भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को एक पत्र लिखकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के संस्थापक केशव बलिराम हेडगेवार को मरणोपरांत भारत रत्न देने की मांग की है।
नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (BJP) के अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के संस्थापक केशव बलिराम हेडगेवार को मरणोपरांत भारत रत्न देने की मांग की है। पत्र में जमाल सिद्दीकी ने हेडगेवार को स्वतंत्रता सेनानी और राष्ट्र निर्माता बताया और उनके योगदानों को सम्मानित करने की आवश्यकता जताई।
सिद्दीकी ने कहा कि हेडगेवार ने देश की आजादी और राष्ट्र निर्माण में जो भूमिका निभाई, उसे देखते हुए उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किया जाना चाहिए। उनका यह कदम युवाओं में देशभक्ति और सामाजिक सेवा की भावना को भी प्रेरित करेगा।
हेडगेवार के योगदान
केशव बलिराम हेडगेवार का जन्म 1 अप्रैल 1889 को नागपुर में हुआ था। उन्होंने 1925 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की स्थापना की। आरएसएस ने देशभर में सामाजिक सेवा, राष्ट्रभक्ति और संगठन निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। जमाल सिद्दीकी ने अपने पत्र में कहा कि हेडगेवार जी के योगदान जैसे स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय भागीदारी, संगठन निर्माण की अद्भुत क्षमता और एक भारत का सपना को देखते हुए उन्हें भारत रत्न देना उपयुक्त होगा।
उनका मानना है कि यह सम्मान न केवल हेडगेवार के बलिदान को मान्यता देगा, बल्कि देशभर में सेवा कार्य में लगे स्वयंसेवकों को भी प्रेरित करेगा। इस साल 2 अक्टूबर को आरएसएस अपने 100 वर्ष पूरे करने जा रहा है। शताब्दी वर्ष के मौके पर संगठन ने देशभर में कई कार्यक्रम आयोजित किए।
प्रधानमंत्री मोदी ने दी श्रृद्धांजलि
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शताब्दी वर्ष के अवसर पर दिल्ली के डॉ. आंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में हिस्सा लिया। पीएमओ के अनुसार, इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने विशेष डाक टिकट और स्मृति सिक्का जारी किया, जो आरएसएस के राष्ट्र सेवा कार्यों और इतिहास को दर्शाएगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने लोकप्रिय कार्यक्रम ‘मन की बात’ में भी आरएसएस और इसके संस्थापक हेडगेवार की प्रेरणादायक यात्रा की सराहना की। उन्होंने कहा कि 100 साल पहले जब आरएसएस की स्थापना हुई, तब भारत गुलामी के जंजीरों में जकड़ा हुआ था। पीएम मोदी ने कहा, सदियों की गुलामी ने हमारे आत्म-सम्मान और आत्मविश्वास को गहरी चोट पहुंचाई थी। दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यता पहचान के संकट से गुजर रही थी। ऐसे समय में पूज्यनीय हेडगेवार जी ने विजयदशमी के शुभ अवसर पर 1925 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की।
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि हेडगेवार के निधन के बाद उनके शिष्य गुरुजी ने इस महान सेवा कार्य को आगे बढ़ाया और आज संगठन देशभर में सामाजिक और राष्ट्रभक्ति के क्षेत्र में सक्रिय है।