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Gen-Z आंदोलन के बाद नेपाल में मनाया 10वां संविधान दिवस, पीएम सुशीला कार्की ने युवाओं से की देश निर्माण में भागीदारी की अपील

Gen-Z आंदोलन के बाद नेपाल में मनाया 10वां संविधान दिवस, पीएम सुशीला कार्की ने युवाओं से की देश निर्माण में भागीदारी की अपील

नेपाल ने 10वां संविधान दिवस मनाया। प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने युवाओं से देश के पुनर्निर्माण और संविधान की रक्षा में सक्रिय योगदान देने की अपील की। Gen-Z आंदोलन ने युवाओं की राजनीतिक भागीदारी और लोकतांत्रिक चेतना को उजागर किया।

काठमांडू: नेपाल ने शुक्रवार को अपना 10वां संविधान दिवस मनाया। इस साल का संविधान दिवस विशेष महत्व रखता है क्योंकि हाल ही में देश में Gen-Z आंदोलन हुआ था, जिसने युवाओं की राजनीतिक भागीदारी और लोकतांत्रिक (democratic) अधिकारों पर ध्यान खींचा। नेपाल की कार्यवाहक प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने इस अवसर पर युवाओं से अपील की कि वे देश के पुनर्निर्माण और संविधान (constitution) की रक्षा में सक्रिय योगदान दें।

सुशीला कार्की की युवाओं से बड़ी अपील

प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने कहा कि 10 साल पहले अपनाया गया संविधान (constitution) नेपाल के लोकतंत्र (democracy) और सामाजिक न्याय (social justice) का आधार है। उन्होंने स्पष्ट किया कि संविधान की रक्षा करना और इसे सफलतापूर्वक लागू करना सभी नेपाली नागरिकों की जिम्मेदारी है। कार्की ने कहा, “लोकतंत्र (democracy) संवाद और समाधान (solution) खोजने की प्रक्रिया है। हमें युवाओं के साथ मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि संविधान (constitution) सभी के लिए समान और न्यायपूर्ण ढंग से लागू हो।”

कार्यवाहक प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि हाल के Gen-Z आंदोलन ने युवा पीढ़ी की उम्मीदों और असंतोष को उजागर किया है। उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि वे सरकार के साथ मिलकर समस्याओं के समाधान में सक्रिय भूमिका निभाएं और लोकतांत्रिक (democratic) प्रक्रियाओं का सम्मान करें।

नेपाल में संविधान कब बना

नेपाल में संविधान दिवस को राष्ट्रीय (national) दिवस के रूप में मनाया जाता है। नेपाल की संविधान सभा ने 20 सितंबर 2015 को संविधान (constitution) को अंगीकार किया, जो विक्रम संवत 2072 के तीन आश्विन दिन के अनुसार हुआ। यह कदम नेपाल के पूर्व राजतंत्र (monarchy) को समाप्त करने और देश में संघीय लोकतांत्रिक गणराज्य (federal democratic republic) स्थापित करने का परिणाम था।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री कार्की ने कहा, “नेपाल के संविधान (constitution) को नेपाली लोगों के बलिदान, संघर्ष और आंदोलन के माध्यम से बनाया गया। इसका पालन और सुरक्षा करना सभी नागरिकों की साझा जिम्मेदारी है। लोगों की आवाज सुनना लोकतंत्र (democracy) की आत्मा है।”

राष्ट्रपति पौडेल का संदेश: राष्ट्रीय एकता बनाए रखें

नेपाल के राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने संविधान दिवस के मुख्य समारोह में कहा कि वर्तमान संविधान (constitution) ने जातीय, भाषाई, धार्मिक, सांस्कृतिक और भौगोलिक विविधता वाले समाज को केंद्रीकृत शासन (centralized governance) से मुक्त किया और राष्ट्रीय एकता (national unity) की नींव रखी। उन्होंने सभी नेपाली नागरिकों से आग्रह किया कि वे संघीय लोकतांत्रिक गणराज्य (federal democratic republic) प्रणाली के माध्यम से सतत शांति (peace), सुशासन (good governance), विकास (development) और समृद्धि (prosperity) सुनिश्चित करने के लिए एकजुट रहें।

राष्ट्रपति पौडेल ने यह भी कहा कि संविधान (constitution) का उद्देश्य समाज में समानता (equality) और समाजवाद (socialist) पर आधारित अर्थव्यवस्था (economy) को सुनिश्चित करना है।

Gen-Z आंदोलन और युवाओं की भागीदारी

Gen-Z आंदोलन ने नेपाल में युवाओं की सक्रिय भागीदारी को उजागर किया। Gen-Z वह पीढ़ी है जो 1997 से 2012 के बीच पैदा हुई। आंदोलन के दौरान युवा पीढ़ी ने भ्रष्टाचार (corruption), सोशल मीडिया प्रतिबंध (social media restrictions) और राजनीतिक जवाबदेही (political accountability) के मुद्दों को लेकर प्रदर्शन किया।

इस आंदोलन के परिणामस्वरूप प्रधानमंत्री पी शर्मा ओली पद से हट गए और सुशीला कार्की को कार्यवाहक प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया। उन्होंने कहा कि सरकार जनता की आवाज सुनने और समस्याओं का समाधान करने के लिए प्रतिबद्ध है।

Gen-Z के कुछ सदस्य माईतिघर मंडला में एक रैली का आयोजन भी किया। यह वही स्थान था जहां आठ और नौ सितंबर को विरोध प्रदर्शन हुए थे। रैली में युवाओं ने आंदोलन की उपलब्धियों की रक्षा करने का संकल्प लिया और लोकतांत्रिक (democratic) प्रक्रियाओं में अपनी भागीदारी बढ़ाने का संदेश दिया।

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