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गाजा में अल जज़ीरा के 5 पत्रकारों की मौत, इजरायल ने अनस अल-शरीफ पर हमास आतंकी होने का लगाया आरोप

गाजा में अल जज़ीरा के 5 पत्रकारों की मौत, इजरायल ने अनस अल-शरीफ पर हमास आतंकी होने का लगाया आरोप

गाजा पट्टी में इजरायली हमले में अल जज़ीरा के 5 पत्रकार मारे गए। इजरायल ने एक को हमास आतंकी बताया, अल जज़ीरा ने आरोपों से इनकार किया और इसे प्रेस स्वतंत्रता पर हमला बताया।

Gaza Attack: गाजा पट्टी में इजरायल और हमास के बीच हिंसक संघर्ष लगातार जारी है। इसी संघर्ष के दौरान गाजा शहर के अल-शिफा अस्पताल के पास हुए इजरायली हमले में अल जज़ीरा न्यूज चैनल के पांच पत्रकार मारे गए। अल जज़ीरा ने इस घटना की आधिकारिक पुष्टि की है और इसे प्रेस स्वतंत्रता पर सीधा हमला बताया है। यह घटना ऐसे समय में हुई जब गाजा में पत्रकार पहले से ही अपनी सुरक्षा को लेकर गंभीर खतरे का सामना कर रहे हैं।

अल-शिफा अस्पताल के बाहर तंबू को बनाया निशाना

अल जज़ीरा ने बताया कि मारे गए पत्रकार अल-शिफा अस्पताल के मुख्य द्वार के बाहर प्रेस के लिए लगाए गए एक तंबू में रह रहे थे। इस तंबू का उपयोग पत्रकार रिपोर्टिंग के बीच आराम और समन्वय के लिए कर रहे थे। इजरायली सेना ने इसी तंबू को निशाना बनाकर हमला किया। हमले के समय सभी पत्रकार वहीं मौजूद थे और मौके पर ही उनकी मौत हो गई।

मारे गए पत्रकारों की पहचान

हमले में मारे गए पत्रकारों में अल जज़ीरा के संवाददाता अनस अल-शरीफ और मोहम्मद क़रीक़ेह के अलावा कैमरामैन इब्राहिम ज़हीर, मोअमेन अलीवा और मोहम्मद नौफ़ल शामिल हैं। ये सभी पत्रकार गाजा के हालात का ग्राउंड कवरेज कर रहे थे और लगातार हमलों की लाइव रिपोर्टिंग कर रहे थे। अल जज़ीरा के मुताबिक, सभी पेशेवर पत्रकार थे और युद्ध क्षेत्र से सही जानकारी पहुंचाने का काम कर रहे थे।

इजरायल का आरोप – पत्रकार नहीं, हमास आतंकी था अल-शरीफ

हमले के तुरंत बाद इजरायल डिफेंस फोर्स (IDF) ने एक बयान जारी कर अनस अल-शरीफ को निशाना बनाने की बात स्वीकार की। IDF का दावा है कि अल-शरीफ ने पत्रकार होने का दिखावा किया, लेकिन वास्तव में वह हमास का सदस्य था। इजरायल के अनुसार, वह हमास के एक आतंकवादी सेल का प्रमुख था और इजरायली नागरिकों व सैनिकों पर रॉकेट हमले करने में शामिल था।

सोशल मीडिया पर बयान और आरोप

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर IDF ने लिखा कि "हमास आतंकी अनस अल-शरीफ, जो खुद को अल जज़ीरा का पत्रकार बताता था, असल में हमास के आतंकी समूह का प्रमुख था। उसने इजरायली नागरिकों और IDF सैनिकों पर रॉकेट हमले किए थे।" IDF ने आगे कहा कि प्रेस का बिल्ला आतंकवाद के लिए ढाल नहीं बन सकता और पत्रकारिता की आड़ में आतंकवादी गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

खुफिया दस्तावेजों के सबूत

IDF ने यह भी दावा किया कि गाजा से मिले खुफिया दस्तावेज इस आरोप की पुष्टि करते हैं। इनमें हमास का रोस्टर, आतंकवादी प्रशिक्षण सूची और वेतन रिकॉर्ड शामिल हैं। इजरायल के अनुसार, ये सभी दस्तावेज साबित करते हैं कि अल-शरीफ हमास से जुड़ा था और अल जज़ीरा का मंच उसे आतंकवाद छिपाने के लिए मदद कर रहा था।

अल जज़ीरा का जवाब

अल जज़ीरा ने इजरायल के आरोपों को सिरे से खारिज किया है। चैनल का कहना है कि उनके पत्रकार स्वतंत्र और पेशेवर तरीके से रिपोर्टिंग कर रहे थे। अल जज़ीरा ने इस हमले को प्रेस स्वतंत्रता पर गंभीर खतरा बताया और कहा कि यह अंतरराष्ट्रीय मानकों का उल्लंघन है। चैनल ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की है कि युद्ध क्षेत्रों में पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।

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