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मायावती ने पश्चिमी यूपी में किया बड़ा संगठनात्मक बदलाव, BSP की चुनावी तैयारी मजबूत

मायावती ने पश्चिमी यूपी में किया बड़ा संगठनात्मक बदलाव, BSP की चुनावी तैयारी मजबूत

बसपा सुप्रीमो मायावती ने पश्चिमी यूपी और मेरठ मंडल में संगठनात्मक बदलाव किए हैं। पूर्व राज्यसभा सांसद मुनकाद अली, गिरीश चंद्र जाटव और सूरज सिंह जाटव को पश्चिम क्षेत्र का प्रभारी नियुक्त किया गया, ताकि चुनावी तैयारियां मजबूत हों।

लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (BSP) की सुप्रीमो मायावती ने लखनऊ में हाल ही में आयोजित रैली के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बड़े संगठनात्मक फेरबदल किए हैं। इस रैली में पार्टी ने प्रदेशभर से भारी संख्या में समर्थकों को एकत्रित किया और अपनी ताकत का प्रदर्शन किया।

रैली की सफलता और पश्चिमी यूपी में पार्टी की बढ़ती भूमिका को देखते हुए, पूर्व राज्यसभा सांसद मुनकाद अली, पूर्व सांसद गिरीश चंद्र जाटव और वरिष्ठ नेता सूरज सिंह जाटव को पश्चिमी क्षेत्र का प्रभारी नियुक्त किया गया है। पार्टी के इस कदम का उद्देश्य ज़मीनी स्तर पर दलित और मुस्लिम समुदायों के बीच संगठन को मजबूत करना और आगामी चुनावों के लिए तैयार रहना है।

पश्चिमी यूपी में पार्टी संगठन को मजबूत किया

पश्चिमी यूपी राजनीतिक दृष्टि से पार्टी के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्र है। संगठन में किए गए बदलाव का मकसद इस क्षेत्र में पार्टी की पकड़ को मजबूत करना और स्थानीय नेतृत्व की सक्रियता बढ़ाना है।

सुप्रीमो मायावती के निर्देश पर अब सूरज सिंह जाटव पश्चिमी क्षेत्र में सक्रिय होंगे और मुनकाद अली व गिरीश चंद्र जाटव भी स्थानीय नेतृत्व और चुनावी रणनीति को मजबूती प्रदान करेंगे। इससे पार्टी ज़मीनी स्तर पर समर्थन जुटाने और रणनीतिक योजना बनाने में सक्षम होगी।

मेरठ मंडल में भी बदलाव

बसपा ने मेरठ मंडल में बड़े फेरबदल भी किए हैं। मंडल की जिम्मेदारी अब डॉ. कमल सिंह राज, मेघानंद जाटव, रोहताश सिंह जाटव और परवेज़ आलम (गोलू) को दी गई है। इससे पार्टी का संगठनात्मक ढांचा और मजबूत होगा।

इसके अलावा, मुरादाबाद मंडल की जिम्मेदारी निभा रहे कमलराज सिंह को मेरठ मंडल सौंपा गया है, जबकि अलीगढ़ मंडल का प्रभार सतपाल सिंह पेपला को दिया गया है। इस तरह पार्टी ने केंद्रीय और पश्चिमी यूपी में अपने संगठन को सुदृढ़ किया है।

लखनऊ रैली और संगठन सुधार से ताकत बढ़ी

बसपा ने 9 अक्टूबर को कांशीराम महापरिनिर्वाण दिवस पर लखनऊ में एक बड़ी रैली आयोजित की थी। इस रैली में भारी संख्या में लोग शामिल हुए और पार्टी ने अपनी राजनीतिक ताकत का प्रदर्शन किया।

रैली और संगठनात्मक बदलाव का मकसद दलित-मुस्लिम समीकरण को मजबूत करना और पश्चिमी यूपी में चुनावी रणनीति को प्रभावी बनाना है। पार्टी अब इस क्षेत्र में जनता के बीच सीधे संपर्क बढ़ाने के लिए नए नेताओं और प्रभारीयों को सक्रिय कर रही है।

बसपा ने 2027 चुनाव की तैयारी शुरू

बसपा में किए गए ये बदलाव साल 2027 के विधानसभा और लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखकर किए गए हैं। पश्चिमी यूपी और मेरठ मंडल में नए प्रभारी नियुक्त होने से पार्टी की ज़मीनी संगठन क्षमता और चुनावी रणनीति को मजबूती मिलेगी।

विश्लेषकों के अनुसार, यह बदलाव मायावती की चुनावी रणनीति और संगठनात्मक कौशल को उजागर करता है। आने वाले महीनों में पार्टी की ओर से अधिक संगठनात्मक सुधार और रणनीतिक कदम उठाए जा सकते हैं, ताकि 2027 के चुनाव में पार्टी बेहतर प्रदर्शन कर सके।

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