कर्नाटक की सियासत में इन दिनों हलचल तेज हो गई है। राज्य में मुख्यमंत्री बदलने की अटकलें लगातार जोर पकड़ रही हैं। इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बड़ा बयान देते हुए साफ कहा है कि मुख्यमंत्री को बदलने का अंतिम फैसला केवल पार्टी हाईकमान के अधिकार में है।
Karnataka Politics: कर्नाटक की राजनीति में एक बार फिर नेतृत्व परिवर्तन की चर्चा जोर पकड़ रही है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की कुर्सी खतरे में है या नहीं, इस सवाल पर सियासी गलियारों में गर्मी बनी हुई है। इन अटकलों के बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने दो टूक कहा कि मुख्यमंत्री बदलने का फैसला केवल पार्टी हाईकमान करेगा और किसी को भी बेवजह राजनीति गर्माने की जरूरत नहीं है।
खरगे के बयान के बाद कांग्रेस खेमे में कुछ राहत महसूस की जा रही है, लेकिन विपक्ष लगातार हमलावर है। बीजेपी नेताओं ने दावा किया कि सिद्धारमैया इस साल दशहरा तक मुख्यमंत्री नहीं रहेंगे, वहीं दूसरी तरफ सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने मोर्चा संभालते हुए एकजुटता का संदेश दिया।
सिद्धारमैया-शिवकुमार ने दिखाई एकता
मैसूर में पत्रकारों से बातचीत में सिद्धारमैया ने शिवकुमार का हाथ पकड़कर कहा, हमारी सरकार पांच साल तक चट्टान की तरह मजबूत रहेगी, और हम दोनों मिलकर काम करेंगे। विपक्ष झूठ फैला रहा है, उसकी हमें कोई परवाह नहीं। सिद्धारमैया ने साफ किया कि सरकार में किसी तरह का अंदरूनी टकराव नहीं है और सत्ता में स्थिरता बनी रहेगी। उन्होंने बीजेपी नेताओं के बयानों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि ये सब जनता को गुमराह करने की साजिशें हैं।
डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने भी सिद्धारमैया के सुर में सुर मिलाते हुए कहा कि सरकार स्थिर है और कोई भी अफवाह उनकी एकता को नहीं तोड़ सकती।
सुरजेवाला के दौरे से अटकलों को मिला ईंधन
कांग्रेस महासचिव और कर्नाटक प्रभारी रणदीप सुरजेवाला का हालिया दौरा इन राजनीतिक चर्चाओं को और हवा दे गया। सुरजेवाला राज्य में पार्टी विधायकों से मिलकर संगठनात्मक मजबूती की समीक्षा कर रहे हैं। राज्य के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने कहा कि सुरजेवाला का दौरा आगामी जिला पंचायत और तालुक पंचायत चुनावों की तैयारियों के सिलसिले में हो सकता है, लेकिन नेतृत्व परिवर्तन की चर्चाओं को नकारा नहीं जा सकता।
परमेश्वर ने माना कि अगर किसी भी स्तर पर पार्टी नेताओं में मतभेद होते हैं, तो हाईकमान का हस्तक्षेप स्वाभाविक है। हालांकि उन्होंने कहा कि वह सुरजेवाला से व्यक्तिगत रूप से मिलने वाले हैं और यह मुलाकात निजी होगी।
विपक्ष का वार, सरकार का पलटवार
बीजेपी के वरिष्ठ नेता आर. अशोक ने तीखा हमला बोलते हुए कहा कि सिद्धारमैया दशहरा का उद्घाटन नहीं करेंगे, क्योंकि तब तक उनकी कुर्सी चली जाएगी। इसके जवाब में सिद्धारमैया ने कहा, बीजेपी सिर्फ अफवाह फैलाने में माहिर है, हमारे काम में उनका कोई दखल नहीं। वहीं बीजेपी नेता श्रीरामुलु ने भी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि आंतरिक कलह के चलते कांग्रेस सरकार कभी भी गिर सकती है। सिद्धारमैया ने इसे भी खारिज कर दिया और कहा कि बीजेपी का कोई भी षड्यंत्र सरकार को हिला नहीं सकता।
माना जा रहा है कि कांग्रेस आलाकमान राज्य के भीतर चल रही खींचतान पर नजर बनाए हुए है। हालांकि खरगे ने संकेत दिया कि अगर कोई बड़ा बदलाव होगा, तो उसका फैसला केवल पार्टी नेतृत्व करेगा और फिलहाल सरकार स्थिर है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि सिद्धारमैया और शिवकुमार दोनों ही मजबूत जनाधार रखते हैं और हाईकमान किसी भी जल्दबाजी में फैसला नहीं लेगा। लेकिन सुरजेवाला के इस दौरे से साफ हो गया है कि आलाकमान नेतृत्व के समीकरणों पर मंथन कर रहा है।