महाराष्ट्र में मुस्लिम वेलफेयर एसोसिएशन ने मंत्री नितेश राणे को कुरान का मराठी अनुवाद भेजा। यह कदम उनके विवादित बयानों की प्रतिक्रिया में उठाया गया। संगठन ने उम्मीद जताई कि वे अब इस्लाम को बेहतर समझ पाएंगे।
Maharashtra: महाराष्ट्र के लातुर में मुस्लिम वेलफेयर एसोसिएशन ने राज्य के मंत्री नितेश राणे को कुरान का मराठी अनुवाद डाक के जरिए भेजा है। यह कदम एसोसिएशन के मुफ्ती फाजिल के नेतृत्व में उठाया गया। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस प्रयास का उद्देश्य किसी तरह का टकराव नहीं बल्कि जागरूकता फैलाना है।
नितेश राणे के बयानों से बढ़ा विवाद
हाल ही में मंत्री नितेश राणे ने कुछ ऐसे बयान दिए जो विवाद का कारण बन गए। उन्होंने सुझाव दिया कि पांच वक्त की अजान मराठी में की जानी चाहिए। साथ ही यह भी कहा कि मदरसों में मुफ्त में बंदूकें मिलती हैं। इससे पहले उन्होंने एक बयान में सभी मुस्लिमों को "हरे सांप" बताया था। इन टिप्पणियों ने मुस्लिम समाज के बीच नाराजगी पैदा कर दी।
मुफ्ती फाजिल की प्रतिक्रिया
मुफ्ती फाजिल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि इंसान की पहचान उसकी जबान से होती है। उन्होंने कहा कि मंत्री की हैसियत, सोच और समझ इसी से जाहिर होती है कि वे किस तरह के बयान देते हैं। उन्होंने कहा कि कुरान-ए-पाक पढ़ने से इंसान को सच्चे इस्लाम की समझ आती है और शायद ऐसे बयान नहीं दिए जाते।
कुरान की शिक्षाओं को जानना जरूरी: मुफ्ती फाजिल
मुफ्ती फाजिल ने कहा कि कुरान में लिखा है, "ओ लोगों, अल्लाह से डरो"। यह एक ऐसा संदेश है जो हर धर्म के व्यक्ति को सोचने पर मजबूर करता है। उन्होंने कहा कि जब कोई कुरान की गहराई से समझ करेगा तो खुद-ब-खुद नफरत और गलतफहमी दूर हो जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि मंत्री राणे को यह किताब पढ़नी चाहिए ताकि वे समझ सकें कि इस्लाम किन मूल्यों पर आधारित है।
टोपी और दाढ़ी पर की गई टिप्पणी अनुचित: मुस्लिम संगठन
मुफ्ती फाजिल ने मंत्री राणे की उस टिप्पणी की भी आलोचना की जिसमें उन्होंने मुस्लिमों की टोपी और दाढ़ी पर सवाल उठाया था। उन्होंने कहा कि धर्म के प्रतीकों पर सवाल उठाना समाज में विभाजन की भावना को बढ़ावा देता है। यह एक जिम्मेदार नेता को शोभा नहीं देता।
शिक्षा और संस्कृति का सम्मान जरूरी
मुफ्ती फाजिल ने यह भी कहा कि मंत्री राणे एक पढ़े-लिखे व्यक्ति हैं और एक प्रतिष्ठित राजनीतिक परिवार से आते हैं। ऐसे में उनसे यह अपेक्षा नहीं की जाती कि वे समाज को बांटने वाले बयान दें। उन्होंने आग्रह किया कि नेता यदि किसी धर्म या संस्कृति के बारे में टिप्पणी करें तो पहले उसकी गहराई से जानकारी लें।
कुरान पढ़ने के फायदे पर जोर
मुफ्ती ने कहा कि कुरान कोई भी पढ़ सकता है। यह सिर्फ मुसलमानों की किताब नहीं, बल्कि मानवता का मार्गदर्शन है। उन्होंने कहा कि कुरान पढ़ने वाला व्यक्ति नफरत नहीं फैलाता बल्कि समाज में भाईचारा बढ़ाता है। उन्होंने उम्मीद जताई कि नितेश राणे जब इस अनुवाद को पढ़ेंगे तो उनके विचारों में बदलाव आएगा।