गैस ट्रांसपोर्टेशन शुल्क में संभावित वृद्धि के चलते GAIL (इंडिया) लिमिटेड की कमाई में आने वाले समय में तेज़ उछाल देखने को मिल सकता है।
सरकारी महारत्न कंपनी गेल इंडिया लिमिटेड एक बार फिर निवेशकों के रडार पर आ चुकी है। बीते छह महीनों से गिरावट झेल रहे इस स्टॉक में अब फिर से रफ्तार पकड़ने के संकेत मिल रहे हैं। वजह है गैस ट्रांसमिशन टैरिफ यानी ट्रांसपोर्ट शुल्क में संभावित बढ़ोतरी और कंपनी के कारोबार में दिख रही मज़बूती। ब्रोकरेज हाउस ICICI सिक्योरिटीज़ की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, गेल का शेयर आने वाले समय में 31 प्रतिशत तक चढ़ सकता है।
FY25 में कंपनी का प्रदर्शन रहा स्थिर
गेल ने वित्त वर्ष 2024-25 में बेहतर प्रदर्शन किया है। कंपनी की आमदनी और नेट प्रॉफिट दोनों में करीब 7 से 8 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। हालांकि, गैस ट्रांसपोर्टेशन की मात्रा बहुत तेज़ी से नहीं बढ़ी, लेकिन कंपनी ने पूरे साल औसतन 127 मिलियन स्टैंडर्ड क्यूबिक मीटर प्रति दिन (mmscmd) गैस की ट्रांसमिशन दर्ज की। यह आंकड़ा पिछले साल से थोड़ा बेहतर रहा।
FY26 में हल्का ब्रेक, पर लॉन्ग टर्म ग्रोथ का भरोसा
FY26 के लिए कंपनी ने अपने पूर्वानुमानों में थोड़ी कटौती की है। इसके पीछे कई वजहें हैं। जैसे कि जगदीशपुर-हल्दिया-बोकारो-धमरा गैस पाइपलाइन (JHBDPL) प्रोजेक्ट का पूरा न हो पाना, कानपुर में एक उर्वरक फैक्ट्री का बंद हो जाना, बिजली कंपनियों से गैस की मांग में गिरावट और रिफाइनरियों द्वारा गैस के बजाय सस्ते विकल्पों को चुनना।
इन सब कारणों से कंपनी को FY26 में थोड़ी सुस्ती की उम्मीद है, लेकिन ब्रोकरेज रिपोर्ट में कहा गया है कि FY27 और FY28 में फिर से ग्रोथ रफ्तार पकड़ सकती है। देशभर में पाइपलाइन नेटवर्क का विस्तार और गैस आधारित ऊर्जा की बढ़ती मांग इसमें मददगार होगी।
गैस ट्रांसपोर्ट टैरिफ बढ़ाने की तैयारी में कंपनी
गेल को अगले कुछ महीनों में अपने गैस ट्रांसमिशन टैरिफ में 15 से 20 प्रतिशत तक बढ़ोतरी की मंजूरी मिल सकती है। यह बदलाव उसकी कमाई में अहम योगदान देगा। गैस की मौजूदा लागत कम है और बाजार में कीमतों में बहुत ज़्यादा उछाल नहीं है। इसका सीधा फायदा कंपनी को मिलेगा।
ICICI सिक्योरिटीज़ का मानना है कि टैरिफ में बढ़ोतरी का असर कंपनी के मार्जिन और मुनाफे पर सीधा पड़ेगा। यह भी कहा गया है कि कंपनी की रेवेन्यू ग्रोथ की तस्वीर अगले दो सालों में काफी बेहतर हो सकती है।
पेट्रोकेमिकल क्षेत्र में कंपनी की विस्तार नीति
गेल ने हाल ही में JBF नामक एक पेट्रोकेमिकल यूनिट को अधिग्रहित किया है। इससे उसकी उत्पादन क्षमता में इज़ाफा होगा और पेट्रोकेमिकल कारोबार में उसका दखल भी बढ़ेगा। चूंकि कंपनी के पास खुद की गैस सप्लाई की सुविधा है, इसलिए उसे उत्पादन के लिए कच्चे माल पर ज़्यादा खर्च नहीं करना होगा।
गैस की लागत में कमी, उत्पादन क्षमता में बढ़ोतरी और मार्केट डिमांड में रिकवरी से यह कारोबार भविष्य में कंपनी की आमदनी का बड़ा हिस्सा बन सकता है।
शेयर का वैल्यूएशन अभी भी सस्ता माना जा रहा
गेल का शेयर अभी भी आकर्षक वैल्यूएशन पर ट्रेड कर रहा है। ब्रोकरेज रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी का PE रेशियो 9.9x है जबकि EV/EBITDA 7.4x के आसपास है। यह आंकड़े दिखाते हैं कि शेयर अभी ओवरवैल्यूड नहीं है और इसमें अपसाइड की गुंजाइश है।
पिछले 6 महीनों में कंपनी के शेयर में करीब 7 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। यानी निवेशकों को अब इसमें बढ़त का मौका मिल सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि टैरिफ बढ़ने और अन्य सकारात्मक कारकों को ध्यान में रखते हुए यह शेयर ₹245 के टारगेट तक पहुंच सकता है, जो इसके मौजूदा भाव ₹187 के मुकाबले 31 प्रतिशत अधिक है।
गेल की रणनीति पर बाजार की नजर
गेल की रणनीति अब सिर्फ ट्रांसपोर्टेशन बिजनेस तक सीमित नहीं रह गई है। कंपनी अब पेट्रोकेमिकल, LNG टर्मिनल, पाइपलाइन विस्तार और अंतरराष्ट्रीय सहयोग जैसे कई मोर्चों पर काम कर रही है। सरकार द्वारा गैस इन्फ्रास्ट्रक्चर को प्राथमिकता दिए जाने और सस्ती घरेलू गैस की उपलब्धता से भी कंपनी को फायदा मिलेगा।
मार्केट में बना है पॉजिटिव सेंटीमेंट
गेल को लेकर बाजार में सकारात्मक रुख देखने को मिल रहा है। पिछले चार कारोबारी सत्रों में इसमें स्थिरता आई है और अब निवेशक टैरिफ बढ़ोतरी की आधिकारिक घोषणा का इंतजार कर रहे हैं। जैसे ही यह घोषणा होती है, शेयर में बड़ी तेजी देखने को मिल सकती है।
गेल के मामले में यह साफ है कि आने वाले वर्षों में कंपनी के मुनाफे और आमदनी दोनों में स्थिर और मजबूत ग्रोथ देखने को मिलेगी। गैस सेक्टर के विस्तार और पेट्रोकेमिकल कारोबार में उसकी भागीदारी इसे अन्य सरकारी कंपनियों के मुकाबले ज़्यादा प्रतिस्पर्धी बना सकती है।