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LG Electronics IPO 2025: निवेश का आखिरी मौका, निवेश से पहले पढ़ें जरूरी चेतावनी

LG Electronics IPO 2025: निवेश का आखिरी मौका, निवेश से पहले पढ़ें जरूरी चेतावनी

LG Electronics का ₹11,607 करोड़ का आईपीओ 2025 में निवेशकों के लिए आखिरी दिन पर खुला है। प्रॉक्सी एडवायजरी फर्म इनगवर्न ने आकस्मिक देनदारियां, रॉयल्टी पेमेंट्स और संबंधित पक्षों से जुड़े लेन-देन के कारण निवेशकों को सतर्क किया है। कंपनी की पैरेंट कंपनी का नियंत्रण 85% बना रहेगा, और अगर विवादों में निगेटिव फैसला आता है तो कंपनी के मुनाफे पर असर पड़ सकता है।

LG Electronics IPO: एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स का ₹11,607 करोड़ का आईपीओ 2025 में निवेशकों के लिए आखिरी दिन पर खुला है। टाटा कैपिटल और एचडीबी फाइनेंशियल के बाद यह साल का तीसरा सबसे बड़ा आईपीओ है। प्रॉक्सी एडवायजरी फर्म इनगवर्न ने निवेशकों को चेतावनी दी है कि ₹4,717 करोड़ की आकस्मिक देनदारियां, रॉयल्टी पेमेंट्स और संबंधित पक्षों से जुड़े लेन-देन कंपनी के नेटवर्थ पर दबाव डाल सकते हैं। आईपीओ के बाद पैरेंट कंपनी का 85% नियंत्रण रहेगा, जिससे बोर्ड पर माइनॉरिटी निवेशकों का प्रभाव सीमित होगा।

IPO का आकार और आरक्षित हिस्सेदारी

LG Electronics के इस आईपीओ में हर श्रेणी के लिए आरक्षित हिस्सेदारी भर चुकी है। यह आईपीओ घरेलू और विदेशी दोनों तरह के निवेशकों के लिए खुला है। निवेशकों को बोली लगाने का अंतिम अवसर आज है। ऐसे में निवेश से पहले कंपनी से जुड़े वित्तीय और कानूनी जोखिमों को जानना आवश्यक है।

आकस्मिक देनदारियों का मामला

इनगवर्न रिसर्च सर्विसेज ने LG Electronics के IPO को लेकर निवेशकों को सतर्क किया है। कंपनी पर कुल 4,717 करोड़ रुपये की आकस्मिक देनदारी हो सकती है। इसका लगभग 73 प्रतिशत हिस्सा कंपनी के नेटवर्थ के बराबर है। ये देनदारियां मुख्य रूप से इनकम टैक्स, एक्साइज और सर्विस टैक्स से जुड़ी हैं। इनगवर्न का कहना है कि यदि इनमें से कोई मामला कंपनी के पक्ष में नहीं आता है, तो इसका असर कंपनी की कमाई पर पड़ सकता है।

रॉयल्टी पेमेंट और संबंधित पक्षों के लेन-देन

LG Electronics ने अपने रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस में खुलासा किया है कि अधिकांश प्रोडक्ट्स के लिए नेट सेल्स का 2.3 प्रतिशत रॉयल्टी और LCD टीवी और मॉनीटर्स के लिए 2.4 प्रतिशत रॉयल्टी निर्धारित है। वित्त वर्ष 2023-25 में रॉयल्टी के रूप में कंपनी ने अपने रेवेन्यू का 1.63 से 1.9 प्रतिशत भुगतान किया।

इनगवर्न ने चेतावनी दी है कि प्रमोटर्स रॉयल्टी चार्जेज बढ़ा सकते हैं और बिना शेयरहोल्डर्स की मंजूरी के घरेलू उत्पादन पर 5 प्रतिशत तक रॉयल्टी ले सकते हैं। इस प्रावधान से कंपनी के मार्जिन पर दबाव आ सकता है। प्रमोटर्स के चलते कंपनी पर 315 करोड़ रुपये की आकस्मिक रॉयल्टी देनदारी है। यदि दक्षिण कोरिया की टैक्स अथॉरिटी इस पर सवाल उठाती है, तो इसका कारोबार पर निगेटिव असर पड़ सकता है।

IPO के बाद भी LG Electronics इंडिया में इसकी पैरेंट कंपनी की 85 प्रतिशत हिस्सेदारी बनी रहेगी। इनगवर्न का कहना है कि इस कारण बोर्ड के फैसलों में माइनॉरिटी शेयरहोल्डर्स का प्रभाव सीमित रह सकता है। निवेशकों के लिए यह एक महत्वपूर्ण जोखिम हो सकता है क्योंकि रणनीतिक निर्णयों में उनकी भागीदारी न्यूनतम होगी।

वित्तीय प्रदर्शन

LG Electronics इंडिया ने वित्त वर्ष 2025 में 24,367 करोड़ रुपये का कंसालिडेटेड रेवेन्यू और 2,203 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट हासिल किया। कंपनी का रेवेन्यू पिछले कुछ वर्षों में 10.9 प्रतिशत की चक्रवृद्धि दर से बढ़ा है। वित्त वर्ष 2025 में इसका ऑपरेटिंग प्रॉफिट मार्जिन 12.8 प्रतिशत रहा। कंपनी पर कोई कर्ज नहीं है और RoCE भी मजबूत है।

हालांकि, इनगवर्न ने चेतावनी दी है कि यदि आकस्मिक देनदारियों का भुगतान करना पड़ा या रॉयल्टी बढ़ाई गई, तो यह कंपनी की वित्तीय स्थिति पर असर डाल सकता है। निवेशकों को इन संभावित जोखिमों का ध्यान रखना चाहिए।

IPO में निवेश करने से पहले क्या समझना जरूरी है

इनगवर्न के अनुसार, निवेशक इस IPO में निवेश करने से पहले कंपनी की आकस्मिक देनदारियों, रॉयल्टी प्रावधानों और बोर्ड नियंत्रण की स्थिति को समझ लें। साथ ही, यदि कानूनी मामलों में कंपनी के खिलाफ फैसला आता है, तो इसका असर शेयर की कीमत पर पड़ सकता है।

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