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गुप्त नवरात्रि 2025: लौंग से दूर होंगे कष्ट, मिलेगी मां दुर्गा की विशेष कृपा

गुप्त नवरात्रि 2025: लौंग से दूर होंगे कष्ट, मिलेगी मां दुर्गा की विशेष कृपा

गुप्त नवरात्रि का पर्व तंत्र साधना, आत्मिक शुद्धि और दिव्य शक्ति की प्राप्ति का विशेष अवसर होता है। आषाढ़ मास में शुरू होने वाले इन नवरात्रों में मां दुर्गा के विभिन्न रूपों की साधना की जाती है। इस दौरान मां को लौंग चढ़ाने की परंपरा विशेष फलदायक मानी जाती है। मान्यता है कि इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है, जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है, और ग्रह दोषों से भी मुक्ति मिलती है।

गुप्त नवरात्रि का महत्व और तिथि

गुप्त नवरात्रि वर्ष में दो बार — माघ और आषाढ़ मास में मनाई जाती है। इन नवरात्रियों में की जाने वाली साधना अत्यंत गोपनीय, शक्तिशाली और प्रभावशाली मानी जाती है। माना जाता है कि इस काल में की गई पूजा और तपस्या का फल शीघ्र प्राप्त होता है।

इस वर्ष आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि 26 जून 2025 से आरंभ होगी। यह समय विशेष रूप से उन साधकों के लिए अत्यंत फलदायक होता है जो तांत्रिक मार्ग पर साधना करते हैं, सिद्धियाँ प्राप्त करना चाहते हैं या आत्मिक जागरण और आध्यात्मिक उन्नति की आकांक्षा रखते हैं।

गुप्त नवरात्र का मतलब ही होता है कि पूजा और साधना को गुप्त रखा जाए। यही कारण है कि इस दौरान देवी की साधना करने वाले लोग अपने अनुष्ठान सार्वजनिक रूप से नहीं करते। माना जाता है कि यह समय उन लोगों के लिए विशेष होता है जो अध्यात्म की गहराइयों में जाना चाहते हैं और देवी की विशेष कृपा प्राप्त करना चाहते हैं।

लौंग का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व

गुप्त नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा को चढ़ाई जाने वाली सामग्रियों में लौंग का विशेष स्थान होता है। लौंग को पूजा में अर्पित करने से वातावरण की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और घर में सकारात्मकता का संचार होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, लौंग की सुगंध वातावरण को पवित्र बनाती है और देवी को शीघ्र प्रसन्न करती है।

लौंग एक सुगंधित औषधीय मसाला है, जिसे प्राचीन काल से ही पूजा-पाठ और औषधीय प्रयोगों में उपयोग किया जाता रहा है। इसके औषधीय गुणों के साथ-साथ यह आध्यात्मिक दृष्टि से भी बहुत शक्तिशाली मानी जाती है। लौंग में अग्नि तत्व की अधिकता होती है, जो साधना में ऊर्जा प्रदान करता है।

हवन और दीपक में लौंग का प्रयोग

साधना के समय लौंग का उपयोग हवन में या दीपक के साथ किया जाता है। जब लौंग जलती है, तो उसकी सुगंध पूरे वातावरण में फैलती है, जिससे मानसिक शांति और ध्यान केंद्रित करने में सहायता मिलती है। यही कारण है कि गुप्त नवरात्र के दिनों में लौंग को विशेष रूप से पूजा में शामिल किया जाता है।

यदि घर में नियमित रूप से लौंग के साथ दीपक जलाया जाए, तो नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है और घर का वातावरण पवित्र बना रहता है। हवन के समय भी जब लौंग की आहुति दी जाती है, तो उसकी सुगंध वायु के माध्यम से चारों ओर फैलती है और मानसिक व आत्मिक शांति प्रदान करती है।

ग्रह दोषों से मुक्ति का उपाय

ज्योतिष के अनुसार, यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि, राहु या केतु जैसे ग्रहों का अशुभ प्रभाव हो, तो गुप्त नवरात्र के दौरान मां दुर्गा को लौंग अर्पित करने से इन दोषों का प्रभाव कम हो सकता है। यह उपाय विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी होता है जो लंबे समय से बाधाओं और परेशानियों का सामना कर रहे हैं।

शनि ग्रह के प्रभाव से उत्पन्न जीवन की कठिनाइयों, नौकरी में रुकावटें, आर्थिक संकट और वैवाहिक जीवन की समस्याओं से राहत पाने के लिए मां को लौंग अर्पित करना अत्यंत प्रभावी माना गया है। राहु और केतु के कारण उत्पन्न मानसिक तनाव, भ्रम और निर्णयहीनता की स्थिति से भी छुटकारा पाने में लौंग का प्रयोग उपयोगी है।

