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Iran Israel Conflict: ईरान-इजरायल युद्ध में 865 की मौत, अमेरिका ने दागीं मिसाइलें, देखें पूरा अपडेट

Iran Israel Conflict: ईरान-इजरायल युद्ध में 865 की मौत, अमेरिका ने दागीं मिसाइलें, देखें पूरा अपडेट

इजरायल और ईरान के युद्ध में अब तक 865 लोग मारे जा चुके हैं। अमेरिका भी इस टकराव में शामिल हो गया है। जवाब में ईरान ने तेल अवीव समेत कई शहरों पर मिसाइल हमले किए हैं।

Iran Israel Conflict: मध्य पूर्व में तनाव लगातार बढ़ रहा है। इजरायल और ईरान के बीच जारी संघर्ष को अब 10 दिन पूरे हो चुके हैं, लेकिन हालात शांत होने के बजाय और भयानक होते जा रहे हैं। ताजा घटनाक्रम में अमेरिका ने भी इस संघर्ष में हस्तक्षेप कर दिया है, जिसके बाद ईरान ने इजरायल के कई शहरों पर मिसाइलें दागीं। युद्ध की यह आग अब और भड़क चुकी है।

इजरायल के हमले के बाद ईरान में भारी तबाही

13 जून की रात को इजरायल ने ईरान पर बड़ा हमला किया था। इसमें ईरान के परमाणु और मिसाइल ठिकानों को निशाना बनाया गया। इस हमले में कई सैन्य अधिकारी, वैज्ञानिक और आम नागरिक मारे गए। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, अब तक ईरान में 865 लोगों की मौत हो चुकी है और 3,396 से ज्यादा लोग घायल हैं। इस हमले के बाद पूरे क्षेत्र में तनाव चरम पर पहुंच गया है।

ईरान का पलटवार

इजरायली हमले के कुछ घंटों बाद ही ईरान ने भी जवाबी कार्रवाई शुरू कर दी।  ईरान की सेना ने इजरायल की राजधानी तेल अवीव समेत दस से अधिक शहरों पर मिसाइलें दागीं। एक बैलिस्टिक मिसाइल इजरायल के हाइफा शहर में गिरी, जहां एअर सायरन भी नहीं बजा। टाइम्स ऑफ इजरायल की रिपोर्ट के अनुसार इन हमलों में 11 लोग घायल हुए हैं।

अमेरिका की सीधी कार्रवाई

बीती रात अमेरिकी सेना ने भी मिडिल ईस्ट के इस संघर्ष में सीधा हस्तक्षेप किया। अमेरिका ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों—फोर्डो, नतांज और इस्फहान—पर मिसाइल हमले किए। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इन हमलों को आवश्यक और रणनीतिक बताया है।

ईरान ने अमेरिका के इस हमले को अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताते हुए इसकी निंदा की है। ईरान का कहना है कि अमेरिका ने ईरान की संप्रभुता पर हमला किया है, जिसका जवाब दिया जाएगा।

हूती विद्रोहियों की धमकी

ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों ने अमेरिका को चेतावनी दी है। हूती सेना के प्रवक्ता यह्या सारेया ने साफ कहा कि अगर अमेरिका ने ईरान पर फिर से हमला किया, तो लाल सागर में तैनात अमेरिकी जहाजों को निशाना बनाया जाएगा। यह बयान संघर्ष के और भी व्यापक होने के संकेत देता है।

इजरायल की प्रतिक्रिया

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिकी हमले की सराहना की है। उन्होंने कहा कि विश्व में शांति बनाए रखने के लिए ताकत का इस्तेमाल जरूरी है। नेतन्याहू ने कहा कि ईरान की आक्रामकता का जवाब केवल सैन्य शक्ति से ही दिया जा सकता है।

ट्रंप की चेतावनी

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए स्पष्ट किया कि अमेरिका शांति चाहता है लेकिन अगर ईरान नहीं माना, तो अगला हमला पहले से कहीं बड़ा होगा। ट्रंप ने ईरान को सीजफायर पर बातचीत शुरू करने के लिए दो हफ्ते की समयसीमा दी है। उन्होंने कहा कि अगर बातचीत नहीं होती है, तो अमेरिका अपने सभी सैन्य विकल्पों को खुले रखेगा।

13 जून की रात को इजरायल ने ईरान पर पहला बड़ा हमला किया था। इस हमले में ईरान के सैन्य प्रतिष्ठानों, मिसाइल ठिकानों और परमाणु कार्यक्रम से जुड़े वैज्ञानिकों को निशाना बनाया गया। इसके जवाब में ईरान ने भी मिसाइलें दागकर तेल अवीव और यरुशलम को निशाना बनाया। तब से लेकर अब तक यह संघर्ष लगातार बढ़ता जा रहा है।

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