हिमाचल में मूसलधार बारिश और भूस्खलन से 375 सड़कें और कई राष्ट्रीय राजमार्ग बंद हो गए हैं। ट्रांसफार्मर और जल योजनाएं भी बाधित हैं। अगले तीन दिन मौसम साफ रहने की संभावना है।
Himachal Rain Alert: हिमाचल प्रदेश इन दिनों भारी बारिश और भूस्खलन की दोहरी मार झेल रहा है। प्रदेश में लगातार हो रही बारिश ने जनजीवन बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। राज्य की चार मुख्य राष्ट्रीय राजमार्गों (National Highways) सहित 375 से अधिक सड़कें बंद हो चुकी हैं। कई स्थानों पर यातायात पूरी तरह ठप है और लोगों को घंटों लंबा इंतजार करना पड़ रहा है।
बिजली और पानी की आपूर्ति पर असर
भारी बारिश से न केवल सड़कें बाधित हुई हैं बल्कि बिजली और पानी की आपूर्ति भी बुरी तरह प्रभावित हुई है। राज्य में 326 ट्रांसफार्मर खराब हो गए हैं जिससे कई क्षेत्रों में अंधेरा छाया हुआ है। इसके अलावा 314 पेयजल योजनाएं भी प्रभावित हुई हैं।
शिमला की जलविद्युत परियोजनाओं में आई रुकावट
शिमला और आसपास के क्षेत्रों में जलविद्युत परियोजनाओं में गाद भरने के कारण बिजली उत्पादन में भारी गिरावट आई है। इससे राज्य की ऊर्जा व्यवस्था पर असर पड़ा है। गाद की अधिकता से टरबाइनों को नुकसान पहुंच सकता है, जिससे मरम्मत में समय और संसाधनों की जरूरत पड़ती है।
मंडी में किशोर बहा, फोरलेन हुआ बाधित
मंडी जिले के द्रंग क्षेत्र के पनारसा के थाई नाले के तेज बहाव में 14 वर्षीय किशोर तेज सिंह बह गया। किशोर नेपाली मूल का था और अपने परिवार के साथ वहां रह रहा था। इसके अलावा कीरतपुर-मनाली फोरलेन भारी भूस्खलन के कारण 37 घंटे तक बंद रहा, जिसे मंगलवार दोपहर को बहाल किया गया। मंडी-जंजैहली मार्ग को भी थुनाग तक साफ कर आंशिक रूप से खोल दिया गया है। इससे सराज घाटी के लोगों को थोड़ी राहत मिली है।
बारालाचा और कुंजुम दर्रे में बर्फबारी
राज्य की ऊंची चोटियों पर मौसम ने अचानक करवट ली है। बारालाचा, कुंजुम और अन्य ऊंचे दर्रों में मंगलवार को हल्का हिमपात हुआ। वहीं निचले और मध्य पर्वतीय क्षेत्रों में भारी बारिश का सिलसिला जारी रहा। इससे पर्यटन, खेती और ट्रैवल सभी पर असर पड़ा है।
सब्जियों और फलों को भारी नुकसान
बारिश से सिर्फ आवाजाही ही नहीं रुकी, खेती को भी नुकसान पहुंचा है। खासकर सेब, टमाटर, गोभी और अन्य मौसमी सब्जियों की फसल बर्बाद हो गई है। किसान और बागवान दोनों ही चिंतित हैं क्योंकि फसल कटाई और मंडियों तक पहुंचने का रास्ता अवरुद्ध हो चुका है।
कसान में कृत्रिम झील बनी
कोटली उपमंडल के कसान क्षेत्र में अवैध डंपिंग की वजह से एक कृत्रिम झील बन गई है। इससे आसपास के लोगों में डर बना हुआ है। प्रशासन ने हालात पर नजर रखने और आपात स्थिति में राहत कार्यों के लिए टीमों को अलर्ट पर रखा है।
375 सड़कें अब भी बंद, मंडी सबसे ज्यादा प्रभावित
राज्यभर में अब भी 375 से ज्यादा सड़कें यातायात के लिए बंद हैं। इनमें मटौर-शिमला राष्ट्रीय राजमार्ग, सिरमौर में एनएच-707, मंडी में एनएच-70 और लाहुल स्पीति में एनएच-505 प्रमुख हैं। अकेले मंडी जिले में 254 सड़कें बंद हैं, जबकि कुल्लू में 78, शिमला में 13, कांगड़ा में 11, सिरमौर में 10, सोलन में पांच, ऊना में तीन, और चंबा व लाहुल स्पीति में एक-एक सड़क बंद है।
मौसम विभाग का पूर्वानुमान: राहत की उम्मीद
मौसम विभाग ने 23, 24 और 25 जुलाई को प्रदेश में मौसम साफ रहने की संभावना जताई है। हालांकि कुछ स्थानों पर हल्की बारिश हो सकती है, लेकिन भारी बारिश से राहत मिलने की उम्मीद है। यह किसानों, यात्रियों और स्थानीय लोगों के लिए थोड़ी राहत की बात है।