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क्या NPS बनेगा कमाई का नया जरिया? जानें नए नियमों का राज

क्या NPS बनेगा कमाई का नया जरिया? जानें नए नियमों का राज

PFRDA ने NPS में मल्टीपल स्कीम फ्रेमवर्क (MSF) लागू किया है, जो 1 अक्टूबर 2025 से प्रभावी है। गैर-सरकारी निवेशक अब कम, मध्यम और हाई-रिस्क स्कीम्स, 100% इक्विटी निवेश और 15 साल बाद निकासी चुन सकते हैं। HDFC, Axis, ICICI, Kotak ने नई स्कीम्स शुरू कीं। लागत 0.30% AUM है, जो लचीलेपन और पारदर्शिता के लिए उचित है।

Nps reform new rules: पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) ने 1 अक्टूबर 2025 से नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में मल्टीपल स्कीम फ्रेमवर्क (MSF) लागू किया है, जो पूरे भारत में गैर-सरकारी सब्सक्राइबर्स के लिए है। यह क्या हुआ: NPS अब म्यूचुअल फंड जैसी लचीलापन देता है, जिसमें 100% इक्विटी निवेश, कम-हाई रिस्क स्कीम्स और 15 साल बाद निकासी का विकल्प शामिल है। कहां: PAN-बेस्ड PRAN के तहत देशभर में। कब: 16 सितंबर 2025 को घोषणा, 1 अक्टूबर से लागू। किसके साथ: HDFC, Axis, ICICI Prudential, Kotak जैसी कंपनियां नई स्कीम्स लॉन्च कर रही हैं। क्यों: रिटायरमेंट प्लानिंग को आधुनिक, वैयक्तिकृत और मार्केट-लिंक्ड रिटर्न्स देने के लिए। लागत 0.30% AUM तक है, जो बढ़ी हुई पारदर्शिता और लचीलेपन के लिए उचित है।

मल्टीपल स्कीम फ्रेमवर्क (MSF) से मिला अपनी पसंद का प्लान चुनने का मौका

एमएसएफ यानी मल्टीपल स्कीम फ्रेमवर्क के तहत अब गैर-सरकारी ग्राहक पारंपरिक, एकसमान निवेश मॉडल से बाहर निकलकर, कम-, मध्यम- और हाई रिस्क वाले विकल्पों में से चुन सकते हैं। यह तरीका NPS को पूरी तरह से नया रूप देता है। यह निवेशकों को लगभग म्यूचुअल फंड जितना ही कस्टमाइजेशन, लक्ष्य-आधारित आवंटन और मार्केट-लिंक्ड परफॉर्मेंस प्रदान करता है।

अब पेंशन फंडों को अलग-अलग निवेशक प्रोफाइल को ध्यान में रखकर अपने प्रोडक्ट्स डिजाइन करने की अनुमति है। इसी के तहत कई बड़े पेंशन फंड मैनेजर्स ने अपने नए और कस्टमाइज्ड (ज़रूरतों के हिसाब से बने) प्लान बाजार में उतारने शुरू कर दिए हैं।

प्रमुख फंड मैनेजर्स ने उतारे नए, कस्टमाइज्ड प्लान

निवेशकों को ज्यादा विकल्प देने की इस होड़ में कई प्रमुख फंड मैनेजर्स आगे आए हैं।

  • HDFC पेंशन फंड ने तीन शानदार ऑप्शंस पेश किए हैं। इसमें एक इनकम फंड है जो मध्यम ग्रोथ (50-75% इक्विटी) पर ध्यान देता है, एक लोन-प्रधान फंड जिसमें 100% तक कॉर्पोरेट लोन शामिल हैं, और एक एग्रेसिव इक्विटी फंड जो 80-100% तक इक्विटी एक्सपोजर देता है।
  • एक्सिस पेंशन फंड का "गोल्डन इयर्स ग्रोथ फंड" भी पीछे नहीं है। यह 65-100% शेयरों में निवेश के साथ लॉन्ग-टर्म इक्विटी स्ट्रैटेजी अपनाता है। इसमें सीमित जोखिम के साथ लोन में संतुलन बनाया गया है।
  • आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल पेंशन फंड ने 50-80% इक्विटी और 50% से कम लोन के मिक्स के साथ एक हाइब्रिड स्कीम शुरू की है। यह प्लान ग्रोथ और इनकम के बीच बेहतरीन संतुलन बनाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
  • कोटक महिंद्रा पेंशन फंड ने अपने “कुबेर इक्विटी फंड” को 80-100% इक्विटी और बहुत कम लोन के साथ एक लॉन्ग-टर्म, हाई-ग्रोथ स्कीम के तौर पर पेश किया है।

यह बदलाव दिखाता है कि अब NPS भी निवेशक की उम्र, कमाई और जोखिम सहने की क्षमता के हिसाब से पूरी तरह पर्सनल हो रहा है।

60 साल की बाध्यता खत्म! अब 15 साल बाद निकासी संभव

इस स्कीम में एक और महत्वपूर्ण बदलाव किया गया है, जो इसे पहले से कहीं ज्यादा लचीला बना रहा है। अब सब्सक्राइबरों को 60 साल की उम्र तक इंतजार करने की बाध्यता नहीं है। वे अब 15 साल बाद भी निकासी कर सकते हैं। यह विकल्प उन्हें बच्चे की शिक्षा, घर खरीदने या जल्दी रिटायरमेंट जैसी महत्वपूर्ण जरूरतों के लिए समय से पहले पैसा निकालने की आजादी देता है।

हालाँकि, इस बढ़े हुए लचीलेपन के कारण कॉस्ट स्ट्रक्चर जो मैनेज्ड असेट्स (AUM) का 0.30% है, वह पहले से थोड़ा अधिक है। फिर भी, निवेशकों को मिल रहे इस बढ़े हुए लचीलेपन और पारदर्शिता के कारण इसे उचित माना जा रहा है। कुल मिलाकर, NPS के ये नए नियम इसे रिटायरमेंट प्लानिंग के साथ-साथ लॉन्ग-टर्म वेल्थ क्रिएशन (संपत्ति निर्माण) के लिए एक मजबूत और आकर्षक विकल्प बनाते हैं।

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