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तेज प्रताप यादव ने 'आई लव मोहम्मद' विवाद पर सफाई दी, कहा- 'मेरे पास है कुरआन शरीफ...'

तेज प्रताप यादव ने 'आई लव मोहम्मद' विवाद पर सफाई दी, कहा- 'मेरे पास है कुरआन शरीफ...'

तेज प्रताप यादव ने 'आई लव मोहम्मद' विवाद पर सफाई देते हुए कहा कि उनके पास कुरआन शरीफ है और वे पैगंबर का सम्मान करते हैं। उन्होंने धार्मिक सौहार्द का संदेश दिया और आगामी महुआ विधानसभा चुनाव में भाग लेने की घोषणा की।

पटना: बिहार की राजनीति में हमेशा अपने बयानों से सुर्खियों में रहने वाले लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव ने हाल ही में 'आई लव मोहम्मद' विवाद पर अपनी सफाई दी है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि उनके पास कुरआन शरीफ की प्रति है और वे पैगंबर का अत्यधिक सम्मान करते हैं। तेज प्रताप ने आरोप लगाया कि कुछ लोग जानबूझकर विवाद खड़ा कर समाज में नफरत और तनाव फैलाने की कोशिश कर रहे हैं।

धर्म और सौहार्द को बढ़ावा देने की अपील

तेज प्रताप यादव ने अपने बयान में धार्मिक सौहार्द को बढ़ावा देने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि मेरा नजरिया हमेशा सभी धर्मों के प्रति समान सम्मान का रहा है। उनका यह बयान उन लोगों के लिए स्पष्ट संदेश है जो समाज में विभाजन और विवाद फैलाना चाहते हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि समाज में सहिष्णुता और भाईचारे की भावना बनाए रखना बेहद आवश्यक है। उनका मानना है कि किसी भी धर्म या आस्था का अपमान करना न केवल समाज के लिए हानिकारक है, बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ भी है।

तेजस्वी यादव पर बयान

अपने छोटे भाई और राजद सुप्रीमो तेजस्वी यादव के साथ संबंधों पर तेज प्रताप ने खुले तौर पर बात की। उन्होंने कहा कि छोटे भाई के रूप में तेजस्वी को उन्हें वैसा सम्मान देना चाहिए जैसा भगवान राम ने लक्ष्मण को दिया। तेज प्रताप ने यह भी कहा कि भाईचारे में मर्यादा का पालन जरूरी है और किसी के बहकावे में आकर गलत कदम नहीं उठाना चाहिए।

उन्होंने कुछ सहयोगियों पर भी निशाना साधा और उन्हें 'जयचंद' की संज्ञा दी। तेज प्रताप का यह बयान राजनीतिक और पारिवारिक दोनों दृष्टियों से अहम माना जा रहा है।

महुआ सीट से चुनाव लड़ने की घोषणा 

तेज प्रताप ने साफ किया कि वह आगामी विधानसभा चुनाव में महुआ सीट से चुनाव लड़ेंगे। यह वही सीट है, जहां से उन्होंने वर्ष 2015 में अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी। महुआ विधानसभा क्षेत्र तेजस्वी यादव की राघोपुर सीट से सटा हुआ है, इसलिए आने वाले चुनाव में दोनों भाइयों की राजनीतिक रणनीति पर सबकी निगाहें रहेंगी।

विशेषज्ञों का मानना है कि महुआ और राघोपुर सीटों पर तेज प्रताप और तेजस्वी के बीच टकराव आगामी चुनाव की राजनीतिक दिशा को प्रभावित कर सकता है।

आरएसएस पर तेज प्रताप का हमला

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के शताब्दी समारोह को लेकर पूछे गए सवाल पर तेज प्रताप ने आरएसएस की स्वतंत्रता आंदोलन में भूमिका को खारिज किया। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम में आरएसएस का कोई योगदान नहीं था।

तेज प्रताप ने खुद को महात्मा गांधी का अनुयायी बताते हुए कहा कि वे गांधी के सिद्धांतों पर ही राजनीति करना चाहते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि उनकी राजनीति का आधार अहिंसा, सहिष्णुता और समाज में सामंजस्य बनाना है।

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