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फिनटेक सेक्टर को वित्त मंत्री ने दिए चार महत्वपूर्ण मंत्र, जिन्हें अपनाकर तेजी से बढ़ेगा बिजनेस

फिनटेक सेक्टर को वित्त मंत्री ने दिए चार महत्वपूर्ण मंत्र, जिन्हें अपनाकर तेजी से बढ़ेगा बिजनेस

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ग्लोबल फिनटेक फेस्ट 2025 में फिनटेक कंपनियों को चार मुख्य सुझाव दिए: बिजनेस के मूल सिद्धांतों पर ध्यान दें, भरोसा और सुरक्षा बढ़ाएं, रेगुलेटर के साथ सहयोग करें और वित्तीय खामियों को दूर करें। इन उपायों से कंपनियों का टिकाऊ और जिम्मेदार विकास संभव होगा।

Finance Minister gave 4 tips: ग्लोबल फिनटेक फेस्ट 2025 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भारत की फिनटेक कंपनियों को दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कंपनियों को राजस्व वृद्धि, प्रोडक्ट इनोवेशन और रिस्क मैनेजमेंट के साथ-साथ भरोसा, सुरक्षा और वित्तीय समावेशन पर ध्यान देना चाहिए। साथ ही, रेगुलेटर के साथ सहयोग और वित्तीय प्रणाली की खामियों को दूर करना जरूरी है, ताकि फिनटेक सेक्टर टिकाऊ और जिम्मेदार तरीके से बढ़ सके।

बिजनेस के मूल सिद्धांतों पर जोर

निर्मला सीतारमण ने कहा कि फिनटेक कंपनियों को अपनी राजस्व वृद्धि, प्रोडक्ट इनोवेशन, रिस्क मैनेजमेंट और कॉम्प्लायंस जैसी बुनियादी बातों पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि जैसे-जैसे कंपनियां परिपक्व होती हैं, उन्हें बेहतर वित्तीय प्रदर्शन और रेगुलेटरी मानकों को पूरा करते हुए इनोवेशन जारी रखना चाहिए। मंत्री ने बताया कि जो कंपनियां इनोवेशन और बिजनेस के बीच संतुलन बनाकर चलती हैं, वे तेजी से बदलती प्रतिस्पर्धा में भी टिकाऊ और जिम्मेदार रह सकती हैं।

फिनटेक कंपनियों को अपनी रणनीतियों में सतत विकास और दीर्घकालीन लाभ पर ध्यान देना होगा। इसके लिए जरूरी है कि वे केवल तेजी से बढ़ने के प्रयास में जोखिम और नियमों की अनदेखी न करें।

भरोसा, सुरक्षा और वित्तीय समावेशन

सीतारमण ने डिजिटल फिनटेक इकोसिस्टम में मौजूद चुनौतियों की ओर ध्यान दिलाया। उन्होंने कहा कि साइबर सुरक्षा, डिजिटल फ्रॉड और गलत लोन प्रैक्टिसेज जैसी समस्याएं आज भी बड़ी चुनौती हैं। मंत्री ने जोर देकर कहा कि जब लाखों लोग औपचारिक वित्तीय प्रणाली से जुड़ रहे हैं, तो ट्रस्ट, सेफ्टी और इन्क्लूजन को प्राथमिकता देना जरूरी है।

उन्होंने यह भी कहा कि रेगुलेशन को समय के साथ विकसित करना चाहिए ताकि फिनटेक क्रांति सुरक्षित, जिम्मेदार और टिकाऊ बनी रहे। वित्त मंत्री ने फिनटेक कंपनियों को यह संदेश दिया कि उनका काम केवल लाभ कमाना नहीं है, बल्कि ग्राहकों के विश्वास और वित्तीय सुरक्षा को भी सुनिश्चित करना है।

रेगुलेटर के साथ सहयोग

निर्मला सीतारमण ने फिनटेक कंपनियों से कहा कि वे नियामकों (Regulators) के साथ मिलकर काम करें, अपने ग्राहकों की जरूरतों और सुझावों को साझा करें और जिम्मेदारी के साथ प्रयोग करें। उन्होंने कहा कि रेगुलेशन कोई रुकावट नहीं, बल्कि सुरक्षित रफ्तार के लिए सीट बेल्ट की तरह है।

सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक ने मिलकर ऐसा ढांचा तैयार किया है, जो कंपनियों को नियंत्रित माहौल में नई चीजें आजमाने की स्वतंत्रता देता है। मंत्री ने यह स्पष्ट किया कि कंपनियों को नियामकों के साथ पारदर्शी संवाद बनाए रखना होगा।

वित्तीय खामियों को भरने में योगदान

फिनटेक सेक्टर को देश के वित्तीय इकोसिस्टम में मौजूद छोटी-छोटी खामियों को भरने में भी मदद करनी चाहिए। सीतारमण ने कहा कि कंपनियां अपनी टेक्नोलॉजी और क्रिएटिविटी का इस्तेमाल करके एमएसएमई के लिए क्रेडिट की कठिनाइयाँ, महिलाओं और युवाओं के लिए वित्तीय समावेशन और टिकाऊ विकास को बढ़ावा देने वाले प्रोडक्ट तैयार कर सकती हैं।

इससे न केवल फिनटेक कंपनियों का व्यवसाय बढ़ेगा, बल्कि समाज और अर्थव्यवस्था को भी लाभ मिलेगा। मंत्री ने बताया कि भारत में फिनटेक सेक्टर तेजी से बढ़ रहा है और सही दिशा में प्रयास करने से यह वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम बन सकता है।

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