हरतालिका तीज 2025 का व्रत 26 अगस्त को रखा जाएगा। यह व्रत भगवान शिव और माता पार्वती के लिए किया जाता है और सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु, सुख-समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करती हैं। पूजा सुबह 05:56 से 08:31 तक होगी और पारण अगले दिन सूर्योदय के बाद किया जाएगा।
नई दिल्ली: साल 2025 में हरतालिका तीज का व्रत 26 अगस्त को रखा जाएगा। यह व्रत भाद्रपद शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को होता है और भगवान शिव तथा माता पार्वती की आराधना के लिए जाना जाता है। इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत करती हैं, भगवान शिव को बेलपत्र और धतूरा अर्पित करती हैं और माता पार्वती को 16 श्रृंगार की सामग्री चढ़ाती हैं। पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 05:56 से 08:31 तक है और व्रत का पारण अगले दिन सूर्योदय के बाद किया जाता है, जिससे वैवाहिक जीवन में सुख और समृद्धि की कामना पूरी होती है।
हरतालिका तीज 2025 की तिथि और समय
साल 2025 में हरतालिका तीज तृतीया तिथि के अनुसार मनाई जाएगी। इस बार तृतीया तिथि 25 अगस्त को दोपहर 12:34 बजे प्रारंभ होगी और 26 अगस्त को दोपहर 01:54 बजे समाप्त होगी। इसी कारण हरतालिका तीज का व्रत 26 अगस्त को रखा जाएगा।
व्रत के दिन प्रातःकाल पूजा का मुहूर्त सुबह 05:56 बजे से 08:31 बजे तक है। इस समय के दौरान महिलाएं भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना करती हैं। यह कुल अवधि लगभग 2 घंटे 35 मिनट की होती है।
पूजा की प्रक्रिया और विधि
हरतालिका तीज के दिन महिलाएं सुबह जल्दी उठकर स्नान करती हैं और साफ कपड़े पहनकर पूजा की तैयारी करती हैं। पूजा में शिव और पार्वती की अस्थाई रेत या मिट्टी से बनी मूर्तियों की स्थापना की जाती है।
भगवान शिव को बेलपत्र, धतूरा और रंग-बिरंगे फूल अर्पित किए जाते हैं। माता पार्वती को 16 श्रृंगार की सामग्री चढ़ाई जाती है। इस दौरान महिलाएं व्रत का संकल्प लेती हैं और पूरे दिन निर्जला व्रत करती हैं।
पूजा में गायत्री मंत्र और शिव स्तुति का पाठ करना शुभ माना जाता है। महिलाएं इस दिन माता पार्वती और भगवान शिव की आराधना के साथ पति के दीर्घायु, स्वास्थ्य और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं।
हरतालिका तीज व्रत का पारण
हरतालिका तीज का पारण अगले दिन सूर्योदय के बाद किया जाता है। व्रत करने वाली महिलाएं सुबह भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने के बाद पारण करती हैं। पारण के समय हल्का भोजन ग्रहण किया जाता है, और व्रत समाप्त होता है।
यह दिन परिवार के सभी सदस्यों के लिए खुशी और उत्साह का समय होता है। पारिवारिक वातावरण में भाई-बहन, पति-पत्नी और बच्चों के बीच प्रेम और सम्मान की भावना बढ़ती है।
व्रत करने के लाभ
हरतालिका तीज का व्रत विशेष रूप से शादीशुदा महिलाओं के लिए लाभकारी माना जाता है। इस व्रत के माध्यम से पति की लंबी आयु, स्वास्थ्य और वैवाहिक जीवन में सुख-शांति प्राप्त होती है।
इसके अलावा, यह व्रत संतान प्राप्ति की कामना करने वाले लोगों के लिए भी शुभ प्रभाव देता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस व्रत को करने से परिवार में सकारात्मक ऊर्जा और सामंजस्य बढ़ता है।
हरतालिका तीज का सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व
हरतालिका तीज केवल धार्मिक दृष्टि से ही महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि यह सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी विशेष स्थान रखता है। यह त्योहार महिलाओं के लिए अपने परिवार और पति के प्रति भक्ति और समर्पण दिखाने का अवसर है।
इस दिन महिलाएं आपस में मिलती हैं, तीज गीत गाती हैं और पारंपरिक रीति-रिवाजों का पालन करती हैं। यह उत्सव महिलाओं के बीच भाईचारा और सहयोग की भावना को मजबूत करता है।