कानपुर में पुलिस की दबिश से पहले दारोगा और सिपाही ने वांछित अपराधी को भगाया। सीसीटीवी फुटेज वायरल होने के बाद दोनों को निलंबित किया गया और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।
UP Crime: कानपुर में पुलिस विभाग की साख को हिलाकर रख देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक दारोगा और सिपाही पर आरोप है कि उन्होंने एक वांछित अपराधी को पुलिस दबिश से पहले ही भगा दिया। ये पूरी घटना सीसीटीवी में कैद हो गई, जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुई। इसके बाद पुलिस विभाग को मजबूरन कार्रवाई करनी पड़ी। आरोपी दारोगा और सिपाही को निलंबित कर दिया गया है और दोनों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कर दी गई है।
वायरल वीडियो से हुआ खुलासा
12 जून 2025 को का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें नवाबगंज और कोहना थाना क्षेत्र की पुलिस एक वांछित अपराधी को पकड़ने के लिए दबिश देती नजर आ रही है। लेकिन इसी वीडियो में यह भी दिखा कि दबिश से ठीक पहले आरोपी को मौके से भगाया गया। यही नहीं, पुलिसकर्मियों की भूमिका इस पूरे मामले में संदिग्ध दिखाई दी।
जांच में सामने आई संदिग्ध भूमिका
वायरल वीडियो सामने आने के बाद मामले को गंभीरता से लेते हुए डीसीपी ने जांच के आदेश दिए। सहायक डीसीपी, कर्नलगंज को इसकी जांच सौंपी गई। जांच में यह स्पष्ट हो गया कि दबिश के दौरान उपनिरीक्षक आदित्य बाजपेई और सिपाही विजय राज ने आरोपी को पहले ही मौके से भगा दिया था। इसकी पुष्टि सीसीटीवी फुटेज से हुई।
फुटेज में दिखी संदिग्ध हरकतें
सीसीटीवी फुटेज में साफ दिखाई दे रहा है कि चौकी इंचार्ज आदित्य बाजपेई अपने सहयोगी सिपाही विजय राज के साथ बाइक पर आरोपी अनूप शुक्ला के पास पहुंचते हैं। अनूप उस समय एक बैग के साथ खड़ा होता है, जैसे उसे पहले से ही सब कुछ पता हो। आदित्य उसे इशारा करता है, जिसके बाद अनूप वहां से निकल जाता है। थोड़ी देर बाद जब पुलिस फोर्स मौके पर पहुंचती है, तो अनूप वहां से गायब होता है।
कौन है अनूप शुक्ला
अनूप शुक्ला, जेल में बंद कुख्यात अपराधी दीनू उपाध्याय उर्फ धीरज गैंग का एक सक्रिय सदस्य है। पुलिस के मुताबिक, वह कई मामलों में वांछित है और उसे पकड़ने के लिए लंबे समय से कोशिश की जा रही थी। 12 जून को नवाबगंज और कोहना पुलिस की एक संयुक्त टीम अनूप को पकड़ने दबिश देने निकली थी, लेकिन उससे पहले ही उसकी मदद कर उसे मौके से भगा दिया गया।
दारोगा-सिपाही पर एफआईआर दर्ज
जांच पूरी होने के बाद डीसीपी ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दोनों पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया। इतना ही नहीं, इनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई है। पुलिस का कहना है कि विभाग की छवि खराब करने वाले किसी भी अधिकारी या कर्मचारी को बख्शा नहीं जाएगा।
पुलिस ने दी आधिकारिक जानकारी
कानपुर पुलिस ने एक बयान जारी कर बताया कि वायरल वीडियो की जांच में आरोप सही पाए गए। दारोगा और सिपाही ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए वांछित अपराधी को जानबूझकर मौके से भगा दिया। विभाग ने इस पर सख्त रुख अपनाते हुए दोनों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है।