मां के विभिन्न रूपों को अर्पित करें लौंग

  • गुप्त नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। हर देवी स्वरूप को विशेष फल प्रदान करने वाली मानी जाती हैं और उनकी पूजा में लौंग का प्रयोग अलग-अलग लाभ देता है:
  • शैलपुत्री व ब्रह्मचारिणी: यदि मानसिक शांति की तलाश है और आत्मबल में कमी महसूस हो रही है, तो इन देवियों की पूजा में लौंग अर्पित करना लाभकारी होता है।
  • चंद्रघंटा व कुष्मांडा: लंबे समय से चली आ रही बीमारियों, अनजाने भय और चिंता को दूर करने के लिए इन देवियों को लौंग का भोग लगाना चाहिए।
  • स्कंदमाता व कात्यायनी: पारिवारिक सुख, संतान प्राप्ति और वैवाहिक जीवन में सामंजस्य के लिए लौंग अर्पण करें।
  • कालरात्रि व महागौरी: शत्रु बाधा, कोर्ट-कचहरी की समस्याओं और जीवन में लगातार आने वाली रुकावटों से मुक्ति पाने के लिए इन देवियों की पूजा में लौंग चढ़ाना लाभकारी है।
  • सिद्धिदात्री: सभी प्रकार की सिद्धियों और आध्यात्मिक उपलब्धियों की प्राप्ति के लिए मां सिद्धिदात्री को लौंग अर्पित करने की परंपरा है।

लौंग से जुड़े अन्य ज्योतिषीय और तांत्रिक उपाय

  • हर दिन नवरात्रि के समय एक लौंग को सरसों के तेल में डुबोकर दीपक में जलाएं। इससे बुरी नजर और नकारात्मकता दूर होती है।
  • नवरात्र की नवमी को नौ लौंग लेकर देवी के चरणों में चढ़ाएं और फिर उसे लाल कपड़े में बांधकर अपने पास रखें। इससे जीवन में स्थिरता और सुरक्षा बनी रहती है।
  • यदि व्यापार में घाटा हो रहा हो, तो गुप्त नवरात्र के किसी भी दिन दुकान या ऑफिस के मुख्य द्वार पर लौंग के साथ दीपक जलाएं। यह उपाय शुभ फलदायी माना जाता है।

गुप्त नवरात्रि में लौंग चढ़ाने से क्या लाभ होता है?

लौंग में औषधीय गुण तो होते ही हैं, साथ ही इसमें आध्यात्मिक ऊर्जा भी मानी जाती है। इसे देवी को अर्पित करने से:

  • वातावरण शुद्ध होता है
  • साधना सफल होती है
  • ग्रह बाधाएं दूर होती हैं
  • जीवन की नकारात्मक शक्तियां नष्ट होती हैं
  • धन, सुख और मानसिक शांति प्राप्त होती है

आध्यात्मिक अनुभव और लौंग का प्रभाव

कई साधक यह अनुभव करते हैं कि जब वे लौंग के साथ मां दुर्गा की साधना करते हैं, तो उनकी ऊर्जा में आश्चर्यजनक परिवर्तन आता है। साधना के समय ध्यान लगना आसान हो जाता है, स्वप्नों में दिव्य संकेत प्राप्त होते हैं और जीवन में नए मार्ग खुलते हैं। लौंग न केवल पूजा की एक सामग्री है, बल्कि यह साधना को गहराई देने वाला एक माध्यम बन जाता है।

गुप्त नवरात्रि एक दुर्लभ साधना काल है, जिसमें लौंग जैसे साधारण दिखने वाले तत्व से भी देवी की कृपा प्राप्त की जा सकती है। यदि आप अपने जीवन में आने वाली बाधाओं से मुक्ति चाहते हैं और आत्मिक शक्ति की तलाश में हैं, तो इस नवरात्रि मां दुर्गा को लौंग अर्पित करें और श्रद्धा के साथ पूजा करें।

इस गुप्त नवरात्रि पर लौंग की शक्ति को समझें और अपने पूजन में इसका समावेश अवश्य करें। देवी मां की कृपा से आपके जीवन के सभी संकट समाप्त हों और सुख-समृद्धि का संचार हो। इस लेख को अपने परिवार व मित्रों के साथ साझा करें ताकि वे भी इस दुर्लभ ज्ञान का लाभ उठा सकें।

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