दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र से पूछा कि DPDP Act-2023 की अधिसूचना जारी हुई या नहीं। अगली सुनवाई 12 नवंबर 2025 को होगी। अधिनियम का उद्देश्य व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा और नागरिकों की निजता का संरक्षण है।
DPDP Act-2023: दिल्ली हाई कोर्ट ने डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम, 2023 (DPDP Act-2023) को लागू करने के मामले में केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। अदालत ने यह स्पष्ट किया कि अब तक इस अधिनियम के संबंध में कोई अधिसूचना जारी हुई है या नहीं। याचिकाकर्ता ने सरकार से यह निर्देश देने की मांग की है कि अधिनियम को जल्द से जल्द अधिसूचित किया जाए।
अदालत ने केंद्र सरकार से मांगा जवाब
मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने केंद्र सरकार से पूछा कि क्या DPDP Act-2023 के लागू होने के लिए कोई अधिसूचना जारी की गई है। अदालत ने सरकार के वकील को यह पता करने का निर्देश दिया कि क्या अधिनियम की धारा 1(2) के तहत कोई अधिसूचना जारी की गई या विचाराधीन है। अदालत ने अगली सुनवाई की तिथि 12 नवंबर 2025 तय की है।
DPDP Act-2023 का उद्देश्य
DPDP Act-2023 का मुख्य उद्देश्य व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा करना और लोगों की निजता के अधिकार की रक्षा करना है। अधिनियम के अनुसार, किसी भी व्यक्ति का डेटा केवल सहमति लेने के बाद और वैध उद्देश्यों के लिए ही साझा किया जा सकता है।
याचिका में दावा किया गया है कि अधिनियम के कार्यान्वयन के बिना, लोगों के व्यक्तिगत डेटा से उनके उचित सहमति के बिना समझौता किया जा रहा है।
अधिसूचना अभी तक नहीं हुई
याचिका में यह भी बताया गया कि 11 अगस्त 2023 को राष्ट्रपति की स्वीकृति मिलने के बावजूद DPDP Act-2023 को अभी तक आधिकारिक रूप से अधिसूचित नहीं किया गया है। अधिसूचना जारी होने के बाद ही अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों को लागू करने की प्रक्रिया शुरू होगी।
अधिनियम में यह प्रावधान भी है कि अलग-अलग प्रावधानों के लागू होने के लिए अलग-अलग तिथियां निर्धारित की जा सकती हैं।
भारतीय डेटा संरक्षण बोर्ड की भूमिका
DPDP Act-2023 के तहत, केंद्र सरकार को भारतीय डेटा संरक्षण बोर्ड (Indian Data Protection Board) की स्थापना करनी होगी। यह बोर्ड अधिनियम के अनुपालन की निगरानी करेगा और उल्लंघन की स्थिति में दंड लगाने के साथ आवश्यक उपाय करने का निर्देश देगा।
इसके अलावा, बोर्ड प्रभावित व्यक्तियों की शिकायतों की सुनवाई करेगा और सुनिश्चित करेगा कि किसी का व्यक्तिगत डेटा उनकी सहमति के बिना साझा न हो।
याचिकाकर्ता की मांग
याचिकाकर्ता ने अदालत को बताया कि अभी तक DPDP Act-2023 के संबंध में कोई अधिसूचना जारी नहीं हुई है और सरकार को इसे अधिसूचित करने का निर्देश देना चाहिए। उनका तर्क है कि अधिनियम के बिना, डिजिटल प्लेटफॉर्म और अन्य संस्थान लोगों के डेटा का दुरुपयोग कर सकते हैं।