गणेश चतुर्थी 2025 के दौरान चूहा दिखाई देना शुभ संकेत माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार यह भगवान गणेश की कृपा और घर में खुशहाली का प्रतीक है। विशेष रूप से सफेद चूहा जीवन की बाधाओं के दूर होने और नए अवसरों के आने का संदेश देता है। चूहे की दिशा भी सकारात्मक बदलाव और सफलता की भविष्यवाणी करती है।
Ganesh Puja 2025: देशभर में 27 अगस्त से 6 सितंबर तक मनाए जा रहे गणेश उत्सव के दौरान चूहा दिखाई देना शुभ माना जाता है। शास्त्रों और परंपराओं के अनुसार, यह संकेत घर की परेशानियों के दूर होने और सकारात्मक बदलाव के आने का प्रतीक है। भक्त इसे भगवान गणेश की कृपा और आशीर्वाद के रूप में देखते हैं। सफेद चूहा विशेष रूप से मंगलकारी माना जाता है और चूहे की दिशा भविष्य में सफलता और नए अवसरों की ओर इशारा करती है।
गणेश उत्सव में चूहा शुभता का प्रतीक
देशभर में गणेश चतुर्थी 2025 उत्साह और भक्ति के साथ मनाई जा रही है। इस साल गणपति स्थापना 27 अगस्त को हुई और मूर्ति विसर्जन 6 सितंबर तक रहेगा। भक्त विभिन्न परंपराओं के अनुसार भगवान गणेश की स्थापना और विसर्जन करते हैं, जो 1.5 दिन से लेकर 3, 5, 7 या 10 दिन तक हो सकता है। शास्त्रों और मान्यताओं के अनुसार, यदि इस दौरान कहीं चूहा दिखाई दे, तो इसे शुभ संकेत माना जाता है और भक्त इसे नजरअंदाज न करें।
सनातन परंपरा में अचानक दिखाई देने वाले जीव या वस्तुएं अपने साथ संदेश लेकर आती हैं। गणेश उत्सव के समय चूहे का दर्शन भगवान गणेश की कृपा और आशीर्वाद का प्रतीक होता है। विशेष रूप से सफेद चूहे का दर्शन और भी अधिक मंगलकारी माना जाता है, जो बताता है कि जीवन की बाधाएँ समाप्त होंगी और सुख-समृद्धि के नए अवसर सामने आएंगे।
चूहे का घर से बाहर निकलना और दिशा का महत्व
यदि चूहा घर से बाहर निकलते हुए दिखाई दे, तो इसे घर की परेशानियों और नकारात्मक ऊर्जा के दूर होने का संकेत माना जाता है। मान्यता है कि चूहा समस्याओं को बाहर ले जाकर घर में खुशहाली और नए अवसर लाता है। यह दृश्य परिवार और जीवन में सकारात्मक बदलाव का प्रतीक भी होता है।
इसके अलावा, चूहे की दिशा भी महत्वपूर्ण मानी जाती है। शास्त्रों के अनुसार, जिस दिशा में चूहा जा रहा है, उसी के आधार पर भविष्य के परिणाम और घर में आने वाले बदलावों की भविष्यवाणी की जाती है। यह संकेत देता है कि किस क्षेत्र में सफलता और सकारात्मक परिवर्तन संभव हैं।