झारखंड हाईकोर्ट ने राहुल गांधी को 2018 के मानहानि केस में 6 अगस्त को चाईबासा MP-MLA कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया। बीजेपी नेता की शिकायत पर गैर-जमानती वारंट।
Rahul Gandhi: लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को झारखंड हाईकोर्ट ने एक मानहानि मामले में चाईबासा की MP-MLA कोर्ट में 6 अगस्त 2025 को सशरीर पेश होने का आदेश दिया है। यह मामला 2018 में कांग्रेस अधिवेशन के दौरान बीजेपी नेताओं पर की गई उनकी टिप्पणी से जुड़ा है। बीजेपी नेता प्रताप कुमार कटियार ने राहुल गांधी के बयान को मानहानिपूर्ण बताते हुए उनके खिलाफ केस दर्ज किया था। इस केस में चाईबासा की MP-MLA कोर्ट ने गैर-जमानती वारंट जारी किया था, जिसे राहुल गांधी ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।
क्या है यह मानहानि मामला?
यह पूरा विवाद 2018 में शुरू हुआ, जब राहुल गांधी ने कांग्रेस के एक अधिवेशन में बीजेपी नेताओं के खिलाफ कुछ टिप्पणियां की थीं। 28 मार्च 2018 को दिल्ली में हुए इस अधिवेशन में राहुल गांधी ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कुछ बयान दिए, जिन्हें बीजेपी नेता प्रताप कुमार कटियार ने मानहानिपूर्ण माना। कटियार का कहना था कि इन बयानों से उनकी और उनकी पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचा।
इसके बाद, 9 जुलाई 2018 को कटियार ने चाईबासा की मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (CJM) कोर्ट में राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया। शुरुआत में यह केस CJM कोर्ट में चला, लेकिन बाद में इसे रांची की MP-MLA विशेष अदालत में स्थानांतरित कर दिया गया। जब चाईबासा में MP-MLA कोर्ट शुरू हुई, तो यह मामला फिर से चाईबासा ट्रांसफर हो गया।
MP-MLA कोर्ट ने क्या किया?
चाईबासा की MP-MLA कोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लिया। 26 जून 2025 को कोर्ट ने राहुल गांधी को सशरीर पेश होने का आदेश दिया। राहुल गांधी के वकील ने कोर्ट में पेशी से छूट के लिए अर्जी दी थी, ताकि उन्हें व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में उपस्थित न होना पड़े।
लेकिन कोर्ट ने उनकी इस अर्जी को खारिज कर दिया और गैर-जमानती वारंट जारी कर दिया। इसका मतलब है कि राहुल गांधी को अब कोर्ट में खुद पेश होना होगा, और अगर वे ऐसा नहीं करते, तो पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर सकती है।
झारखंड हाईकोर्ट का फैसला
सोमवार, 9 जून 2025 को झारखंड हाईकोर्ट में जस्टिस अनिल कुमार चौधरी की बेंच ने राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई की। राहुल गांधी ने अपनी क्रिमिनल रिट याचिका में MP-MLA कोर्ट के गैर-जमानती वारंट को रद्द करने की मांग की थी। लेकिन हाईकोर्ट ने उनकी याचिका पर राहत देने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने आदेश दिया कि राहुल गांधी को 6 अगस्त 2025 को चाईबासा की MP-MLA कोर्ट में सशरीर पेश होना होगा।
राहुल गांधी का पक्ष
राहुल गांधी ने अपनी याचिका में कहा है कि उन्होंने पहले ही MP-MLA कोर्ट में पेशी से छूट की अर्जी दी थी, जो अभी तक लंबित है। उनका तर्क है कि जब उनकी छूट की अर्जी पर फैसला नहीं हुआ, तो गैर-जमानती वारंट जारी करना गलत है। उनके वकील का कहना है कि राहुल गांधी एक बड़े राजनेता हैं और लोकसभा में विपक्ष के नेता हैं, इसलिए उनकी व्यस्तता को ध्यान में रखते हुए उन्हें पेशी से छूट दी जानी चाहिए।
हालांकि, कोर्ट ने उनकी इस दलील को स्वीकार नहीं किया। जस्टिस अनिल कुमार चौधरी ने साफ किया कि राहुल गांधी को कोर्ट में सशरीर पेश होना होगा, ताकि मामले की सुनवाई आगे बढ़ सके।
प्रताप कटियार का दावा
प्रताप कटियार, जो इस मामले में शिकायतकर्ता हैं, बीजेपी के एक स्थानीय नेता हैं। उनके वकील केशव प्रसाद ने बताया कि राहुल गांधी ने 28 मार्च 2018 को कांग्रेस अधिवेशन में बीजेपी के खिलाफ आपत्तिजनक बयान दिए थे। इन बयानों को कटियार ने अपनी और अपनी पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाने वाला माना। उनके मुताबिक, राहुल गांधी के बयान न केवल गलत थे, बल्कि उन्होंने बीजेपी नेताओं की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाई।