हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में शुक्रवार देर रात लगभग 12:10 बजे बादल फटने से भारी बाढ़ आ गई। थाच गांव में अचानक आई इस आपदा ने आसपास की तीन पहाड़ी नदियों में उफान ला दिया।
किन्नौर: हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में बादल फटने की घटना ने थाच गांव में भारी तबाही मचा दी। शुक्रवार देर रात लगभग 12 बजकर 10 मिनट पर हुई इस घटना के कारण आसपास की तीन पहाड़ी नदियों में अचानक उफान आ गया, जिससे दो वाहन बह गए और खेतों, बगीचों तथा घरों को व्यापक नुकसान पहुंचा।
स्थानीय लोगों ने बताया कि तेज बारिश के चलते गांव के लोग अपने घरों को छोड़कर पास के सुरक्षित जंगली इलाकों की ओर भागे। मस्तान गांव में कई घरों के हिस्से और एक गौशाला बाढ़ के पानी में बह गए, जबकि कई बगीचे पूरी तरह नष्ट हो गए। स्थानीय निवासी रणवीर और तीन अन्य ग्रामीणों के घर भी कथित तौर पर ढहने के कगार पर हैं।
थाच गांव में तबाही
स्थानीय लोगों के अनुसार, गांव में अचानक आई तेज बारिश और बादल फटने के कारण लोग दहशत में अपने घरों से निकलकर पास के ऊंचे और सुरक्षित क्षेत्रों की ओर भागे। मस्तान गांव में घरों के कुछ हिस्से और एक गौशाला भी बाढ़ के पानी में बह गए। कई बगीचे और कृषि भूमि बर्बाद हो गई। स्थानीय निवासी रणवीर और अन्य ग्रामीणों के घर खतरे में हैं और भूस्खलन की संभावना बनी हुई है।
राज्य की राजधानी शिमला में एडवर्ड स्कूल के पास भूस्खलन के कारण यातायात बाधित हो गया और शहर के महत्वपूर्ण सर्कुलर रोड को बंद करना पड़ा। कुमारसैन के करेवथी इलाके में एक तीन मंजिला मकान भूस्खलन के कारण ढह गया।
प्रदेश में तीन राष्ट्रीय राजमार्गों सहित लगभग 650 सड़कें बंद हैं, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में संपर्क बाधित हुआ है। इसके अलावा बिजली, पेयजल और अन्य आवश्यक सेवाओं तक पहुंच प्रभावित हुई है।
मानसून आपदाओं का बढ़ता असर
हिमाचल प्रदेश में इस मानसून में आपदाओं ने अब तक 424 लोगों की जान ले ली है। राज्य में बाढ़ और भूस्खलन का क्रम लगातार जारी है और हर दिन नुकसान बढ़ रहा है। इस सप्ताह की शुरुआत में 17 सितंबर को अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन में चार लोगों की मौत हो गई और छह लोग लापता हो गए।मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश को आपदा प्रभावित राज्य घोषित कर केंद्र से तत्काल वित्तीय सहायता की मांग की है।
अधिकारियों के अनुमान के अनुसार, पिछले तीन वर्षों में हिमाचल प्रदेश में मानसून और प्राकृतिक आपदाओं के कारण 20,000 करोड़ रुपये से अधिक का संचयी नुकसान हुआ है। बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित इलाकों में बचाव और राहत कार्य जारी हैं। प्रशासन ने स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों और सेना की मदद से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम तेज कर दिया है।
राहत कार्य में विशेष ध्यान बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं की सुरक्षा पर रखा जा रहा है। प्रभावित इलाकों में चिकित्सकीय सहायता, भोजन और पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए टीमों को तैनात किया गया है।