पंजाब के छोटी बारांदरी इलाके में एक गंभीर और सनसनीखेज़ घटना सामने आई है, जिसमें एक आईएएस अधिकारी के गनमैन द्वारा गोली चलाने का मामला दर्ज हुआ है। बताया जा रहा है कि यह घटना उस समय हुई जब बबीता क्लेर, जो एक वरिष्ठ IAS अधिकारी हैं, अपने पति स्टीवन क्लेर के साथ थीं।
पंजाब: जालंधर के पॉश इलाके छोटी बारांदरी में जमीन विवाद ने उस समय खतरनाक रूप ले लिया जब एक IAS अधिकारी बबिता क्लेर के गनमैन ने एक व्यक्ति को गोली मार दी। गोलीबारी में हरप्रीत सिंह, जो कि एक निजी इंडस्ट्रियल हाउस में मैनेजर हैं, गंभीर रूप से घायल हो गए। पुलिस ने घटना के संबंध में बबिता क्लेर, उनके पति स्टीवन क्लेर जो आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता भी हैं और उनके निजी सुरक्षा गार्ड सुखकरण सिंह के खिलाफ गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज की है।
गोलीकांड की वजह बनी मिट्टी, जो बन गई जानलेवा
पूरा मामला जमीन में मिट्टी भरने को लेकर शुरू हुआ। जानकारी के अनुसार, करणजीत सिंह कंग नामक व्यवसायी के परिवार की स्टील कंपनी ‘प्रबल TMT’ की जमीन बबिता क्लेर के घर के पास स्थित है। करणजीत ने अपने कर्मचारियों को वहां मिट्टी भरने का निर्देश दिया था। जब ट्रैक्टर-ट्रॉली साइट पर पहुंची, तो स्टीवन क्लेर ने उन्हें रोका और जमीन के मालिक से बात करने की बात कही।
कर्मचारियों ने करणजीत के पिता सुलाखन सिंह को फोन किया, जिन्होंने खुद को जमीन का मालिक बताते हुए काम चालू रखने को कहा। इसके बाद, सुलाखन ने अपने मैनेजर हरप्रीत सिंह को मौके पर भेजा ताकि स्थिति स्पष्ट की जा सके।
बहस ने लिया हिंसक मोड़
हरप्रीत सिंह के पहुंचते ही कथित तौर पर स्टीवन क्लेर और बबिता क्लेर के साथ बहस शुरू हो गई। करणजीत का दावा है कि इसी बहस के दौरान क्लेर दंपति ने अपने गनमैन सुखकरण सिंह को गोली चलाने का आदेश दिया। गोली हरप्रीत के दोनों पैरों में लगी और उन्हें गंभीर अवस्था में एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया।
करणजीत का कहना है कि यह हमला सुनियोजित और जानलेवा था। उन्होंने कहा, “हम कानून का पालन करते हुए अपने हक की जमीन पर काम कर रहे थे, लेकिन हमारे कर्मचारी पर गोलियां चला दी गईं।”
स्टीवन क्लेर का बचाव
घटना के बाद स्टीवन क्लेर ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उन्हें यह नहीं पता था कि मिट्टी भरने का काम किसके आदेश पर हो रहा है। उन्होंने मजदूरों से काम रोकने को कहा और जमीन के मालिक से बात करने को कहा। स्टीवन ने दावा किया कि घटनास्थल पर मौजूद गनमैन ने बताया कि उस पर पहले हमला हुआ और उसने आत्मरक्षा में गोली चलाई।
उन्होंने कहा, “हम घटना के समय घर के अंदर थे। हमने किसी को गोली चलाने का आदेश नहीं दिया। अगर PUDA (पंजाब अर्बन प्लानिंग एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी) के नियमों के तहत सब कुछ सही है, तो हमें कोई आपत्ति नहीं।”
पुलिस का एक्शन और जांच की दिशा
ADCP-II हरिंदर सिंह गिल ने बताया कि घायल हरप्रीत सिंह के बयान के आधार पर बबिता क्लेर, स्टीवन क्लेर और सुखकरण सिंह के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। इन पर भारतीय दंड संहिता (BNS) की धारा 109 (आपराधिक षड्यंत्र), 61(2), 115(2) और शस्त्र अधिनियम की धारा 27 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
पुलिस ने गनमैन सुखकरण सिंह को गिरफ्तार कर लिया है और अन्य आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। जांच के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि गनमैन ने गोली आत्मरक्षा में चलाई थी या किसी के कहने पर।
राजनीतिक पहलू और प्रशासनिक गंभीरता
इस मामले में खास बात यह है कि मुख्य आरोपी एक IAS अधिकारी और उनके पति हैं, जो कि एक सत्तारूढ़ पार्टी के नेता भी हैं। ऐसे में प्रशासनिक निष्पक्षता और पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठ सकते हैं। राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों ने इस घटना की निष्पक्ष जांच की मांग की है। यह स्पष्ट है कि यह विवाद केवल मिट्टी भरने का नहीं था, बल्कि इससे कहीं ज्यादा जटिल था।
इस मामले ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि जब सुरक्षा में तैनात गनमैन ही हथियार का गलत इस्तेमाल करने लगें, तो आम आदमी की सुरक्षा का क्या? अब पुलिस के पास जिम्मेदारी है कि वह निष्पक्ष जांच कर असल सच्चाई सामने लाए। यदि दोषियों को सजा नहीं मिली, तो यह एक खतरनाक मिसाल बन सकती है कि सत्ता और वर्दी के पीछे छिपकर कोई भी आम आदमी की जान से खेल सकता है।