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कृष्ण जन्मभूमि विवाद! कोर्ट ने कौशल किशोर का नाम हटाने का आवेदन लिया खारिज, अगली सुनवाई 9 अक्टूबर

कृष्ण जन्मभूमि विवाद! कोर्ट ने कौशल किशोर का नाम हटाने का आवेदन लिया खारिज, अगली सुनवाई 9 अक्टूबर

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कृष्णलला के मित्र कौशल किशोर का नाम वादी सूची से हटाने के आवेदन को खारिज कर दिया। अदालत ने कहा कि वादी को हटाने के लिए ठोस कारण होना जरूरी है। अगली सुनवाई 9 अक्टूबर को।

New Delhi: मथुरा स्थित श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कृष्णलला के निकटतम मित्र कौशल किशोर का नाम वादी सूची से हटाने के अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह द्वारा दायर आवेदन को खारिज कर दिया। यह आवेदन इसलिए दिया गया था क्योंकि अधिवक्ता का आरोप था कि कौशल किशोर नए प्रार्थना पत्र दाखिल कर वाद को प्रभावित कर रहे हैं।

वादी संख्या और अदालत की प्रतिक्रिया

सुनवाई शुक्रवार को हुई, जिसमें न्यायमूर्ति राम मनोहर नारायण मिश्र की एकल पीठ ने आवेदन को खारिज करते हुए कहा कि कौशल किशोर के नाम को वादी सूची से हटाने का कोई औचित्य नहीं है। अदालत ने कहा कि किसी भी वादी को नाम हटाने के लिए पर्याप्त कारण होना चाहिए, और प्रस्तुत आरोप वाद को खराब करने के संबंध में पर्याप्त नहीं माना गया।

प्रतिनिधि वाद पर बहस

सुनवाई में वाद संख्या चार को प्रतिनिधि वाद बनाने पर बहस भी हुई। अदालत ने इस पर कोई अंतिम निर्णय फिलहाल नहीं दिया, लेकिन वाद संख्या 17 को पहले ही प्रतिनिधि वाद के रूप में तय कर दिया गया है। प्रतिनिधि वाद का मतलब होता है कि एक वादी पूरे समूह का प्रतिनिधित्व करेगा और उसकी दलीलें सभी वादियों पर लागू होंगी। इससे कोर्ट की कार्यवाही सरल और प्रभावी होती है।

अगली सुनवाई की तारीख

इस मामले में अगली सुनवाई नौ अक्टूबर को निर्धारित की गई है। अगले दौर में अदालत दोनों पक्षों की दलीलों और प्रस्तुत किए गए दस्तावेजों को विस्तार से सुनेगी और वाद संख्या चार के प्रतिनिधि वाद बनाने की संभावना पर अंतिम निर्णय लेगी।

कृष्ण जन्मभूमि मामले

श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद भारतीय न्यायिक इतिहास में एक संवेदनशील और महत्वपूर्ण मामला माना जाता है। यह मामला धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील होने के कारण पूरे देश में ध्यान केंद्रित करता है। अदालत के हर फैसले का प्रभाव सीधे-मध्यस्थता, प्रशासनिक निर्णय और भविष्य के धार्मिक स्थलों से जुड़े मामलों पर पड़ता है।

कौशल किशोर का रोल

कौशल किशोर कृष्णलला के निकटतम मित्र और वादी सूची के महत्वपूर्ण सदस्य हैं। उनके नाम को हटाने के आवेदन का खारिज होना इस बात को दर्शाता है कि अदालत वादी सूची में शामिल सभी पक्षों के अधिकारों की रक्षा कर रही है। अदालत ने स्पष्ट किया कि किसी भी वादी को बिना ठोस कारण वादी सूची से हटाना उचित नहीं है।

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