भारतीय जूनियर पुरुष हॉकी टीम ने चार देशों के टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन करते हुए ऑस्ट्रेलिया को 2-1 से हराकर तीसरा स्थान हासिल किया। 25 जून को खेले गए इस कांटे के मुकाबले में दोनों टीमों के बीच जबरदस्त संघर्ष देखने को मिला।
स्पोर्ट्स न्यूज़: चार देशों के जूनियर पुरुष हॉकी टूर्नामेंट में भारतीय टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए रोमांचक मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया को 2-1 से हराकर तीसरा स्थान अपने नाम किया। यह मुकाबला 25 जून को खेला गया, जिसमें भारतीय खिलाड़ियों ने पूरे जोश और जुनून के साथ खेलते हुए कंगारू टीम को पछाड़ा। निर्णायक गोल अजीत यादव के बल्ले से आया, जिन्होंने 52वें मिनट में शानदार मैदानी गोल दागकर टीम को जीत दिलाई।
पहले दो क्वार्टर में चला दोनों टीमों के डिफेंस का जलवा
मुकाबले की शुरुआत से ही दोनों टीमें आक्रामक मूड में नजर आईं। पहले क्वार्टर में ऑस्ट्रेलिया ने बार-बार सर्कल में घुसने की कोशिश की, लेकिन भारतीय डिफेंस ने मजबूती से मोर्चा संभाला। वहीं भारतीय फॉरवर्ड लाइन ने भी बेहतरीन मूव बनाए, लेकिन ऑस्ट्रेलियाई गोलकीपर और डिफेंस उन्हें सफलता नहीं लेने दिया।
दूसरे क्वार्टर में भी खेल का रुख वैसा ही रहा, जहां दोनों टीमों के बीच ज़ोरदार टक्कर देखने को मिली, मगर स्कोरबोर्ड पर कोई बदलाव नहीं हुआ। हाफ टाइम तक मुकाबला 0-0 की बराबरी पर था।
तीसरे क्वार्टर में मिली चुनौती, भारत ने की वापसी
तीसरे क्वार्टर में ऑस्ट्रेलिया की टीम ने आक्रामक शुरुआत की। 40वें मिनट में उनके कप्तान टोबी मेलोन ने मैदानी गोल करते हुए टीम को 1-0 की बढ़त दिला दी। यह गोल भारतीय डिफेंस की एक चूक का नतीजा रहा। लेकिन भारत ने तुरंत अपने तेवर बदले। जवाबी हमला करते हुए 45वें मिनट में भारत को पेनल्टी कॉर्नर मिला, जिसे रोहित ने शानदार तरीके से गोल में बदलते हुए स्कोर को 1-1 कर दिया।
चौथे क्वार्टर में मुकाबला और भी रोमांचक हो गया। दोनों टीमें जीत के लिए पूरा दमखम लगा रही थीं। इसी बीच, 52वें मिनट में अजीत यादव ने मौका भांपते हुए गेंद को डॉज करते हुए शानदार फील्ड गोल किया और भारत को 2-1 की निर्णायक बढ़त दिला दी। बचे हुए आठ मिनट में ऑस्ट्रेलिया ने आक्रामक रुख अपनाया और बराबरी की भरपूर कोशिश की, लेकिन भारतीय डिफेंस, खासकर गोलकीपर की सतर्कता ने कोई और गोल नहीं होने दिया।
टूर्नामेंट का सफर: उतार-चढ़ाव भरा लेकिन सिखाने वाला
इस टूर्नामेंट में भारत का सफर शुरुआत में चुनौतीपूर्ण रहा। पहले मुकाबले में टीम को मेजबान जर्मनी से 1-7 की करारी हार झेलनी पड़ी। लेकिन इसके बाद भारत ने जबरदस्त वापसी करते हुए ऑस्ट्रेलिया को लीग मुकाबले में 3-1 से हराया। हालांकि, अंतिम लीग मैच में भारत को स्पेन के खिलाफ 1-5 की हार का सामना करना पड़ा, जिससे टीम को फाइनल से बाहर होना पड़ा। लेकिन तीसरे स्थान के लिए हुए प्लेऑफ में टीम ने खुद को साबित कर दिया।
इस टूर्नामेंट ने भारतीय टीम के युवा खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय मंच पर खुद को परखने का मौका दिया। कठिन परिस्थितियों में संयम बनाए रखना और मौके का फायदा उठाना—इस टूर्नामेंट से खिलाड़ियों को ये अहम सबक मिले।