Jensen Huang and Nvidia: चिप निर्माता कंपनी एनवीडिया के को-फाउंडर और सीईओ जेन्सेन हुआंग की संपत्ति में सिर्फ 24 घंटे में ज़बरदस्त बढ़ोतरी देखने को मिली है।
Nvidia: चिप टेक्नोलॉजी की दुनिया में एक नया इतिहास रचा गया है। एनवीडिया के सह-संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी जेन्सेन हुआंग की संपत्ति में केवल एक दिन में जबरदस्त उछाल आया है। 24 घंटे के भीतर 48 हजार करोड़ रुपये यानी 5.54 अरब डॉलर की कमाई के साथ वह दुनिया के सबसे अमीर लोगों की सूची में 11वें स्थान पर पहुंच गए हैं। इस ऐतिहासिक बढ़त का कारण एनवीडिया के शेयरों में आई जोरदार तेजी है, जिसने कंपनी को भी एक नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया है।
एनवीडिया के शेयरों की ऐतिहासिक छलांग
बुधवार को एनवीडिया के शेयरों में जो तेजी देखने को मिली, उसने वॉल स्ट्रीट को चौंका दिया। कंपनी के शेयरों ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए और एक नया उच्चतम स्तर छू लिया। कारोबारी सत्र की शुरुआत में शेयर की कीमत 2.6 फीसदी बढ़ी और 149.28 डॉलर पर खुलकर सीधे 154.31 डॉलर पर बंद हुई। यह जनवरी में बनाए गए 149.43 डॉलर के पिछले रिकॉर्ड से भी ऊपर रहा। इस तरह एक ही दिन में शेयरों में 4 प्रतिशत से ज्यादा की तेजी दर्ज की गई।
इस तेजी ने केवल शेयरधारकों को ही नहीं, बल्कि खुद जेन्सेन हुआंग को भी अरबों डॉलर का लाभ पहुंचाया। उनके पास एनवीडिया के बड़ी मात्रा में शेयर हैं, जिससे उनकी संपत्ति में एक ही दिन में भारी उछाल आ गया।
48 हजार करोड़ रुपये की कमाई से बनी नई कहानी
ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स के मुताबिक, जेन्सेन हुआंग की कुल संपत्ति अब 135 अरब डॉलर तक पहुंच चुकी है। सिर्फ 24 घंटे में 5.54 अरब डॉलर की कमाई ने उन्हें दुनिया के अमीरों की लिस्ट में 11वें नंबर पर पहुंचा दिया है। अब वह सिर्फ एक स्थान दूर हैं उस टॉप 10 की सूची से, जिसमें शामिल होना किसी भी उद्यमी के लिए प्रतिष्ठा की बात मानी जाती है।
इस सूची में 10वें नंबर पर सर्गी ब्रिन हैं, जिनकी कुल संपत्ति 146 अरब डॉलर है। यानी हुआंग को अब केवल 11 अरब डॉलर की और छलांग लगानी है। मौजूदा रफ्तार को देखते हुए यह मुमकिन लग रहा है कि वह जल्द ही टॉप 10 की लिस्ट में शामिल हो सकते हैं।
क्यों बढ़ी एनवीडिया की वैल्यूएशन
एनवीडिया के शेयरों में आई तेजी का सीधा संबंध आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से है। कंपनी का मुख्य कारोबार एआई के लिए जरूरी चिप्स बनाना है, और वर्तमान समय में एआई आधारित टेक्नोलॉजी की मांग तेजी से बढ़ रही है। एनवीडिया के AI एक्सीलरेटर सिस्टम में जो HBM यानी हाई बैंडविड्थ मेमोरी चिप्स लगते हैं, उन्हें बनाने वाली कंपनी माइक्रोन ने शानदार तिमाही नतीजे पेश किए हैं।
माइक्रोन के अच्छे प्रदर्शन से संकेत मिला है कि HBM चिप्स की मांग आने वाले समय में और बढ़ेगी। इस उम्मीद से निवेशकों में उत्साह बढ़ा और उन्होंने एनवीडिया के शेयरों की जमकर खरीदारी की। इसका सीधा फायदा जेन्सेन हुआंग को मिला।
