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कश्मीर में फल उद्योग प्रभावित, NH-44 बंद होने से उत्पादक और ट्रक मालिक परेशान, श्रीनगर में किया प्रदर्शन

कश्मीर में फल उद्योग प्रभावित, NH-44 बंद होने से उत्पादक और ट्रक मालिक परेशान, श्रीनगर में किया प्रदर्शन

कश्मीर घाटी में श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर लगातार नाकेबंदी से फल उत्पादक, किसान और ट्रक मालिक परेशान हैं। सोमवार को परिमपोरा फल मंडी में शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर नुकसान और समस्या पर ध्यान आकर्षित किया गया।

Jammu Kashmir News: श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर पिछले तीन हफ्तों से नाकेबंदी के कारण कश्मीर घाटी के फल उत्पादक और ट्रक मालिक गंभीर नुकसान झेल रहे हैं। सोमवार (15 सितंबर) को परिमपोरा फल मंडी में किसान, उत्पादक और परिवहन संघों ने शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किया, ताकि प्रशासन इस समस्या पर तुरंत कार्रवाई करे।

कश्मीर में NH-44 नाकेबंदी से फल उद्योग पर असर

जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-44) पर लगातार तीन हफ्तों से नाकेबंदी के कारण कश्मीर घाटी के फल उत्पादक और ट्रक मालिक भारी आर्थिक नुकसान झेल रहे हैं। उधमपुर जिले के थराद और बल्ली नाला के बीच 300 मीटर लंबा संकरा और कीचड़ भरा रास्ता मुख्य समस्या का केंद्र बना हुआ है। केवल 700–1000 वाहन ही गुजर पा रहे हैं, जबकि सामान्य दिनों में 10,000 वाहन संचालन में होते हैं।

अधिकारियों के अनुसार, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने हाल ही में सड़क का निर्माण किया था, क्योंकि पहाड़ के मलबे और बारिश के कारण सड़क बह गई थी। हल्के वाहनों के लिए मार्ग खुला है, लेकिन फलों से लदे भारी ट्रकों का आवागमन अभी भी बाधित है।

जमीनी स्तर पर बिगड़े हालात 

श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग पर व्यवधान के कारण घाटी की फल मंडियों में स्थिति और बिगड़ गई है। कृषि उत्पादन विभाग और बागवानी मंत्री जावीद अहमद डार मौके पर पहुंचे और फलों से लदे ट्रकों की निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए उपायों का जायजा लिया।

फल उत्पादक संघ के अध्यक्ष बशीर अहमद बशीर ने कहा कि सेब, नाशपाती और अन्य ताजे फलों से लदे ट्रकों को लगातार नाकेबंदी के कारण भारी नुकसान हो रहा है। पीक सीजन में भी केवल 700 वाहन ही गुजर पा रहे हैं, जिससे उत्पादकों की आमदनी प्रभावित हो रही है।

उत्पादक और ट्रक मालिकों ने श्रीनगर में किया विरोध प्रदर्शन

केवीएफजी संघ ने राजमार्ग पर नाकेबंदी के विरोध में घाटी की सभी फल मंडियों को अगले दो दिन के लिए बंद करने का ऐलान किया है। अध्यक्ष ने बताया कि शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन अगले 48 घंटों में अन्य मंडियों तक भी फैलाए जाएंगे, ताकि सरकार और एनएचएआई पर दबाव बनाया जा सके।

उधमपुर के थराद इलाके में 28 अगस्त को हुए भारी भूस्खलन में एक किलोमीटर से अधिक सड़क नष्ट हो गई थी। अस्थायी सड़क का धंसना भारी वाहनों की आवाजाही रोक रहा है, जिससे फलों से लदे ट्रकों को गंभीर नुकसान हो रहा है।

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