सितंबर 2025 में छोटे और मध्यम शहरों में जॉब मार्केट में जबरदस्त उछाल देखा गया, जहां हायरिंग 21% बढ़ी और मेट्रो शहरों से आगे निकल गई। ई-कॉमर्स, रिटेल, कस्टमर सपोर्ट हब और त्योहारों के कारण यह वृद्धि हुई। सेल्स, मार्केटिंग, कस्टमर सपोर्ट और मीडिया में सबसे ज्यादा डिमांड रही।
Hiring Growth: जॉब्स और टैलेंट प्लेटफॉर्म Foundit की रिपोर्ट के मुताबिक, सितंबर 2025 में टियर-2 और टियर-3 शहरों ने 21% की सालाना हायरिंग वृद्धि दर्ज की, जो मेट्रो शहरों की तुलना में अधिक है। जयपुर, लखनऊ, कोयंबटूर, इंदौर, भुवनेश्वर, कोच्चि, सूरत, नागपुर और चंडीगढ़ जैसे शहरों में ई-कॉमर्स, रिटेल, कस्टमर सपोर्ट हब और त्योहारों की वजह से नौकरियों में तेजी देखी गई। मेट्रो शहरों में भी IT, BFSI और मीडिया में 14% सालाना वृद्धि बनी रही।
हायरिंग ग्रोथ का कारण
छोटे शहरों में रोजगार में यह तेजी कई कारणों से आई है। सबसे प्रमुख वजह ई-कॉमर्स वेयरहाउसिंग और रिटेल विस्तार है। इसके अलावा नए कस्टमर सपोर्ट हब का निर्माण और त्योहारों के कारण पर्यटन क्षेत्र में आई तेजी ने भी रोजगार को बढ़ावा दिया है। Foundit Insights Tracker (FIT) के अनुसार, जयपुर, लखनऊ, कोयंबटूर, इंदौर, भुवनेश्वर, कोच्चि, सूरत, नागपुर और चंडीगढ़ जैसे शहरों में हायरिंग ग्रोथ सबसे ज्यादा रही।
अनुपमा भीमराजका, वाइस प्रेसिडेंट (मार्केटिंग), Foundit ने कहा कि छोटे शहरों में हायरिंग में आई तेजी केवल त्योहारों की मांग का परिणाम नहीं है। यह संकेत है कि ये शहर दीर्घकालिक प्रतिभा केंद्र बनने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। गैर-मेट्रो क्षेत्र अब रोजगार के परिदृश्य में एक मजबूत और स्थायी भूमिका निभा रहे हैं।
विभिन्न कार्यक्षेत्रों में हायरिंग
रिपोर्ट में यह भी देखा गया कि अलग-अलग कार्यक्षेत्रों में हायरिंग में तेजी रही। सेल्स और मार्केटिंग में 5% की सबसे अधिक वृद्धि हुई। कस्टमर सपोर्ट और ऑपरेशंस में 4% की बढ़त दर्ज की गई। क्रिएटिव और मीडिया रोल्स में भी 4% की वृद्धि हुई, खासकर OTT प्लेटफॉर्म और त्योहारों के विज्ञापन अभियान के कारण। टेक्नोलॉजी और प्रोडक्ट रोल्स में 3% की स्थिर वृद्धि रही। फाइनेंस और अकाउंटिंग क्षेत्रों में मौन रूप से वृद्धि देखी गई, क्योंकि फेस्टिव सीजन में लोन और क्रेडिट डिमांड बढ़ गई थी।
मेट्रो शहरों में भी बनी मजबूती
हालांकि छोटे शहरों में तेजी ज्यादा रही, लेकिन मेट्रो शहरों में भी हायरिंग का ग्राफ मजबूत बना हुआ है। दिल्ली-एनसीआर, मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद, चेन्नई, पुणे और कोलकाता में साल-दर-साल 14% की वृद्धि दर्ज की गई। इन शहरों में यह तेजी मुख्य रूप से IT, BFSI, मीडिया और एंटरटेनमेंट क्षेत्रों के कारण रही। टेक, फाइनेंस और मार्केटिंग प्रोफेशनल्स की मांग लगातार बनी हुई है।
छोटे शहरों की नई ऊर्जा
यह रिपोर्ट स्पष्ट करती है कि अब भारत का नौकरी बाजार केवल मेट्रो शहरों तक सीमित नहीं है। छोटे शहरों में रोजगार की मांग लगातार बढ़ रही है और यह रोजगार के अवसरों को अधिक विविध, विकेंद्रीकृत और लचीला बना रहा है। इन शहरों में युवा प्रतिभा की उपलब्धता भी कंपनियों के लिए आकर्षक हो रही है।