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RBI ने रद्द किया Jijamata Mahila Sahakari Bank का लाइसेंस, ग्राहक अब नहीं निकाल पाएंगे पैसे

RBI ने रद्द किया Jijamata Mahila Sahakari Bank का लाइसेंस, ग्राहक अब नहीं निकाल पाएंगे पैसे

RBI ने महाराष्ट्र के सतारा स्थित Jijamata Mahila Sahakari Bank का लाइसेंस रद्द कर दिया। बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावना न होने के कारण ग्राहक अब न तो पैसे जमा कर सकेंगे और न ही निकाल पाएंगे। डीआईसीजीसी बीमा के तहत जमाकर्ताओं को अधिकतम 5 लाख रुपये तक की राशि मिल सकेगी।

Banking License: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सतारा, महाराष्ट्र स्थित Jijamata Mahila Sahakari Bank का बैंकिंग लाइसेंस रद्द कर दिया है। बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावना नहीं होने के चलते यह कदम उठाया गया। 7 अक्टूबर 2025 से बैंकिंग कारोबार बंद हो गया है, जिससे ग्राहक न तो जमा कर पाएंगे और न ही पैसे निकाल सकेंगे। RBI ने कहा कि परिसमापन के दौरान डीआईसीजीसी बीमा के तहत जमाकर्ताओं को अधिकतम 5 लाख रुपये तक की राशि मिल सकेगी।

RBI ने क्यों लिया यह कदम

आरबीआई ने बयान में कहा कि बैंक की वित्तीय स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही थी। बैंक ने रिजर्व बैंक के फोरेंसिक ऑडिट में भी सहयोग नहीं किया, जिसके कारण ऑडिट पूरा नहीं हो सका। बैंक का बैंकिंग लाइसेंस पहले 30 जून, 2016 को रद्द कर दिया गया था, लेकिन बैंक की अपील पर 23 अक्टूबर, 2019 को लाइसेंस बहाल कर दिया गया था। इस बार फिर से बैंक की स्थिति और ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर लाइसेंस रद्द करने का फैसला किया गया।

RBI ने कहा कि बैंक के पास न केवल पर्याप्त पूंजी नहीं है बल्कि आने वाले समय में कमाई की भी संभावना नहीं है। बैंक को अपना बैंकिंग कारोबार जारी रखने की अनुमति दी गई होती, तो इससे आम जनता और जमाकर्ताओं के हित पर नकारात्मक असर पड़ता।

बैंकिंग कारोबार पर रोक

आरबीआई ने स्पष्ट किया कि 7 अक्टूबर, 2025 से बैंकिंग कारोबार पूरी तरह बंद हो गया है। इसके तहत बैंक को जमा स्वीकार करने और जमा राशि का पुनर्भुगतान करने से रोका गया है। परिसमापन प्रक्रिया के दौरान प्रत्येक जमाकर्ता जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम (DICGC) के तहत अपनी जमा राशि पर 5 लाख रुपये तक की दावा राशि प्राप्त कर सकेगा।

30 सितंबर, 2024 तक, बैंक की कुल जमा राशि का 94.41 प्रतिशत DICGC बीमा के तहत कवर किया गया था। आरबीआई ने कहा कि बैंक अपनी मौजूदा जमा राशि का पूरा भुगतान करने में असमर्थ होगा। यही कारण है कि अब बैंक को बंद करना जरूरी हो गया।

फोरेंसिक ऑडिट में असहयोग

RBI ने पहले एक फोरेंसिक ऑडिटर नियुक्त किया था, ताकि वित्त वर्ष 2013-14 के लिए बैंक का विस्तृत ऑडिट किया जा सके। हालांकि, बैंक के असहयोग के कारण ऑडिट पूरा नहीं हो सका। रिजर्व बैंक ने कहा कि ऑडिट रिपोर्ट से पता चला कि बैंक की वित्तीय स्थिति लगातार कमजोर हो रही थी।

बैंक के संचालन में अनियमितताएं और कमजोर पूंजी संरचना यह संकेत दे रही थीं कि बैंक को अपने कारोबार को जारी रखने की अनुमति देना आम जनता के हित में नहीं होगा। इसलिए RBI ने लाइसेंस रद्द करने का कदम उठाया।

बैंक की पिछली स्थिति और इतिहास

Jijamata Mahila Sahakari Bank, सतारा, महाराष्ट्र का इतिहास कई उतार-चढ़ावों वाला रहा है। पहले भी बैंक का लाइसेंस रद्द और बहाल किया जा चुका है। बैंक की वित्तीय स्थिति और पूंजी की कमी ने लगातार संकट पैदा किया। RBI ने बार-बार चेतावनी दी थी, लेकिन सुधार नहीं होने के कारण अंततः लाइसेंस रद्द करना पड़ा।

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