एंटिक ब्रोकिंग ने डिफेंस सेक्टर की प्रमुख कंपनी मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स (MAZDOCK) के शेयर पर ‘BUY’ रेटिंग देते हुए निवेश की सलाह दी है।
भारतीय शेयर बाजार में डिफेंस सेक्टर के स्टॉक्स का दबदबा लगातार बढ़ रहा है और इसमें मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड का नाम सबसे ऊपर नजर आ रहा है। हाल के वर्षों में इस सरकारी शिपबिल्डिंग कंपनी ने जो रफ्तार पकड़ी है, उसने निवेशकों का भरोसा पूरी तरह से जीत लिया है। खास बात यह है कि कंपनी का प्रदर्शन केवल शेयर रिटर्न तक सीमित नहीं रहा, बल्कि रणनीतिक विस्तार और इंटरनेशनल डील्स ने भी इसे खास बना दिया है।
तीन साल में 2500 प्रतिशत का दमदार रिटर्न
मझगांव डॉक के स्टॉक ने बीते तीन सालों में लगभग 2500 प्रतिशत का रिटर्न देकर बाजार में तहलका मचा दिया है। यही वजह है कि स्मॉल इन्वेस्टर्स से लेकर बड़े संस्थागत निवेशक तक इस स्टॉक की ओर आकर्षित हो रहे हैं। सिर्फ दो साल में 420 प्रतिशत और पिछले एक साल में करीब 50 प्रतिशत की बढ़त ने इसे मल्टीबैगर की कैटेगरी में शामिल कर दिया है। शुक्रवार को यह शेयर बीएसई पर 3,170 रुपये पर बंद हुआ, जो इसके ऑल टाइम हाई 3,778 रुपये से करीब 16 प्रतिशत नीचे है।
ब्रोकरेज हाउस की सकारात्मक राय
एंटिक ब्रोकिंग ने मझगांव डॉक के स्टॉक को 'BUY' की रेटिंग दी है और इसका टारगेट प्राइस 3,858 रुपये तय किया है। यह मौजूदा शेयर मूल्य से करीब 22 प्रतिशत अधिक है। ब्रोकरेज का मानना है कि श्रीलंका डील और भारत सरकार की रक्षा उत्पादन नीति मिलकर कंपनी के लिए बड़ा ग्रोथ इंजन साबित हो सकते हैं।
सरकारी नीतियों से मिल रहा समर्थन
डिफेंस सेक्टर में 'मेक इन इंडिया' अभियान और सरकारी इंसेंटिव्स ने मझगांव डॉक को मजबूती दी है। खासकर शिपबिल्डिंग के क्षेत्र में सरकार द्वारा दिए जा रहे प्रोत्साहन कंपनी के ऑपरेशन पर सीधे असर डाल रहे हैं। इसके अलावा, नेवी और कोस्ट गार्ड से मिल रहे ऑर्डर्स ने ऑर्डर बुक को बेहद मजबूत बना दिया है।
ऑर्डर बुक में विस्तार और मजबूती
इस समय कंपनी की ऑर्डर बुक करीब 39,000 करोड़ रुपये के स्तर पर है। इसमें स्कॉर्पीन क्लास की पनडुब्बियों से लेकर फ्रिगेट्स और कोस्ट गार्ड शिप्स तक कई बड़े प्रोजेक्ट शामिल हैं। कंपनी की रणनीति है कि वह केवल निर्माण तक सीमित न रहकर शिप रिपेयरिंग और इंटरनेशनल प्रोजेक्ट्स में भी सक्रियता बढ़ाए।
फाइनेंशियल रिपोर्ट में जबरदस्त ग्रोथ
वित्तीय वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही में मझगांव डॉक ने बेहतरीन नतीजे पेश किए हैं। कंपनी का कुल रेवेन्यू 34 प्रतिशत बढ़ा है, वहीं नेट प्रॉफिट में 61 प्रतिशत की तेजी दर्ज की गई है। EBITDA मार्जिन 20 प्रतिशत से ज्यादा बना हुआ है, जो इंडस्ट्री एवरेज से कहीं बेहतर है। इसके अलावा, कंपनी की बैलेंस शीट लगभग कर्ज मुक्त है और इसके पास अच्छा-खासा कैश रिजर्व भी मौजूद है।
टेक्निकल चार्ट्स पर मजबूत स्थिति
टेक्निकल एनालिसिस के अनुसार, मझगांव डॉक का स्टॉक फिलहाल 50-DMA और 200-DMA के ऊपर बना हुआ है। RSI यानी रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स 64 के पास है, जो ओवरबॉट जोन से थोड़ा नीचे है और यह दर्शाता है कि स्टॉक में और तेजी की गुंजाइश बनी हुई है। डेली चार्ट्स पर यह स्टॉक 'कंसोलिडेशन' फेज में है और अगर यह 3,200 रुपये का स्तर पार करता है, तो इसमें एक नई रैली शुरू हो सकती है।
विदेशी निवेशकों की बढ़ती रुचि
इस स्टॉक में एफआईआई यानी फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स और डीआईआई यानी डोमेस्टिक इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स दोनों की होल्डिंग्स में इजाफा देखा गया है। मार्च तिमाही में दोनों कैटेगरी ने अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है। साथ ही म्यूचुअल फंड्स भी इस स्टॉक को अपनी पोर्टफोलियो में शामिल कर रहे हैं। इससे कंपनी की लॉन्ग टर्म पोजिशन और मजबूत हो रही है।
डिफेंस सेक्टर में खास पहचान
मझगांव डॉक भारत के सबसे पुराने और भरोसेमंद शिपयार्ड्स में से एक है। यह भारतीय नौसेना के लिए एडवांस्ड पनडुब्बियों और युद्धपोतों के निर्माण में अग्रणी है। कंपनी की तकनीकी क्षमता, कुशल श्रमिक बल और स्ट्रॉन्ग सप्लाई चेन नेटवर्क इसे बाजार में प्रतिस्पर्धा से आगे बनाए हुए है।