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UP Politics: वीडियो कॉल के बाद तेज प्रताप को झटका, अखिलेश ने तेजस्वी को बताया समर्थन

UP Politics: वीडियो कॉल के बाद तेज प्रताप को झटका, अखिलेश ने तेजस्वी को बताया समर्थन

वीडियो कॉल के बाद तेज प्रताप को उम्मीद थी कि समाजवादी पार्टी उन्हें समर्थन देगी, लेकिन अखिलेश यादव ने साफ किया कि सपा बिहार में तेजस्वी यादव और आरजेडी का साथ देगी।

UP Politics: उत्तर प्रदेश की राजनीति के दिग्गज नेता और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बिहार की राजनीति को लेकर बड़ा बयान दिया है। बुधवार को आरजेडी नेता तेज प्रताप यादव ने अखिलेश यादव के साथ हुई वीडियो कॉल के बाद सोशल मीडिया पर एक भावनात्मक पोस्ट शेयर की थी। इसमें उन्होंने अखिलेश को 'परिवार का प्यारा सदस्य' बताते हुए उम्मीद जताई थी कि बिहार की राजनीति में उन्हें सपा का साथ मिलेगा। लेकिन गुरुवार को सपा प्रमुख अखिलेश यादव के बयान ने तेज प्रताप की उम्मीदों को बड़ा झटका दिया। उन्होंने साफ कर दिया कि समाजवादी पार्टी बिहार विधानसभा चुनाव में तेजस्वी यादव और आरजेडी का समर्थन करेगी।

तेज प्रताप की पोस्ट ने बढ़ा दी थीं अटकलें

बुधवार को एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर तेज प्रताप यादव ने लिखा था, "आज मेरे परिवार के सबसे प्यारे सदस्यों में से एक, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव जी से वीडियो कॉल पर लंबी बातचीत हुई। इस दौरान बिहार की राजनीति पर भी चर्चा हुई। जब उनका कॉल आया तो ऐसा लगा जैसे मैं अपनी लड़ाई में अकेला नहीं हूं।" इस पोस्ट के बाद राजनीतिक हलकों में चर्चा शुरू हो गई थी कि तेज प्रताप, समाजवादी पार्टी के टिकट पर महुआ या हसनपुर से चुनाव लड़ सकते हैं। लेकिन अगले ही दिन अखिलेश के स्पष्ट रुख ने इन अटकलों पर विराम लगा दिया।

अखिलेश यादव का बयान: तेजस्वी को मिलेगा समर्थन

गुरुवार को समाजवादी पार्टी मुख्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान जब मीडिया ने तेज प्रताप के वीडियो कॉल को लेकर सवाल किया, तो अखिलेश ने कहा, "उनका दो बार कॉल आया था, मैंने शिष्टाचारवश री-डायल कर लिया। इस दौरान सामान्य बातचीत हुई। बिहार में हम तेजस्वी यादव का समर्थन करेंगे। हमारी पार्टी लालू जी की पार्टी के साथ पहले भी खड़ी रही है और आगे भी रहेगी।"

तेज प्रताप की सियासी महत्वाकांक्षा को झटका

तेज प्रताप यादव लंबे समय से अपने सियासी वजूद को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। लालू प्रसाद यादव के बेटे और तेजस्वी यादव के बड़े भाई होने के बावजूद पार्टी में उनकी पकड़ लगातार कमजोर होती जा रही है। उनकी कई बार बयानबाजी और अलग-अलग राजनीतिक संकेतों से यह अंदेशा जताया गया कि वे पार्टी से बाहर निकलकर या किसी और सहयोगी दल के साथ अपनी नई राजनीतिक राह तलाश सकते हैं।

हालांकि, बुधवार को अखिलेश यादव के साथ हुई कॉल के बाद उन्होंने संकेत दिए थे कि उन्हें यूपी की सपा से समर्थन मिल सकता है। लेकिन अब अखिलेश यादव के रुख ने साफ कर दिया है कि सपा, तेजस्वी को ही अपना प्राथमिक सहयोगी मानेगी।

परिवारिक संघर्ष बनाम दलगत निष्ठा

तेज प्रताप यादव और तेजस्वी यादव के बीच लंबे समय से राजनीतिक और व्यक्तिगत मतभेद की खबरें सामने आती रही हैं। जहां तेजस्वी को आरजेडी का उत्तराधिकारी और भावी मुख्यमंत्री चेहरा माना जाता है, वहीं तेज प्रताप अक्सर अलग-अलग मुद्दों पर पार्टी लाइन से हटकर बोलते नजर आते हैं। ऐसे में तेज प्रताप के लिए राजनीतिक सहयोग ढूंढ़ना जरूरी था, और उन्हें लगा कि शायद सपा उनका साथ देगी। लेकिन अखिलेश यादव का स्पष्ट रुख यह दिखाता है कि वे दलगत निष्ठा को पारिवारिक मतभेद से ऊपर रखते हैं।

योगी सरकार पर भी साधा निशाना

इसी प्रेस कॉन्फ्रेंस में अखिलेश यादव ने यूपी की योगी सरकार पर भी तीखा हमला बोला। उन्होंने इटावा की एक घटना का ज़िक्र करते हुए कहा, "भाजपा सत्ता में आने से पहले संविधान की बात करती है, लेकिन सत्ता में आने के बाद कुछ नहीं मानती। शून्य सहिष्णुता (Zero Tolerance) की बात करने वाली सरकार में सबसे अधिक उत्पीड़न हो रहा है।"

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