एनवीडिया बनी दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी
शेयर बाजार में इस हलचल का असर केवल हुआंग की संपत्ति तक ही सीमित नहीं रहा। एनवीडिया अब दुनिया की सबसे मूल्यवान कंपनी बन चुकी है। कंपनी की कुल मार्केट वैल्यू 3.76 लाख करोड़ डॉलर पर पहुंच गई है। इससे पहले यह स्थान माइक्रोसॉफ्ट के पास था, जिसकी मार्केट वैल्यू फिलहाल 3.65 लाख करोड़ डॉलर के आसपास है।
एनवीडिया ने माइक्रोसॉफ्ट को पछाड़ते हुए टॉप पर कब्जा जमा लिया है, और यह टेक्नोलॉजी जगत के लिए एक बड़ा संकेत है कि अगली बड़ी क्रांति एआई आधारित हार्डवेयर और चिप्स के जरिए ही आने वाली है। कंपनी की यह सफलता बताती है कि जिस दिशा में वह काम कर रही है, वह भविष्य में टेक्नोलॉजी का नया आधार बनने वाला है।
जेन्सेन हुआंग की लीडरशिप स्टाइल की चर्चा
एनवीडिया के इस तेज उभार का श्रेय जेन्सेन हुआंग की दूरदर्शिता को भी जाता है। उन्होंने एनवीडिया की नींव 1993 में रखी थी, जब दुनिया में ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट यानी GPU का कोई खास नाम नहीं था। गेमिंग से लेकर वैज्ञानिक अनुसंधान और अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तक, एनवीडिया ने हर दौर में खुद को ढालते हुए नया रास्ता दिखाया है।
हुआंग की खास बात यह है कि वह तकनीकी समझ के साथ-साथ रणनीतिक नजरिए से भी आगे हैं। उन्होंने समय रहते एआई के क्षेत्र में कंपनी की रणनीति को बदलते हुए उस दिशा में निवेश बढ़ाया, जो आज कंपनी को शिखर तक ले आई है।
AI की लहर में सबसे बड़ा नाम बना एनवीडिया
2023 के बाद से पूरी दुनिया में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लेकर जो क्रांति आई है, उसका सबसे बड़ा लाभ एनवीडिया को हुआ है। चैटबॉट्स, मशीन लर्निंग मॉडल, रोबोटिक्स और डेटा सेंटर में जिन चिप्स की जरूरत होती है, उनमें एनवीडिया का दबदबा सबसे ज्यादा है। यह कंपनी OpenAI, Google DeepMind, Microsoft, Amazon जैसी बड़ी कंपनियों को भी चिप्स सप्लाई करती है।
एनवीडिया के जीपीयू इतने पावरफुल हैं कि वे बड़े से बड़े एआई मॉडल को ट्रेन करने के लिए पहली पसंद बन चुके हैं। यही वजह है कि पूरी दुनिया के निवेशकों की नजर अब इस कंपनी पर है और हर नई तकनीकी उपलब्धि के साथ इसकी मार्केट वैल्यू में उछाल आ रहा है।
भारत से भी जुड़ रहा है एनवीडिया का रिश्ता
पिछले कुछ महीनों में एनवीडिया ने भारत में भी अपनी उपस्थिति को मजबूत किया है। कंपनी ने AI सेंटर और रिसर्च यूनिट्स के लिए भारतीय इंजीनियरों को हायर करना शुरू किया है। इसके अलावा, कई भारतीय स्टार्टअप और कंपनियां एनवीडिया के प्लेटफॉर्म पर आधारित एआई सॉल्यूशन बना रही हैं। इससे एनवीडिया का ग्लोबल नेटवर्क और मजबूत हो रहा है।
इसके अलावा, जेन्सेन हुआंग की भारत यात्रा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनकी मुलाकात ने भी काफी सुर्खियां बटोरी थीं। दोनों नेताओं के बीच एआई टेक्नोलॉजी और भारतीय युवाओं की भागीदारी को लेकर चर्चा हुई थी।