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Bihar Politics 2025: आजादी के बाद पहली बार पटना में होगी कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक, दिग्गज नेताओं का लगेगा जमावड़ा

Bihar Politics 2025: आजादी के बाद पहली बार पटना में होगी कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक, दिग्गज नेताओं का लगेगा जमावड़ा

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले कांग्रेस ने एक बड़ा राजनीतिक दांव खेला है। आजादी के बाद पहली बार पार्टी की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली इकाई कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की बैठक बिहार की राजधानी पटना में होने जा रही है। 

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने अपने राजनीतिक पत्ते खोलने की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाया है। आज़ादी के बाद पहली बार पार्टी की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली इकाई, कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) की बैठक पटना में आयोजित की जा रही है। यह बैठक 24 सितंबर को संभावित रूप से सदाकत आश्रम में होगी।

इस अहम बैठक में चुनावी रणनीति, गठबंधन की दिशा, उम्मीदवारों का चयन और राज्य संगठन की मजबूती जैसे मुद्दों पर गहन चर्चा होगी। बैठक में सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी, केसी वेणुगोपाल समेत देशभर के दिग्गज कांग्रेस नेता शामिल होंगे। माना जा रहा है कि इस बैठक से कांग्रेस न केवल बिहार में अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश करेगी, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी विपक्षी राजनीति में अपनी भूमिका को नए सिरे से परिभाषित करेगी।

क्यों खास है पटना में CWC बैठक?

कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक आमतौर पर दिल्ली या बड़े महानगरों में होती है। लेकिन इस बार इसका आयोजन पटना में किया जाना कई मायनों में अहम है। यह कांग्रेस का स्पष्ट संकेत है कि पार्टी बिहार को हल्के में लेने के मूड में नहीं है। चुनावी राज्य में इतनी बड़ी बैठक कराकर कांग्रेस अपने कार्यकर्ताओं को ऊर्जा देना चाहती है। विपक्षी दलों को संदेश देना भी मकसद है कि कांग्रेस पूरी तैयारी के साथ मैदान में उतर रही है।

बैठक में उठेंगे ये अहम मुद्दे

इस बैठक में बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से जुड़ी कई रणनीतिक चर्चाएं होंगी।

  • चुनावी रणनीति: पार्टी किस तरह से जनसंपर्क और प्रचार अभियान को तेज करेगी।
  • उम्मीदवार चयन: कौन से चेहरों को चुनावी मैदान में उतारना है, इस पर मंथन होगा।
  • गठबंधन समीकरण: क्षेत्रीय दलों के साथ तालमेल और महागठबंधन की संभावनाओं पर विचार किया जाएगा।
  • संगठन की मजबूती: जमीनी स्तर पर पार्टी को कैसे मजबूत किया जाए, इस पर विशेष फोकस रहेगा।

बिहार में कांग्रेस की स्थिति

बिहार में कांग्रेस का राजनीतिक जनाधार पिछले दो दशकों में लगातार कमजोर हुआ है। 2015 के विधानसभा चुनाव में पार्टी को महागठबंधन का हिस्सा बनकर कुछ सफलता मिली थी। लेकिन 2020 के चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन उम्मीद से बहुत कम रहा। इसके बाद संगठन की कमजोरी और नेतृत्व को लेकर कई सवाल उठे। यही कारण है कि कांग्रेस पटना में CWC बैठक कर यह संदेश देना चाहती है कि इस बार वह पूरी ताकत और रणनीति के साथ चुनावी मैदान में उतरेगी।

विश्लेषकों का मानना है कि पटना में होने वाली यह बैठक कांग्रेस के लिए इमेज बिल्डिंग का भी काम करेगी। यह आयोजन पार्टी के कार्यकर्ताओं को प्रेरित करेगा। विपक्षी गठबंधन (INDIA Bloc) में कांग्रेस की स्थिति को मजबूत करेगा। राज्य में पार्टी की जमीन को दोबारा मजबूत करने का अवसर देगा।

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