कतर पर इजरायल के हमले के बाद नए खतरे उभर रहे हैं। ईरान के पूर्व जनरल मोहसिन रेज़ाई ने दावा किया है कि इजरायल का अगला टारगेट सऊदी अरब, तुर्की और इराक हो सकता है। मुस्लिम देशों से एकजुट होने की अपील की गई।
World Update: कतर की राजधानी दोहा में हमास नेताओं पर हुए इजरायली हवाई हमले ने पूरे इस्लामिक और अरब जगत में हलचल मचा दी है। अब यह सवाल उठ रहा है कि इजरायल का अगला निशाना कौन होगा। तुर्की पहले ही आशंका जता चुका है कि अंकारा खतरे में है। वहीं, अब ईरान के एक पूर्व जनरल ने दावा किया है कि इजरायल का अगला टारगेट तुर्की के अलावा सऊदी अरब और इराक भी हो सकते हैं।
ईरानी जनरल का बड़ा दावा
ईरान इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार, ईरान के पूर्व जनरल मोहसिन रेज़ाई ने कहा है कि इजरायल अब अरब और इस्लामिक देशों की सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा बन चुका है। उन्होंने स्पष्ट चेतावनी दी कि कतर पर हमले के बाद इजरायल तुर्की, इराक और सऊदी अरब पर भी हमला कर सकता है।
रेज़ाई, जो पहले इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के प्रमुख कमांडर रहे हैं और अब ईरान की सुस्ती परिषद के सदस्य हैं, ने मुस्लिम देशों से एकजुट होकर जवाब देने की अपील की है।
मुस्लिम देशों से संयुक्त मोर्चा बनाने की अपील
रेज़ाई ने कहा कि केवल कड़े बयान देने से हालात नहीं बदलेंगे। यदि मुस्लिम और अरब देश समय रहते एकजुट नहीं हुए, तो इजरायल अपनी आक्रामक रणनीति को और आगे बढ़ा सकता है। उन्होंने कहा कि अब वक्त आ गया है जब मुस्लिम देशों को संयुक्त इस्लामिक सेना (Joint Islamic Army) बनानी होगी।
उन्होंने साफ कहा, “इकलौता समाधान है कि मुस्लिम दुनिया एक सैन्य गठबंधन बनाए और इजरायल को सामूहिक रूप से जवाब दे। अन्यथा सऊदी अरब, तुर्की और इराक भी भविष्य में हमलों का सामना कर सकते हैं।”
OIC शिखर सम्मेलन से पहले बयान
यह बयान ऐसे समय में आया है जब इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) का आपातकालीन शिखर सम्मेलन कतर में होने वाला है। सोमवार को होने वाली इस बैठक में कई इस्लामिक देश इकट्ठा होंगे। ईरान चाहता है कि इस शिखर सम्मेलन में इजरायल के खिलाफ सख्त और सामूहिक फैसला लिया जाए।
ईरान के अधिकारियों ने कहा है कि दोहा पर हुए हमले ने यह साफ कर दिया है कि कोई भी देश सुरक्षित नहीं है। इसलिए अब एक साझा रणनीति बनाना अनिवार्य हो गया है।
धार्मिक नेताओं का भी समर्थन
मोहसिन रेज़ाई के बयान को ईरान में धार्मिक नेताओं का भी समर्थन मिला है। क़ोम में सेमिनरी छात्रों के प्रतिनिधियों की सभा के प्रमुख और शिया धर्मगुरु जलाल रज़वी-मेहर ने भी मुस्लिम देशों से अपील की है कि वे एक संयुक्त इस्लामिक सेना बनाएं।
उन्होंने कहा कि इजरायल लगातार क्षेत्र की स्थिरता को खत्म कर रहा है। यदि मुस्लिम देश अलग-अलग प्रतिक्रिया देंगे तो इजरायल को रोकना असंभव होगा। लेकिन यदि सभी देश एकजुट हो गए तो यह एक मजबूत संदेश होगा।
तुर्की और सऊदी अरब पर बढ़ा दबाव
तुर्की पहले से ही आशंकित है कि इजरायल अंकारा को निशाना बना सकता है। वहीं, सऊदी अरब भी चिंतित है क्योंकि वह अमेरिका का करीबी सहयोगी होने के बावजूद इजरायल की सैन्य कार्रवाई से बचा नहीं सकता। इराक की स्थिति पहले ही नाजुक है और वहां भी इजरायली हस्तक्षेप को लेकर खतरे की आशंका जताई जा रही है।