हाथरस के दाऊजी मेले में महिला झूले पर लटकी दिखने वाला वायरल वीडियो फर्जी निकला। पुलिस ने फैक्ट चेक में बताया कि यह वीडियो छत्तीसगढ़ के भाटापारा का है और हाथरस से इसका कोई संबंध नहीं है।
हाथरस: उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में लगे श्री दाऊजी महाराज मेले के नाम पर सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में साड़ी पहने एक महिला हवाई झूले पर लगे बॉक्स पर लटकती दिखाई दे रही है। लोगों का मानना है कि यह घटना हाथरस में हुई है, लेकिन हाथरस पुलिस ने स्पष्ट किया कि यह वीडियो वास्तव में अगस्त 2025 का है और छत्तीसगढ़ राज्य के भाटापारा के मेले का है। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे भ्रामक सूचनाओं को फैलाने से बचें, अन्यथा कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
झूला हादसे का वीडियो वायरल
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो रहे इस वीडियो में झूला धीरे-धीरे नीचे की ओर गिरता दिखाई दे रहा है। वीडियो में मेले में खड़े लोग जोर-जोर से चिल्ला रहे हैं और महिला को सुरक्षित निकालने की बात कह रहे हैं। वीडियो को कई मीडिया संस्थानों ने हाथरस मेला दाऊजी महाराज से जोड़कर प्रकाशित कर दिया, जिससे आम जनता में चिंता और सनसनी फैल गई।
हाथरस जिले के कोतवाली सदर क्षेत्र में भी लोग वीडियो को देखकर भ्रमित हुए। सोशल मीडिया पर वीडियो को हाथरस के मेले का बताकर शेयर किया गया और इसके साथ ही गलत जानकारी के कारण कई लोग घटना को सत्य मान बैठे। वीडियो में दिख रही महिला साड़ी में है और झूले के बॉक्स पर लटककर खुद को बचाने की कोशिश कर रही है।
पुलिस ने अफवाहों पर दिया बयान
हाथरस पुलिस ने वायरल वीडियो को लेकर तुरंत स्पष्टीकरण जारी किया। पुलिस के अनुसार, वायरल वीडियो का हाथरस के श्री दाऊजी महाराज मेले से कोई संबंध नहीं है। यह घटना वास्तव में छत्तीसगढ़ राज्य के भाटापारा के मेले में अगस्त 2025 में हुई थी। पुलिस ने कहा कि सोशल मीडिया पर इसे हाथरस के मेले से जोड़कर फैलाना पूरी तरह गलत और भ्रामक है।
पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे तथ्यों की जांच किए बिना कोई सूचना शेयर न करें। साथ ही पुलिस ने चेतावनी दी है कि जो लोग जानबूझकर झूठी और भ्रामक खबरें फैलाएंगे, उनके खिलाफ सुसंगत धाराओं के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यह कदम सामाजिक सुरक्षा और अफवाहों के फैलाव को रोकने के लिए उठाया गया है।
वायरल वीडियो ने मचाई अफरा-तफरी
वीडियो के वायरल होने के बाद हाथरस में लोग सोशल मीडिया पर इसकी चर्चा करने लगे। कई लोगों ने इसे वास्तविक घटना मान लिया और स्थानीय प्रशासन पर सवाल उठाए। हालांकि पुलिस के बयान ने यह स्पष्ट कर दिया कि मामला हाथरस से संबंधित नहीं है। इस घटना ने सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो की सत्यता को लेकर एक बार फिर चेतावनी दी है।
विशेषज्ञों का कहना है कि सोशल मीडिया पर बिना पुष्टि की खबरें जल्दी फैलती हैं और आम लोगों में भ्रम पैदा कर सकती हैं। इस घटना ने यह साबित कर दिया कि गलत जानकारी फैलाना कितनी बड़ी समस्या बन सकता है। पुलिस और प्रशासन ने भी यह सुनिश्चित किया है कि हाथरस के मेले में सभी झूले सुरक्षित हैं और कोई खतरा नहीं है।
प्रशासन और पुलिस की चेतावनी
हाथरस पुलिस ने स्थानीय लोगों और सोशल मीडिया यूजर्स से स्पष्ट रूप से अपील की है कि वायरल वीडियो के आधार पर अफवाहें न फैलाएं। उन्होंने कहा कि ऐसे मामले में केवल आधिकारिक सूचना पर ही भरोसा करना चाहिए। पुलिस ने यह भी कहा कि मेले में लगे झूले और मनोरंजन उपकरण पूरी तरह सुरक्षित हैं और कोई भी असुरक्षित घटना हाथरस में नहीं हुई है।
इसके साथ ही पुलिस ने बताया कि वायरल वीडियो की जांच लगातार चल रही है और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से फर्जी वीडियो हटाने के लिए कार्रवाई की जा रही है। पुलिस का कहना है कि जनता को अफवाहों से बचने और केवल सत्यापित सूचना पर भरोसा करने की आवश्यकता है।