Alphabet की कंपनी Google को यूरोपियन यूनियन (EU) में अपने AI Overviews फीचर को लेकर एंटीट्रस्ट शिकायत का सामना करना पड़ रहा है। एंटीट्रस्ट शिकायत यानी प्रतिस्पर्धा के खिलाफ काम करने से जुड़ा मामला, जिसे स्वतंत्र पब्लिशर्स के एक समूह ने दर्ज कराया है।
टेक्नोलॉजी: गूगल के लिए यूरोप में मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। दुनिया की सबसे बड़ी सर्च कंपनी पर उसके AI Overviews फीचर को लेकर एंटीट्रस्ट शिकायत दर्ज हुई है। यह शिकायत यूरोपियन यूनियन (EU) में इंडिपेंडेंट पब्लिशर्स अलायंस सहित कई संगठनों ने मिलकर की है, जिसमें कहा गया है कि गूगल का यह एआई आधारित फीचर स्वतंत्र पब्लिशर्स और न्यूज वेबसाइट्स के लिए भारी नुकसान का कारण बन रहा है।
दरअसल, Google का AI Overviews फीचर किसी सवाल का जवाब सीधे सर्च रिजल्ट में एआई समरी के तौर पर दिखाता है। यह समरी अलग-अलग वेबसाइटों से कंटेंट लेकर तैयार होती है, जिससे यूजर को लिंक पर क्लिक करने की जरूरत ही नहीं पड़ती। पब्लिशर्स का दावा है कि इससे उनके प्लेटफॉर्म पर आने वाला ट्रैफिक और रेवेन्यू तेजी से घट रहा है।
क्या है एंटीट्रस्ट शिकायत का असली मामला?
रिपोर्ट्स के मुताबिक इंडिपेंडेंट पब्लिशर्स का कहना है कि गूगल ने अपनी सर्च में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का दखल बढ़ाकर अपनी मार्केट पोजिशन का गलत फायदा उठाया है। पब्लिशर्स की आपत्ति है कि गूगल यूजर्स को सीधे जवाब देकर अपने प्लेटफॉर्म पर रोक लेता है और लोगों को उनकी वेबसाइट तक पहुंचने का मौका ही नहीं देता।
यानी पब्लिशर्स सालों की मेहनत से कंटेंट तैयार करते हैं, लेकिन उसका फायदा गूगल अपने एआई समरी में दिखाकर उठा लेता है — और इसके लिए किसी भी तरह की अनुमति नहीं लेता। पब्लिशर्स का यह भी कहना है कि मई 2024 से गूगल ने AI Overviews में विज्ञापन दिखाना शुरू कर दिया, जिससे गूगल की कमाई तो बढ़ रही है लेकिन पब्लिशर्स का नुकसान कई गुना हो रहा है।
कितना बड़ा है नुकसान?
इंडिपेंडेंट पब्लिशर्स अलायंस की रिपोर्ट के मुताबिक न्यूज वेबसाइट्स और छोटे पब्लिशर्स को इस वजह से पाठकों की संख्या में गिरावट, कमाई में कमी और डिजिटल मार्केटिंग के अवसरों में नुकसान झेलना पड़ रहा है। Foxglove Legal और Movement for an Open Web जैसे संगठनों ने भी गूगल के इस कदम को “स्वतंत्र पत्रकारिता के लिए संकट” बताया है।
Foxglove की को-डायरेक्टर रोजा कर्लिंग ने कहा: Google AI Overviews फीचर स्वतंत्र मीडिया को हाशिए पर डाल रहा है। इससे पत्रकारिता का भविष्य खतरे में पड़ सकता है। ईयू को तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए और न्यूज वेबसाइट्स को इससे बाहर निकलने का विकल्प देना चाहिए।
Google ने क्या कहा?
Google ने इस आरोप को खारिज किया है। कंपनी के प्रवक्ता का कहना है कि गूगल हर दिन अरबों क्लिक वेबसाइट्स को भेजता है और AI Overviews फीचर का मकसद यूजर्स को और ज्यादा सवाल पूछने के लिए प्रेरित करना है, जिससे नई वेबसाइट्स और नए बिजनेस को भी मौका मिले। Google ने यह भी कहा कि ट्रैफिक में उतार-चढ़ाव कई कारणों से हो सकता है, जैसे सीजनल ट्रेंड, यूजर का व्यवहार या सर्च अल्गोरिद्म में बदलाव। प्रवक्ता ने इसे “अधूरी और भ्रामक जानकारी पर आधारित” शिकायत बताया।
क्यों बढ़ रही है चिंता?
दरअसल, डिजिटल मार्केट में गूगल की ताकत पहले ही बहुत बड़ी मानी जाती है। कई पब्लिशर्स को डर है कि अगर AI Overviews जैसा फीचर तेजी से फैलता गया तो उनके पाठकों का भरोसा और उनका राजस्व खत्म हो जाएगा। यूजर्स अगर सीधे सर्च रिजल्ट में जवाब पढ़कर ही संतुष्ट हो जाएंगे तो वेबसाइट पर आने की जरूरत ही नहीं बचेगी।
यूरोपीय आयोग अब इस शिकायत की जांच कर सकता है, और अगर गूगल दोषी पाया गया तो उस पर भारी जुर्माना या सुधारात्मक आदेश भी जारी किए जा सकते हैं।
भारत और अमेरिका में भी बढ़ी बहस
गौर करने वाली बात है कि अमेरिका में भी हाल ही में एक एजुकेशन टेक कंपनी ने इसी मुद्दे पर गूगल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। उनका आरोप है कि गूगल का एआई फीचर उनके ओरिजिनल कंटेंट की डिमांड को नुकसान पहुंचा रहा है। भारत में भले अभी ऐसी कोई औपचारिक शिकायत सामने न आई हो, लेकिन यहां भी डिजिटल पब्लिशर्स AI के बढ़ते इस्तेमाल को लेकर चिंता जता रहे हैं।
फिलहाल, यूरोपीय आयोग की एंटीट्रस्ट टीम इस मामले की शुरुआती पड़ताल कर रही है। अगर यहां से केस मजबूत पाया गया, तो गूगल को AI Overviews फीचर पर सख्त शर्तों या अस्थायी रोक का सामना करना पड़ सकता है।