लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) अब अपनी वर्षों से खाली पड़ी दुकानों और भूखंडों के बेहतर उपयोग की दिशा में बड़ा कदम उठाने जा रहा है। करीब 15 साल से शहर की अलग-अलग योजनाओं में खाली पड़ी 100 से ज्यादा दुकानों को अब नीलामी की जगह ‘पहले आओ, पहले पाओ’ नीति के तहत बेचा जाएगा। यह प्रस्ताव 4 अगस्त को होने वाली बोर्ड बैठक में मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा।
प्राधिकरण का मानना है कि इस लचीली रणनीति से दुकानों की बिक्री को रफ्तार मिलेगी और एलडीए की आय में भी इजाफा होगा। लंबे समय से ये दुकानें ऊंची कीमतों और खराब अवस्थिति के चलते बिक नहीं पा रही थीं, जिससे योजना क्षेत्रों में व्यावसायिक गतिविधियां भी प्रभावित हो रही थीं।
भूखंडों का बदलेगा लेआउट
एलडीए न सिर्फ दुकानों की बिक्री नीति में बदलाव कर रहा है, बल्कि 40 से अधिक भूखंडों का लेआउट और भू-उपयोग भी बदलने की तैयारी में है। ये भूखंड पहले पोस्ट ऑफिस, थाने, फायर स्टेशन और सामुदायिक केंद्र जैसी सार्वजनिक सुविधाओं के लिए आरक्षित थे। लेकिन संबंधित विभागों ने इनमें रुचि नहीं दिखाई और न ही कोई विकास कार्य शुरू किए गए।
अब एलडीए इन्हें आवासीय और व्यवसायिक उपयोग के लिए खोलने जा रहा है। अधिकारियों के अनुसार, इससे शहर में नए मकान, दुकानें और ऑफिस स्पेस विकसित होंगे, जिससे रोजगार और कारोबार के अवसर भी बढ़ेंगे।
12,505 करोड़ का बजट प्रस्ताव
एलडीए ने इस साल रिकॉर्ड 12,504.97 करोड़ रुपये का बजट प्रस्ताव तैयार किया है। यह बजट 4 अगस्त को होने वाली बोर्ड बैठक में मंजूरी के लिए रखा जाएगा। इस राशि का उपयोग नई आवासीय योजनाओं, अपार्टमेंट निर्माण और जमीन अधिग्रहण जैसे कार्यों में किया जाएगा।
बजट प्रस्ताव के अनुसार, सबसे ज्यादा 7,471.93 करोड़ रुपये वरुण विहार आवासीय योजना पर खर्च किए जाएंगे, जबकि नैमिष नगर योजना के लिए 4,785.34 करोड़ रुपये का प्रावधान है। इसके अलावा विराजखण्ड, गोमतीनगर विस्तार और ऐशबाग मिल रोड में अपार्टमेंट निर्माण के लिए 50-50 करोड़ रुपये तय किए गए हैं।
पर्यटन और हरियाली को बढ़ावा देने के लिए बसंतकुंज में मैंगो थीम पार्क के लिए 7.50 करोड़ रुपये और आयुर्वेद पार्क व वेलनेस सिटी के लिए 3.20 करोड़ रुपये का प्रस्ताव है। वहीं, लोहिया पार्क में सिंथेटिक ट्रैक बनाने के लिए 4.50 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है।
शहर के विकास को मिलेगी नई रफ्तार
एलडीए का मानना है कि इन योजनाओं से न सिर्फ पुराने और निष्क्रिय पड़े संसाधनों का बेहतर उपयोग हो सकेगा, बल्कि लखनऊ में आवासीय और व्यवसायिक गतिविधियों को भी गति मिलेगी। जमीन अधिग्रहण से लेकर बहुमंजिला अपार्टमेंट्स के निर्माण तक कई परियोजनाएं लंबित हैं, जिन्हें इस बजट से बल मिलेगा।
साथ ही, पर्यटन को बढ़ावा देने वाली परियोजनाएं शहर की छवि को भी निखारेंगी। एक बार बोर्ड बैठक से प्रस्तावों को मंजूरी मिलने के बाद दुकानों की बिक्री ‘पहले आओ, पहले पाओ’ के आधार पर शुरू कर दी जाएगी और बदले गए भूखंड लेआउट के तहत नए निर्माण कार्यों को हरी झंडी मिलेगी।
यह पहल न सिर्फ प्राधिकरण की आर्थिक स्थिति मजबूत करेगी, बल्कि लखनऊ के विकास की दिशा में एक बड़ी छलांग साबित हो सकती है।