Columbus

गुरु नानक जयंती: सिख श्रद्धालुओं को पाकिस्तान यात्रा की अनुमति, केंद्र ने रखी सख्त सुरक्षा शर्तें

गुरु नानक जयंती: सिख श्रद्धालुओं को पाकिस्तान यात्रा की अनुमति, केंद्र ने रखी सख्त सुरक्षा शर्तें

गुरु नानक जयंती पर सिख श्रद्धालुओं को पाकिस्तान जाने की अनुमति मिली। केंद्र सरकार ने सुरक्षा उपायों के साथ यात्रा की शर्तें तय की हैं। केवल स्वीकृत जत्थों और वीज़ाधारी श्रद्धालु ही यात्रा कर सकेंगे।

दिल्ली: केंद्र सरकार ने गुरु नानक देव जी की प्रकाश जयंती के अवसर पर सिख श्रद्धालुओं (जथों) को पाकिस्तान जाने की अनुमति दे दी है। यह निर्णय 12 सितंबर को लगाए गए प्रतिबंध को पलटने के बाद लिया गया, जिसमें सुरक्षा कारणों का हवाला दिया गया था। सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह अनुमति सिर्फ इस विशेष धार्मिक अवसर के लिए ही लागू होगी।

साथ ही, केंद्र सरकार ने यह भी कहा है कि सुरक्षा एजेंसियां सतर्क रहेंगी, और यात्रियों को इस बार अधिकतम सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। यह कदम न केवल श्रद्धालुओं की आस्था का सम्मान करता है, बल्कि भारत-पाकिस्तान संबंधों में धार्मिक-सांस्कृतिक पहलुओं को मजबूत करने में भी सहायक होगा।

22 अक्टूबर तक भेजनी होगी अनुमोदित सूची

गृह मंत्रालय (एमएचए) ने पंजाब, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर बताया कि यात्रा केवल मान्यता प्राप्त सिख धार्मिक संगठनों द्वारा प्रायोजित जत्थों को ही अनुमति होगी। इन संगठनों की सुरक्षा जांच और सत्यापन राज्य और केंद्रीय खुफिया एजेंसियों द्वारा किया जाएगा।

सभी स्वीकृत जत्थों की सूची 22 अक्टूबर तक एमएचए को भेजी जानी होगी। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि यात्रा नियमों और सुरक्षा प्रोटोकॉल के अनुरूप ही हो।

अनुमति प्राप्त श्रद्धालुओं को यात्रा की इजाजत 

गृह मंत्रालय ने साफ किया है कि पाकिस्तान यात्रा सिर्फ उन्हीं श्रद्धालुओं को दी जाएगी, जिन्हें पाकिस्तान ने वीज़ा प्रदान किया होगा और जिनकी सिफारिश गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय द्वारा की गई होगी। यात्रा केवल अंतरराष्ट्रीय चेक पोस्ट अटारी के माध्यम से ही संभव होगी।

यह निर्णय सिख धार्मिक संगठनों और श्रद्धालुओं के लिए खुशी का कारण बन गया है। श्रद्धालु अब अपने पवित्र गुरुद्वारों तक धार्मिक यात्रा करने के लिए तैयार हैं।

धार्मिक संगठनों और नेताओं की प्रतिक्रिया

अकाल तख्त के कार्यकारी जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गर्गज और एसजीपीसी अध्यक्ष हरजिंदर धामी ने पहले प्रतिबंध को अनुचित बताया था। उनका कहना था कि यदि क्रिकेट जैसी गतिविधियों के लिए अनुमति दी जा सकती है, तो धार्मिक यात्राओं पर रोक क्यों?

वहीं, बाई मर्दाना यादगारी कीर्तन दरबार सोसाइटी के अध्यक्ष जगजीत सिंह ने बताया कि उनका संगठन 200 से अधिक श्रद्धालुओं के वीज़ा प्रक्रिया को तेज करेगा, जिनके पासपोर्ट पहले ही जमा कराए जा चुके हैं।

सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता और शर्तें

सरकार ने कहा है कि सुरक्षा की दृष्टि से अधिक सतर्कता बरती जाएगी, यात्रियों को भी सुरक्षा नियमों का पालन करना होगा। यात्रा के दौरान किसी भी प्रकार की अनियमितता या सुरक्षा उल्लंघन की जाँच और कार्रवाई तुरंत की जाएगी।

साथ ही, यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि यात्रा और धार्मिक अनुष्ठान दोनों ही सुरक्षित और व्यवस्थित रूप से संपन्न हों।

Leave a comment