटल सर्विसेज एक्ट यानी DSA के तहत अब बच्चों की उम्र की जांच एक नए और सुरक्षित ऐप के जरिए की जाएगी। इस दिशा में आयोग ने न सिर्फ नई गाइडलाइंस जारी की हैं, बल्कि एक ऐसा ऐप भी पेश किया है जो यूजर्स की गोपनीयता का ध्यान रखते हुए उनकी उम्र का प्रमाण देगा।

अब बच्चों की सुरक्षा में कोई कोताही नहीं

यूरोपीय आयोग की ओर से जारी दिशा-निर्देशों में साफ किया गया है कि अब डिजिटल प्लेटफॉर्म्स को बच्चों के लिए पूरी तरह से सुरक्षित माहौल देना होगा। खासकर वे प्लेटफॉर्म जो वयस्कों के लिए कंटेंट मुहैया कराते हैं, उन्हें सख्ती से उम्र की पुष्टि करनी होगी ताकि कोई नाबालिग इस तरह के कंटेंट तक न पहुंच सके।

यह गाइडलाइंस प्लेटफॉर्म्स को इस बात की जिम्मेदारी देती हैं कि वे बच्चों को ऑनलाइन लत लगाने वाले फीचर्स, साइबर बुलिंग, खतरनाक या हिंसक कंटेंट और अजनबियों से संपर्क जैसे जोखिमों से कैसे बचाएं।

कैसे काम करेगा नया ऐप

यूरोपीय आयोग की ओर से तैयार किया गया नया उम्र वेरिफिकेशन ऐप फिलहाल एक प्रोटोटाइप के रूप में मौजूद है। इस ऐप की सबसे खास बात यह है कि यह बिना किसी यूजर से उनकी जन्मतिथि या व्यक्तिगत पहचान से जुड़ी कोई सीधी जानकारी लिए, उनकी उम्र की पुष्टि करेगा।

ऐप में ऐसा सिस्टम है जिससे यूजर यह दिखा सकेंगे कि वे 18 साल से ऊपर हैं, लेकिन उनकी असली पहचान उजागर नहीं होगी। यानी गोपनीयता बनी रहेगी और प्लेटफॉर्म यह तय कर पाएंगे कि कौन बालिग है और कौन नहीं।

इन देशों में होगा शुरुआती परीक्षण

इस ऐप को सबसे पहले डेनमार्क, फ्रांस, ग्रीस, इटली और स्पेन में परखा जाएगा। इन देशों में कुछ चुनिंदा ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स और कंटेंट प्रोवाइडर्स के साथ मिलकर इसका टेस्ट किया जाएगा। इन परीक्षणों में यह देखा जाएगा कि यह तकनीक वास्तविक हालात में कैसे काम करती है और कितनी प्रभावी है।

अगर सब कुछ योजना के मुताबिक चलता है, तो यह ऐप आगे चलकर शराब बिक्री जैसे अन्य संवेदनशील क्षेत्रों में भी उपयोग किया जा सकता है।

गोपनीयता का पूरा ध्यान

यह पहल बच्चों की सुरक्षा के साथ-साथ यूजर प्राइवेसी को भी प्राथमिकता देती है। पहले की उम्र जांच प्रक्रियाओं में उपयोगकर्ताओं को अपनी पूरी पहचान बतानी पड़ती थी, जिससे उनकी निजी जानकारी लीक होने का खतरा रहता था। लेकिन इस नए ऐप में यूजर को सिर्फ यह साबित करना है कि वे किसी खास उम्र के ऊपर हैं, उनकी असल जानकारी की जरूरत नहीं पड़ेगी।

यही नहीं, इस सिस्टम के जरिए एक समान नीति पूरे यूरोपीय संघ में लागू की जा सकेगी। यानी हर देश में उम्र जांच के मानक एक जैसे होंगे, जिससे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स के लिए यह समझना आसान होगा कि उन्हें किन नियमों का पालन करना है।

DSA के तहत बड़ा बदलाव

डिजिटल सर्विसेज एक्ट यूरोपीय संघ का वह कानून है, जो ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स को जवाबदेह बनाता है। इसके तहत अब कंटेंट की निगरानी, गलत सूचना पर कार्रवाई और यूजर की सुरक्षा जैसे विषयों को सख्ती से देखा जा रहा है। बच्चों की सुरक्षा इस कानून की अहम प्राथमिकताओं में से एक है।

इस कानून के चलते अब हर बड़ा प्लेटफॉर्म जैसे सोशल मीडिया साइट्स, गेमिंग ऐप्स और वीडियो स्ट्रीमिंग सेवाएं बच्चों को सुरक्षित अनुभव देने के लिए बाध्य होंगी। उम्र जांच की यह नई तकनीक इस दिशा में बेहद जरूरी साबित हो सकती है।

क्या है आगे की योजना

जैसे ही ऐप का शुरुआती परीक्षण सफल होता है, उसे EU के सभी सदस्य देशों में लॉन्च किया जाएगा। यह पहल यूरोप के बाहर भी उदाहरण बन सकती है और हो सकता है कि दुनिया के अन्य हिस्सों में भी ऐसी तकनीक अपनाई जाए।

बच्चों की ऑनलाइन सुरक्षा आज के डिजिटल युग की सबसे बड़ी जरूरतों में से एक है और EU की यह नई पहल इसी दिशा में एक ठोस कदम के रूप में देखी जा रही है।

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